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Haryana Monsoon News : खत्‍म हुआ मानसून का इंतजार, हरियाणा के कई जिलों में देर रात राहत की बारिश

हरियाणा में मानसून का इंतजार खत्‍म हो गया है। हरियाणा के कई जिलों में देर रात से बारिश शुरू हो गई। वहीं सुबह कुछ जिलों में तेज बारिश हुई। मानसून की बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 12:25 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 12:25 PM (IST)
Haryana Monsoon News : खत्‍म हुआ मानसून का इंतजार, हरियाणा के कई जिलों में देर रात राहत की बारिश
यमुनानगर में बारिश की वजह से जलभराव।

पानीपत, जागरण संवाददाता। हरियाणा में मंगलवार सुबह मानसून की झमाझम बरसात ने लोगों को खासी राहत दी। सोमवार की रात से ही बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हो गया था, जो मंगलवार को भी जारी है। इससे किसानों और खासकर धान उत्पादकों को काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है। वहीं बरसात के कारण कई शहर में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई। इससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई।

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पानीपत में भी लंबे इंतजार के बाद बरसे बदरा

लंबे इंतजार के बाद मंगलवार की सुबह लोगों के लिए राहत लेकर आई। आसमान में छाए बदरा बरसे तो आमजन से लेकर किसानों के चेहरे पर मुस्कान दिखी। वहीं हवा के साथ आई बारिश से तापमान में भी 5 डिग्री सेल्सियस की कमी आई। मंगलवार दोपहर बारह बजे अधिकतम तापमान 32 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। बारिश की संभावना 70 फीसद, नमी 78 फीसद व हवा की गति 13 किलोमीटर प्रति घंटा रही। मौसम विभाग ने दिनभर बारिश की संभावना जताई है। जिले के मतलौडा कस्बे में 10 एमएम बारिश हुई।

गौरतलब है कि पिछले काफी दिनों से लगातार तपस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही थी। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश में मानसून की सक्रियता की घोषणा की गई। जो मंगलवार को स्टीक साबित हुई। सुबह से ही आसमान में बादल छाने लगे और साढ़े दस बजते बजते बूंदाबांदी शुरू हो गई। कई जगहों पर अच्छी बारिश भी हुई। मौसम विभाग के मुताबिक पानीपत व आसपास के एरिया में लो-प्रेशर नहीं बनने के कारण मानसून कमजोर पड़ रहा है। इसी वजह से आसमान में बादल तो रहे थे, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मंगलवार को पानीपत व आस पास में दिन भर बादल छाने के साथ रुक-रुककर बारिश के आसार बनते रहेंगे।

धान रोपाई में होगा फायदा

हाल में धान रोपाई का काम चल रहा है। लेकिन बारिश न होने पर किसानों को धान रोपाई का काम करने से लेकर रोपाई हो चुकी धान में सिंचाई को लेकर मशक्कत करनी पड़ रही है। ऊपर से गर्मी के बीच बिजली की बढ़ती खपत के बीच ओवरलोडिंग से भी बिजली संकट बना हुआ है। बारिश होने पर किसान की सिंचाई संबंधित समस्या दूर होने के साथ बिजली की ओवरलोडिंग भी कम होगी। बारिश शुरू होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान दिख रही है। वहीं लोगों ने भी मौसम सुहावना होने पर राहत की सांस ली है।

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करनाल में बारिश की वजह से तापमान गिरा

लगातार बदल रही हवाओं की दिशा के चलते क्षेत्र में मानसून की आमद पर लगातार प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। पहले जून और अब जुलाई का पहला पखवाड़ा भी सूखा ही बीतने को था लेकिन सोमवार की रात मौसम ने एकाएक करवट बदली। इसी के साथ झमाझम बरसात का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह मंगलवार सुबह तक जारी रहा। इससे गर्मी और उमस के कारण बेहाल लोगों को काफी राहत मिली।तेज बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हालांकि मौसम विभाग ने 11 जुलाई से ही तेज बरसात की संभावना जताई थी लेकिन यह सिलसिला कुछ देरी से शुरू हुआ। माना जा रहा है कि अब कुछ दिन मानसून की बरसात का यह दौर जारी रहेगा।

कई जगह जलभराव

दूसरी ओर, मंगलवार सुबह हुई बरसात के कारण शहर में कई जगह जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। खासकर, नवविकसित कालोनियों और सेक्टरों में लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जहां गलियों में पानी भरने के कारण बाहर तक निकलना मुश्किल हो गया। आवागमन पर भी काफी प्रभाव पड़ा। कुछ क्षेत्रों में पेड़ गिरने के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।

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कैथल में मौसम ने ली करवट

सोमवार रात को बरसात से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं किसानों के भी चेहरे खिल उठे, हालांकि अनुमान से कम बरसात हुई है। मंगलवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए हैं। इस कारण तापमान कम होने से गर्मी से लोगों को राहत मिली। जिले में शहरी इलाकों में अच्छी बरसात नहीं हुई है, लेकिन कुछ ग्रामीण इलाकों में तेज बरसात होने से धान की फसल की रोपाई के लिए इससे काफी फायदा मिलेगा। जिले के गांव सीवन, क्योड़क और नौच क्षेत्र में तेज बरसात होने से किसानों को काफी खुशी है। सोमवार को रात हुई बरसात के दौरान अकेले सीवन में चार एमएम बरसात हुई है।

कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डा. रमेश वर्मा ने बताया कि इस समय किसानों को धान की फसल की रोपाई के लिए तेज बरसात की काफी आवश्‍यकता है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अभी 18 जुलाई तक ऐसे ही कभी रुक-रुक कर तो कभी तेज बरसात होने की संभावना बनी रहेगी। इस समय तेज बरसात से कोई नुकसान न होकर केवल फायदा है।


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