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Karwa Chauth 2019: मंगल और रोहिणी नक्षत्र में चांद का दीदार, 70 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग Panipat News

आज करवाचौथ पर्व है। इस बार 8 बजकर 16 मिनट पर चांद का दीदार होगा। साथ ही कई वर्षों पर लाभ देने वाला संयोग बन रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 09:48 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 03:20 PM (IST)
Karwa Chauth 2019: मंगल और रोहिणी नक्षत्र में चांद का दीदार, 70 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग Panipat News
Karwa Chauth 2019: मंगल और रोहिणी नक्षत्र में चांद का दीदार, 70 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग Panipat News

पानीपत, जेएनएन। पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ के व्रत पर इस बार मंगल योग बन रहा है। ये योग 70 वर्ष बाद आ रहा है। मंगल योग रोहिणी नक्षत्र के साथ आ रहा है, जो अत्यंत लाभकारी रहेगा।  

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कैथल के शिव शंकर धाम के पुजारी पंडित प्रेम शंकर शास्त्री ने बताया कि करवा चौथ का व्रत दीपावली पर्व से नौ दिन पहले मनाया जाता है, जो कार्तिक माह की पूर्णिमा की चतुर्थ तिथि में आता है। शास्त्री ने बताया कि इस बार करवा चौथ पर मंगल योग बन रहा है, जो वर्ष 1949 में आया था। यह योग 17 अक्टूबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ आ रहा है। जो बेहद ही लाभकारी है। 

इस तरह करें पूजा

करवाचौथ दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला करवा और दूसरा चौथ। करवा का अर्थ मिट्टी के बरतन और चौथ अर्थात चतुर्थी है। इस दिन मिट्टी के पात्र यानी करवों की पूजा का विशेष महत्व है। सुहाग  और अटूट प्रेम का प्रतीक करवाचौथ इस बार बेहद खास संयोग में मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन मंगल व रोहिणी नक्षत्र में पति की दीर्घायु की कामना करेंगी। इस साल व्रत की समय अवधि 14 घंटे की रहेगी। कुरुक्षेत्र में चंद्रमा उदय का समय रात्रि 8 बजकर 16 मिनट है।

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कई गुणा परिणाम मिलेगा

कॉस्मिक एस्ट्रो पिपली (कुरुक्षेत्र) के वास्तु विशेषज्ञ व ज्‍योतिषाचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा के अनुसार 70 साल बाद बन रहा शुभ संयोग सुहागिनों के लिए फलदायी होगा। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बेहद मंगलकारी रहेगा। रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी के योग से मार्कंडेय और सत्याभामा योग भी इस बार बन रहा है। चंद्रमा की 27 पत्नियों में रोहिणी प्रिय पत्नी है। ज्‍योतिषीय दृष्टि की मानें तो उच्च राशि के चंद्रमा के कारण करवाचौथ का महत्व बहुत बढ़ गया है। इस बार सुहागिन महिलाओं को कई गुणा शुभ परिणाम मिलेंगे।

पहली बार व्रत रखने वाली सुहागिनों को ज्‍यादा लाभ 

स्त्रियों के लिए व्रत परम सौभाग्य देने वाला बताया गया है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु, सफलता तथा वैवाहिक जीवन की मंगल की कामना करती हैं। इस व्रत के प्रताप से स्त्रियों को मांगल्य और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सबसे ज्यादा लाभ उन महिलाओं की जिंदगी में आएगा जो पहली बार व्रत रखेंगी।

  • शुभ मुहूर्त
  • तारीख : 17 अक्टूबर
  • दिन : बृहस्पतिवार
  • पूजा मुहूर्त : शाम 5:50 से 07:05 बजे तक
  • पूजा मुहूर्त की कुल अवधि : 01 घंटा 15 मिनट
  • करवा चौथ व्रत समय : 06 :23 बजे से रात 08:16 बजे तक।
  • सुहागिनों का पर्व 17 को, बाजारों में रौनक

कथा के व्रत खोलती हैं सुहागिनें

कथा के बाद हर व्रती महिला अपने अपने तरीके से व्रत तोड़ती है। इस दौरान छलनी में से अपने पति को देखते हैं और व्रत तोडऩे के लिए पति के हाथों से पानी की एक घूंट पीती है। कुछ पति भी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं। और साथ में खाना खाते हैं। 

बाजारों में धूम 

करवा चौथ पर बाजारों में रौनक छा गई है। 20 दिनों पहले मंदी से जूझ रहे बाजारों में चहल पहल बढ़ चुकी है। साड़ी, कपड़े कड़े चूड़ी की दुकानों पर महिलाएं खरीदारी करने पहुंच रही। दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लग रही है। वहीं ब्यूटी पार्लर भी बुक हो चुके हैं। इस दिन महिलाएं मेहंदी लगाती है। जगह -जगह मेंहदी लगाई जा रही है।


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