गड़बड़झाला: पीएमजेएवाइ यानि आयुष्मान भारत-2018 के 20 हजार से अधिक पात्र परिवार अपने पते पर नहीं
पीएमजेएवाइ यानि आयुष्मान भारत-2018 में पानीपत में गड़बड़झाला सामने आया है। 20 हजार 195 परिवार अपने पते पर नहीं रह रहे हैं। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने इन परिवारों के एक लाख 975 सदस्यों को लापता श्रेणी में डाल दिया है।
पानीपत, जेएनएन। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाइ यानि आयुष्मान भारत-2018) के पात्र 20 हजार 195 परिवार अपने पते पर नहीं रह रहे हैं। इन परिवारों के एक लाख 975 सदस्यों को स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल लापता श्रेणी में डाल दिया है। इनके अलावा दो लाख 70 हजार 904 पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य है। 26 माह में मात्र 39.75 फीसद पात्रों ने ही अपने गोल्डन कार्ड बनवाए हैं। करीब 53 फीसद के घर योजना का पत्र नहीं पहुंचा है। कोरोना महामारी, लॉकडाउन के चलते स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को जागरूक करने में पिछड़ गया है।
ये भी जानिए
23 सितंबर 2018 को योजना हुई लांच
5 लाख रुपये प्रतिवर्ष परिवार इलाज पर कर सकता है खर्च
7529 मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज हुआ
7 करोड़ 89 लाख 77 हजार 165 रुपये इलाज पर सरकार ने किए खर्च
550 मरीजों का सिविल अस्पताल व सीएचसी समालखा में इलाज
29 लाख 44 हजार 400 रुपये इलाज पर खर्च
75 हजार 392 परिवार योजना की सूची में
20 हजार 195 परिवार लापता (26.78 फीसद)
3,71,897 सदस्यों के बनने थे गोल्डन कार्ड
100, 993 सदस्य लापता की श्रेणी में (27.15 फीसद)
2,70,904 सदस्यों के गोल्डन कार्ड का अब लक्ष्य
1,00975 सदस्यों के बने गोल्डन कार्ड (37.27 फीसद)
कोरोना जांच भी पैकेज में
केंद्र सरकार ने कोविड-19 को भी पैकेज में शामिल कर लिया है। यानि, आयुष्मान भारत योजना के पात्र अपने स्वाब सैंपल की जांच निश्शुल्क करा सकते हैं। सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर सरकार संबंधित अस्पताल को 1500 रुपये, पॉजिटिव आने पर 4500 रुपये का भुगतान करती है। इलाज खर्च भी सरकार वहन करती है। अब तक जिले के 165 पात्र इसका लाभ उठा चुके हैं।
कुल 45 अस्पताल पैनल पर
आयुष्मान भारत योजना के पैनल पर इस समय 45 अस्पताल हैं, इनमें से आठ सरकारी हैं। सिविल अस्पताल, ईएसआइ अस्पताल, सब डिविजनल अस्पताल समालखा, सीएचसी अहर, अर्बन हेल्थ सेंटर सेक्टर-25 व सेक्टर 12, सीएचसी ददलाना शामिल हैं।
लागू होगा एचबीवी 2.0
केंद्र सरकार बहुत जल्द हेल्थ बैनिफिट पैकेज (एचबीपी) 2.0 लागू करने जा रही है। फिलहाल योजना में इलाज संबंधित 1478 पैकेज शामिल हैं। इनमें से 175 पैकेज सरकारी अस्पतालों के लिए हैं। एचबीवी 2.0 लागू होने पर पैकेज संख्या में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।
53 फीसद के घर नहीं पहुंचा पीएम लेटर
जिले के कुल पात्र परिवार 75 हजार 392 के घर प्रधानमंत्री का संदेश (पीएम लेटर) पहुंचना था। इनमें से 39 हजार 974 पीएम लेटर ही प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 36 हजार 974 के घर आशा व आंगनबाड़ी वर्कर्स के जरिए पत्र पहुंचा दिया है। तीन हजार परिवारों को विभाग भी नहीं तलाश कर सका।
240 शिकायतें 236 का समाधान
पोर्टल नाम शिकायतें समाधान
सीएम विंडो (पीएमजेएवाइ) 17 17
सीएम विंडो (सीएमओ आफिस) 20 20
पीजी पोर्टल 30 28
डीसी आफिस 25 25
स्टेट हेल्थ एजेंसी 10 10
ट्विटर 15 15
आरटीआइ 12 12
सीएमओ आफिस 10 10
मैनेजमेंट सिस्टम 101 99
कुछ इस प्रकार की शिकायतें :
गरीब है, योजना की सूची में नाम नहीं 90 फीसद
नाम है लेकिन त्रूटि है 05 फीसद
गलत व्यक्ति का नाम सूची में 01 फीसद
प्राइवेट अस्पताल में नहीं मिला लाभ 02 फीसद
बच्चों या पत्नी का नाम जोडें 02 फीसद
बच्चों व पत्नी का नाम जुड़वाने, त्रूटि को ठीक कराने के लिए सिविल अस्पताल स्थित आयुष्मान विंडो पर मिल सकते हैं। पात्रों से अपनी है कि गोल्डन कार्ड बनवाने में रूचि दिखाएं। कार्ड बना हुआ होगा तो बीमार होने पर पैनल अस्पताल में तुरंत भर्ती हो सकते हैं। कई मरीजों का ऐनवक्त कार्ड बनाया गया, इससे इलाज मिलने में देरी की संभावना रहती है।
सोहन सिंह ग्रोवर, जिला सूचना प्रबंधक-आयुष्मान भारत।