भैंस की ये कहानी पढ़ लिजिए, जिंदगी में काम आएगी
ऐसा हो गया तो...की सोच से बाहर निकलना ही होगा। सफलता हमारे कदमों में होगी। इसके लिए बस आपको ये टिप्स फॉलो करने होंगे। मोटिवेटर राजीव परुथी ने सफलता के ये टिप्स दिए।
पानीपत, जेएनएन। कोई बात अच्छे से समझनी हो तो हम कहानियों का सहारा लेते हैं। तो आइये, जिंदगी में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में बढऩा है तो एक कहानी से ही शुरुआत करते हैं।
दो दोस्त थे। दोनों बेरोजगार। एक दिन पंडितजी के पास गए और पूछा कि क्या काम शुरू किया जाए। पंडितजी ने कहा कि दोनों एक-एक भैंस पाल लो। दूध-मक्खन बेचो। कमाई बढ़े तो भैंस बढ़ाते जाओ। तब दोनों दोस्तों ने तय किया कि वे अलग-अलग रहेंगे। अपनी-अपनी एक भैंस खरीदेंगे। एक वर्ष बाद जब व्यापार बढ़ जाएगा तो आपस में मिलेंगे। तय समय और दिन पर दोनों मिलते हैं। एक दोस्त तो बड़ी कार में आता है। दूसरा, मैले कपड़ों और बीड़ी सुलगाता हुआ मिलता है। सफल दोस्त पूछता है कि क्या तूने दूध बेचने के बिजनेस को आगे नहीं बढ़ाया। तू क्यों पीछे रह गया। तब उसने जवाब दिया, जिस दिन हम अलग हुए, उसी रात को पत्नी से बात की थी। तब पत्नी ने कहा कि अगर भैंस मर गई तो...। यही सोचकर न भैंस खरीदी और न व्यापार आगे बढ़ा।
बदलाव तभी आएगा, जब कुछ नया सोचेंगे
पीसीसी एकेडमी के निदेशक राजीव परुथी ने यह कहानी सुनाते हुए कहा कि बदलाव तभी आएगा, जब हम कुछ नया सोचेंगे। सफलता हासिल करने के लिए नया सीखेंगे। अगर साहस ही नहीं करेंगे तो फिर उस दूसरे दोस्त की तरह ही पीछे रह जाएंगे, जिसने ऐसा हो गया तो...वाले डर के कारण दूध का व्यापार शुरू नहीं किया। परुथी ने दैनिक जागरण के कार्यालय में तनाव मुक्त जीवन और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट विषय पर अपने विचार रखे।
पीसीसी एकेडमी के निदेशक राजीव परुथी।
सक्सेस मंत्र : सात टिप्स, जो ला सकते हैं बदलाव
1. स्टूडेंट बन जाइये
हमारे अंदर अहम भाव बेहद ज्यादा है। हम न तो किसी के अनुभव से सीखने की कोशिश करते हैं और न ही किसी की अच्छी बात को सुनना चाहते हैं। खुद को सारी उम्र स्टूडेंट बनाएं। अगर सीखते रहने की प्रवृत्ति होगी तो जिंदगी में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा।
2. वक्त निकालना पड़ता है
अकसर हम कहते हैं कि पढऩे के लिए वक्त नहीं मिलता। खेलने का समय नहीं है। ऑफिस के काम के लिए समय नहीं मिला। दरअसल, ऐसा नहीं होता। आपको वक्त निकालना ही पड़ता है। सफल लोगों के पास भी उतने ही घंटे होते हैं, जितने आपके पास।
3. हमें अंदर का डर दूर करना होगा
भाषा कभी किसी की राह में बाधा नहीं बनती। रुकावट बनता है आपका डर। अपने दिल से कहिये, डरना नहीं है। जिस भी भाषा में आप बोल सकते हैं, बोलिये।
4. क्रिएटिविटी का ढक्कन खोलिये
दिमाग को बंद करके रखेंगे तो निश्चित रूप से जंग लगेगा ही। दिमाग के क्रिएटिविटी का ढक्कन खोलिये। आप अपने बच्चों से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।
5. खुद को शाबाशी दीजिए
जरा सोचिये, आपने आखिरी बार खुद को शाबाश कब कहा। जब तक आप अपने ही काम से संतुष्ट नहीं होंगे, खुद की तारीफ नहीं करेंगे तो दुनिया से शाबाशी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
6. NEHA DF (एनईएचएडीएफ) में छिपा है आपका परिचय
जब भी अपना परिचय दें तो सबसे पहले अपना नाम, फिर अपनी शिक्षा, हॉबी, उद्देश्य, ड्रीम और फैमिली बैकग्राउंड के बारे में बताएं।
7. सात प्वॉइंट में सफलता
सीखिए। विश्वास कीजिए। खुद को तसल्ली दें। खुश हों। बदलाव लाएं। ये पांच काम करके छठे नंबर पर सफलता मिलेगी ही और तब आप खुद को आजाद भी महसूस करेंगे।
एक स्लोगन हमेशा याद रखिए
- ह्रदय बिना शरीर में जान नहीं होती
- प्रसव पीड़ा बिना मां को संतान नहीं होती
- घर बैठने से मुश्किलें आसान नहीं होती
- आलसी लोगों पर किस्मत मेहरबान नहीं होती