एमटेक और शिक्षक लगेंगे चपरासी, आ गया रिजल्ट, FB पर हरियाणा के चर्चे
आखिरकार ग्रुप डी परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो ही गया। जो पास नहीं हो सके, उनके लिए सोशल मीडिया पर चुटकुलों की बाढ़ आ गई है। एक ने तो लिख दिया कि शादी की आखिरी उम्मीद भी टूट गई।
पानीपत, जेएनएन। डिग्री तो ली थी इंजीनियर बनने के लिए। पर नौकरी कहीं नहीं मिली। हरियाणा में ग्रुप डी यानी चपरासी की भर्ती निकली तो एमटेक-बीटेक पास छात्रों के साथ एचटेट-सीटेट पास युवाओं ने भी आवेदन कर दिया। 18 हजार 218 पदों पर लाखों युवाओं ने परीक्षा दी। रिजल्ट आया तो इंजीनियर युवाओं के हाथ सफलता लग गई। जिन्हें इंजीनियर के तौर पर पुल बनाने थे, निगमों में काम करना था, उन्हें चतुर्थ श्रेणी की नौकरी करते हुए देखा जाएगा। सोशल मीडिया पर हरियाणा के धांसू चर्चे हो रहे हैं। एक चुटकुला चल रहा है -दिल के अरमां आंसुओं में बह गए, तुम तो चपरासी लगने से भी रह गए। पढ़ें ये विशेष खबर ।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली गई ग्रुप-डी की परीक्षा में पानीपत के 67 अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी का अवसर पा लिया है। इनमें कई अधिकारियों और टीचर की योग्यता रखने एमए, बीएड, जेबीटी और बीएड की डिग्रीधारक भी शामिल हैं। वे सरकार की ग्रुप-डी की नौकरी के लिए प्राइवेट क्षेत्र की बड़ी नौकरियों को छोडऩे के लिए तैयार हैं।
बधाई का सिलसिला शुरू
ग्रुप-डी की परीक्षा का शनिवार रात को परिणाम घोषित किया गया। रविवार सुबह ही रिजल्ट सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो गया। अभ्यर्थियों ने अपने-अपने रोल नंबर देखने शुरू कर दिए। ग्रुप-डी में पास होने वाले अभ्यर्थियों को फोन पर बधाई देने वालों का सिलसिला शुरू हो गया। परीक्षा में खुद को साबित न कर पाने वाले अपनी कमियों को दूर करने में फिर से जुट गए।
टीचर की लगी ग्रुप डी की नौकरी
ददलाना गांव के शिवकुमार ने ग्रुप डी की परीक्षा पास की है। उन्होंने बताया कि वह बीए व जेबीटी पास हैं। उसने टीचर की नौकरी के लिए 2015 और 17 में दो बार एचटेट पास किया हुआ है। पहले भी टीचर की नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हो पाया। वह अब एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग करता है। उसके ग्रुप-डी में 70 नंबर आए हैं। आंसर-की देखने के बाद नौकरी के लिए कभी विश्वास होता था तो कभी टूट भी जाता था। वह अब सरकारी नौकरी पाकर खुश है। सरकार से लेटर आते ही तुरंत ज्वाइन करेगा।
हरियाणा पुलिस के सिपाही की पत्नी ग्रुप-डी में पास
बिहौली गांव के नीर दक्ष की पत्नी अनुराधा का ग्रुप डी में सिलेक्शन हुआ है। नीर दक्ष हरियाणा पुलिस में सिपाही है और अब डीजीपी कार्यालय में तैनात हैं। अनुराधा ने बताया कि वह बीए पास हैं और अब एमए अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही हैं। उसने हरियाणा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और महिला सिपाही के लिए भी टेस्ट दिया है। वह दिल्ली में रहकर कोचिंग ले रही थी। यहां पर यूपीएससी और सीजीएल की भी तैयारी कर रही है। उसकी 2016 में शादी हुई थी। अब एक वर्ष की बेटी है। वह ग्रुप-डी की नौकरी ज्वाइन कर अपनी कोचिंग जारी रखेंगी।
