कैथल में दो भाईयों की हत्या से आक्रोश, तीन दिन से नहीं हुआ शवों का संस्कार
कैथल में दो भाईयों की हत्या के मामले में परिजनों में आक्रोश है। परिजन अभी दोनों शवों का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं। परिजन 11 और लोगों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। साथ ही आर्थिक सहायता और नौकरी की मांग रखी।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। कैथल शहर की शिव कालोनी के दो सगे भाइयों अनिल और बंटी के शवों का अंतिम संस्कार तीसरे दिन भी नहीं हुआ। इस मामले में दोनों आरोपित मछली ठेकेदार गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन अब स्वजनों ने और कई शर्तें प्रशासन के सामने रख दी हैं।
उनका कहना है कि जब तक शेष 11 आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जाता और थाना सदर प्रभारी के खिलाफ पुलिस प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है, वह दाह संस्कार नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों को 50 लाख रुपये आर्थिक सहायता और एक सरकारी नौकरी देने की भी मांग दोहराई है।
स्वजनों का कहना है कि जब तब उनकी यह चारों मांगें भी नहीं पूरी होती तब वे शव भी नहीं लेंगे। शुक्रवार को बड़ी संख्या में शिव कालोनी निवासी और संबंधित समाज के लोगों ने सिविल अस्पताल में पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और इस मामले को पैसे लेकर दबाने का आरोप लगाया। सूचना मिलने पर डीएसपी कुलवंत सिंह और रविंद्र सांगवान सिविल अस्पताल पहुंचे और नारेबाजी कर रहे लोगों के बीच बैठक उन्हें समझाने का प्रयास किया।
डीएसपी के पहुंचने के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दो और मांगें उनके सामने रखीं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए चार लोगों के आर्म्स लाइसेंस बनवाए जाएं। साथ ही दो दिन जाम लगाने वालों के खिलाफ पुलिस ने जो मुकदमे दर्ज किए हैंं वह रद किए जाएं। स्वजनों का कहना था कि एससी-एसटी एक्ट के तहत इस तरह के मामलों में पीड़ित परिवार को तत्काल साढ़े चार लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। दोनों मृतकों की पत्नियों को जब तक यह चैक नहीं मिल जाते, वह शव नहीं उठाएंगे।
यह है मामला
देवीगढ़ रोड स्थित शिव कालोनी निवासी 38 वर्षीय अनिल और उसका छोटा भाई 35 वर्षीय बंटी एक अन्य युवक के साथ कुतुबपुर गांव स्थित तालाब में मछली पकड़ने के लिए गए थे। तालाब से लगातार चोरी हो रही मछलियों को लेकर ठेकेदार भी चिंतित थे। इसे लेकर ठेकेदारों ने मछली चोरों को पकड़ने के लिए योजना बनाई। छह दिसंबर को जैसे ही तीनों युवक मछली पकड़ने के लिए तालाब के नजदीक पहुंचे तो दोनों ठेकेदार संजय और विक्रम वहां आ गए। ठेकेदारों को देख तीनों युवकों ने तालाब में छलांग लगा दी। अनिल और एक अन्य युवक को तो ठेेकेदारों ने निकाल लिया, लेकिन बंटी बाहर नहीं आया। अंधेरे का फायदा उठाते हुए युवक फरार हो गया, जबकि अनिल को ठेकेदारों ने पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट कर पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर पुलिस को बुला लिया। लेकिन अनिल की ज्यादा पिटाई के डर से कोई कार्रवाई न करवाने की बात कही। इस कारण पुलिस वापस लौट गई और परिवार वालों को बुलाकर अनिल को उनके हवाले कर दिया। ठेकेदारों को यह कतई जानकारी नहीं थी की बंटी तालाब में ही है। उन्हें यही लगा कि दो युवक मछली पकड़ रहे थे और एक फरार हो गया। अनिल की मौत के बाद यह सामने आया कि बंटी भी उसी दिन से घर से लापता है। इसके बाद तालाब से बुधवार को उसका शव तालाब से मिला था। इस पर परिवार के लोगों और शिव कालाेनी के लोगों ने नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था। इससे पहले उन्होंने पिहोवा चौक पर भी जाम लगाया था।