यमुनानगर विधायक के गनमैन का हत्यारोपित बरी, वीडियो में घायल की मदद करता दिखा
मृतक के पिता के मुताबिक आरोपित ने पुरानी रंजिशन बेटे को गोली मार भागने का प्रयास किया था। लेकिन कोर्ट में जो वीडियो पेश की गई उसमें आरोपित घायल की मदद करता नजर आया। मेडिकल जांच में पाया गया कि वारदात के दिन पुनीत नशे की हालत में था।
यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर विधायक घनश्यामदास अरोड़ा के गनमैन 32 वर्षीय पुनीत सिं हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायधीश दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने विशाल कालोनी के जगविंद्र को बरी कर दिया। वारदात एक जुलाई 2018 को बूडिया चौक पर ढाबे के सामने हुई थी। शिकायकर्ता के मुताबिक आरोपित ने उसके बेटे को गोली मारकर भागने का प्रयास किया, लेकिन कोर्ट में जो वीडियो पेश की गई, उसमें आरोपित जगविंद्र घायल पुनीत को उठाने का प्रयास करता नजर आया। मेडिकल जांच में पाया गया कि वारदात के दिन पुनीत नशे की हालत में था। चश्मदीद गवाह के बयानों को भी कोर्ट ने सिरे से नकार दिया। एडवोकेट विमल कुमार अरोड़ा ने मामले की पैरवी की।
गर्दन में लगी थी गोली
एक जुलाई 2018 को गांधी नगर कालोनी अमादलपुर रोड निवासी पुनीत को बूडिया चौक स्थित ढाबे के सामने गर्दन में गोली लगी थी। इसके बाद वहां लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया। गंभीर हालत को देखकर उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। जहां 30 जुलाई 2018 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पिता की शिकायत पर दर्ज किया था केस शहर जगाधरी पुलिस ने मृतक के पिता मुख्तयार सिंह की शिकायत पर विशाल कालोनी निवासी जगविंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था। वर्ष 2012 में पुनीत सिंह हरियाणा पुलिस में भर्ती हुआ। वह विधायक घनश्यामदास अरोड़ा का गैनमैन था। शिकायकर्ता के मुताबिक जगविंद्र सिंह ने पुरानी रंजिश के चलते उसके बेटे की सर्विस रिवॉल्वर छीन कर गोली मार दी। वारदात से पहले दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई और हाथपाई हुई। इस दौरान जगविंद्र ने पुनीत की बेल्ट में लगी सर्विस रिवॉल्वर निकाल ली। जान से मारने की नीयत से उसको गोली मारी।
जिस मोबाइल से वीडियोग्राफी हुई, उसे कब्जे में नहीं लिया
एडवोकेट विमल अरोड़ा ने बताया कि जिस मोबाइल से पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी हुई, पुलिस ने उसे कब्जे में ही नहीं लिया। चश्मदीद गवाह ने जो वीडियो बनाई, घटना के बाद उसे पुलिस को नहीं दिया। मृतक के पिता ने कोर्ट में बयान दिया कि वह चश्मीद गवाह अजीत को नहीं जानता, जबकि चश्मदीद गवाह ने पुनीत व उसके परिवार से अच्छे संबंध होने की बात स्वीकार की। वारदात के बाद पुनीत एक महीने तक पीजीआइ चंडीगढ़ में दाखिल रहा। फिर भी पुलिस ने उसके बयान दर्ज नहीं किए, जबकि शिकायकर्ता के मुताबिक बेटे ने उसे बताया था कि गोली जगविंद्र सिंह ने मारी है। एडवोकेट ने बताया कि पुनीत ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा था। कानूनन जो कर्मी अवकाश या फिर ड्यूटी से गैरहाजिर होता है, उसे सर्विस रिवॉल्वर जमा करानी होती है। जगविंद्र के साथ पुनीत की दोस्ती भी रही है।