सोशल मीडिया पर वायरल जोक
- दिल के अरमां आंसुओं में बह गए, तुम तो चपरासी लगने से भी रह गए।
- 133 पेज की लिस्ट...म्हारे एक रोल नंबर खातर जगह कम पडग़ी।
- जो रात न चौधरी बने सोए थे, वे तड़के तड़क चपरासी बने पाए।
- देखी बात एक...चाले की,, चपरासी लाग गी बहू काले की।
- ब्याह की आखिरी उम्मीद थी, आज वा भी खत्म होग्यी।
- हम तो अफसर लागेंगे, आपा ने कोनी लागना चपरासी, इतनी छोटी नौकरी ना लाग्या आपा। दिल को तसल्ली आफ्टर ग्रुप डी रिजल्ट।
कैथल से 1037 युवाओं को मिली चतुर्थ श्रेणी नौकरी
कैथल से 1037 युवाओं का चयन हुआ है। जिन युवाओं का चयन हुआ उनमें कई बीए, बीएड, एमए, बीटेक व एचटेट व सीटेट पास छात्र भी शामिल हैं। इसके अलावा खेलों में मेडल जीतने वाले कई खिलाडिय़ों का चयन भी भर्ती में हुआ है। ग्रुप डी के रिजल्ट की लिस्ट शनिवार सांय से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। रविवार सुबह आते आते मिठाइयां बांटने का दौर शुरु हो गया। युवा नौकरी पाकर खुश हैं। हालांकि इनका कहना है कि वे आगे और भी नौकरी के लिए प्रयास करेंगे, लेकिन यह नौकरी मिलने से उनकी आर्थिक हालत में सुधार आएगा।
सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क में मिली 20 से ज्यादा युवाओं को नौकरी
भर्ती में सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क से 20 से भी ज्यादा युवाओं का चयन हुआ है। सरपंच बलकार आर्य ने सूचना को सांझा किया है। उसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि इससे पहले इन परिवारों में कोई सदस्य नौकरी पर नहीं था। अधिकतर युवा गरीब परिवारों से संबंध रखते हैं।
चार गरीब छात्रा खिलाडिय़ों का भी हुआ चयन
शिक्षा विभाग में तैनात डीपीई व हैंडबॉल के कोच विजय कुमार ने बताया कि उनकी चार छात्राओं बहुत ही गरीब छात्राओं का चयन भर्ती में हुआ है। स्कूल में रहते हुए रजनी, सुनहरी, कलाशो व रेशमा हैंडबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी रही हैं। अब भी ये यूनिवर्सिटी स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। विजय ने बताया कि चारों ही माता पिता के साथ मिलकर मजदूरी का काम करती हैं। कॉलेज में जाने के बाद भी ये खेलों के साथ साथ मजदूरी का काम करती हैं। यह नौकरी भी इनके लिए किसी सौगात से कम नहीं है।
गांव बाबा लदाना में बीटेक व एमए, बीएड को भी मिली नौकरी
गांव बाबा लदाना में करीब 15 युवाओं का चयन ग्रुप डी में हुआ है। गांव के जेबीटी शिक्षक अनिल ने यह जानकारियां सांझा की हैं। गांव के संजीव कुमार एमएसससी, बीएड, एचटेट व सीटेट पास हैं। इनका कहना है कि ये नौकरी मिलने से खुश हैं। आगे बेहतर नौकरी के लिए उनके प्रयास जारी रहेंगे। इसके अलावा नवरंग पंवार भी बीए, बीएड, एचटेट व सीटेट पास हैं। नरेश शर्मा ने बीए, बीएड व सीटेट पास किया हुआ है। हरदीप घनगस ने बीटेक व मनजीत घनगस ने मेडिकल से बीएससी की हुई है। प्रदीप शर्मा व बींद्र शर्मा का भी चयन हुआ है। सभी युवाओं का कहना है कि चतुर्थ नौकरी में चयन पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।