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नीरज चोपड़ा से जीत का मंत्र ले खंडरा की बेटी ने भरी उड़ान, जेवलिन थ्रो में जीता ब्रांज

पानीपत के बेटी दीपिका ने नीरज चोपड़ा से जीत का मंत्र ले नई उड़ान भरी है। खंडरा की दीपिका ने जेवलिन थ्रो में ब्रांज मेडल जीत अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। दीपिका ब्रांज मेडल जीत गांव लौटी तो मां सुषमा ने बेटी की आरती उतारी और मुंह मिट्ठा करवाया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 04:52 PM (IST)
नीरज चोपड़ा से जीत का मंत्र ले खंडरा की बेटी ने भरी उड़ान, जेवलिन थ्रो में जीता ब्रांज
पानीपत के खंडरा गांव की दीपिका नीरज चोपड़ा के साथ।

थर्मल(पानीपत), [सुनील मराठा]। 12वीं हरियाणा स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में संस्कृति स्कूल खंडरा की छात्रा दीपिका चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में ब्रोंज मेडल जीता। एथलेटिक हरियाणा की ओर से आयोजित यह प्रतियोगिता 14-15 मई को करनाल के कर्ण स्टेडियम में आयोजित हुई। मेडल जीतकर घर पहुंची दीपिका चोपड़ा का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। मां सुषमा ने बेटी की आरती उतारी और मुंह मिट्ठा करवाया। बेटी का माथा चूम कर उसे गले लगा लिया।

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नीरज चोपड़ा से पूछा था जीत का मंत्र

नीरज के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद खंडरा गांव के बच्चों का जैवलिन की ओर रुझान बढ़ता चला गया। दीपिका ने भी उसी समय जैवलिन थामी थी। मैडल जीतने के बाद जब नीरज पहली बार अपने गांव में संस्कृति स्कूल में आया था तो दीपिका ने नीरज से पूछा था कि भैया आप जेवलिन इतनी दूर कैसे फैंक लेते हो। नीरज ने दीपिका को कहा था कि मन लगाकर अभ्यास करो। आप भी विश्व चैम्पियन बनोगे। दीपिका ने उसी दिन से कड़ा अभ्यास शुरु कर दिया था।

खंड व जिला स्तर पर जीत चुकी गोल्ड

दीपिका संस्कृति पब्लिक स्कूल खंडरा में 12वीं कक्षा की छात्रा है। उसने लगभग 8 माह पहले अगस्त,2021 में जैवलिन का अभ्यास शुरू किया था। स्कूल चेयरमैन कर्मवीर चोपड़ा के सहयोग से खेल कोच हरेंद्र उर्फ मोटू ने दीपिका को जैवलिन थ्रो सिखाना शुरू किया। एक माह की प्रैक्टिस से ही ब्लाक स्तर पर गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद 19 सितंबर 2021 को जिला स्तर पर हुई जेवलिन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता।

100 से ज्यादा बच्चे करते हैं जेवलिन का अभ्यास

संस्कृति पब्लिक स्कूल खंडरा के चेयरमैन कर्मवीर चोपड़ा ने बताया कि नीरज के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद गांव के बच्चों में जैवलिन की के प्रति जुनून पैदा हो गया था। बच्चों का जुनून देखते हुए उसने स्कूल में जैवलिन थ्रो कोच से बच्चों को प्रशिक्षण दिलाना शुरू किया। शुरू में कोच हरेंद्र उर्फ मोंटू बच्चों को प्रशिक्षण देते थे। लगभग 1 माह से कोच जितेंद्र बच्चों को जैवलिन का प्रशिक्षण दे रहे हैं। स्कूल के कई बच्चे खंड व जिला स्तर पर मेडल जीत चुके हैं। संस्कृति पब्लिक स्कूल खंडरा के खेल ग्राउंड में सुबह शाम 100 से ज्यादा बच्चे अभ्यास करने के लिए आते हैं। खेल की बारीकियां समझाने के लिए समय-समय पर नीरज भी अपने आप स्कूल में पहुंच जाता है और स्कूल के बच्चों के साथ खेलते हुए उनको जेवलिन का प्रशिक्षण भी देता है।

भैया की तरह ओलिंपिक में जीतना है गोल्ड : दीपिका

दीपिका संस्कृति पब्लिक स्कूल खंडरा की 12वीं कक्षा की छात्रा है व उसका भाई युवराज दसवीं कक्षा का छात्र है। दोनों ही जेवलिन के खिलाड़ी हैं। दीपिका के पिता पवन कुमार एक साधारण से किसान है व उसकी माता सुषमा देवी गृहिणी है। दीपिका ने बताया कि उसके पिता पवन कुमार सुबह-शाम खुद उसके साथ खेलने के लिए जाते हैं  साथ में रेस लगाते हैं व अभ्यास करवाते हैं। स्कूल चेयरमैन कर्मवीर चोपड़ा की ओर से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। दीपिका ने बताया कि कोच हरेंद्र व जितेंद्र जागलान उन्हें जेवलिन सिखाते हैं। जब भी नीरज भैया गांव आते हैं तो वह भी उन्हें जेवलिन की बारीकियां समझाते हैं। दीपिका चोपड़ा ने बताया कि नीरज भैया की तरह ओलिंपिक में गोल्ड जीतना ही उसका भी सपना है।


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