मशरूम से मालामाल, गेहूं से एक एकड़ की आमदन 25 हजार तो मशरूम से 10 लाख की कमाई
मशरूम उत्पादक एक एकड़ में 30 गुना 100 के आकार के 10 शेड बना रहे हैं। हर माह 2 लाख 10 हजार आमदन होती है। पांच माह का सीजन होता है। हर दिन शुद्ध आमदन करीब सात हजार रुपये आती है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। मशरूम की खेती उत्पादकों को मालामाल कर रही है। किसान पराली व बांस से बने शेड में मशरूम तैयार कर रहे हैं। एक एकड़ में 30 गुना 100 के आकार के 10 शेड बना रहे हैं। उत्पादकों के अनुसार हर दिन शुद्ध आमदन करीब सात हजार रुपये, जबकि गेहूं की यदि बात की जाए तो छह माह में प्रति एकड़ 25 हजार रुपये की आमदन है। यह तब है जब जमीन ठेके पर न ली गई हो। जबकि मशरूम के पांच माह के सीजन में यही आमदन बढ़कर 10 लाख रुपये से अधिक हो जाती है। उद्यान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मशरूम उत्पादन इन दिनों मुनाफे की खेती है।
ऐसे जानिए मशरूम से आमदन
एक एकड़ में 10 शेड
एक दिन में पैदावार : 7 क्विंटल
प्रति किलो रेट : औसत 70 रुपये
एक दिन की आमदन : 49 हजार रुपये
एक दिन का खर्च : 42 हजार रुपये
शुद्ध लाभ : 07 हजार रुपये प्रतिदिन
एक माह का लाभ : 2 लाख 10 हजार
सीजन पांच माह चलता है।
यह है गेहूं का आंकड़ा
प्रति एकड़ गेहूं की पैदावार : औसत 18 क्विंटल
रेट : 1925 रुपये प्रति क्विंटल
भूसा : पांच हजार रुपये प्रति एकड़
आमदन : करीब 40 हजार रुपये
खर्च : 15 हजार
शुद्ध आमदन : 25 हजार रुपये प्रति छह माह
पराली का भी कर रहे प्रबंधन
मशरूम उत्पादक किसान पराली से शेड तैयार करते हैं। एक शेड के लिए करीब 30 एकड़ की पराली चाहिए। मतलब मशरूम उत्पादन के साथ-साथ किसान पराली का भी बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं।
मशरूम उत्पादन के प्रति युवाओं में उत्साह
जिला उद्यान अधिकारी डा. रमेश पाल सैनी का कहना है कि मशरूम की खेती लाभकारी साबित हो रही है। आर्थिक स्तर सुधारने के लिए किसानों को परपंरागत फसलों से मोह छोड़ना पड़ेगा। मशरूम उत्पादन के लिए विभाग की ओर से भी प्रोत्साहन दिया जाता है। युवा वर्ग में काफी उत्साह देखा जा रहा है। उत्पादक किसान यदि मेहनत से काम करें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।