गर्भवती महिलाओं को मोदी सरकार का तोहफा, मिलेगा सुरक्षित इलाज, ऐसे उठाएं लाभ
मोदी सरकार ने गर्भवती महिलाओं को तोहफा देते हुए एक अभियान चलाया है। जिसके तहत महिलाओं को सुरक्षित इलाज दिया जाएगा। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान यानि पीएमएसएमए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। गर्भधारण करने से लेकर प्रसव तक होने वाली सभी जांच महिलाओं को करानी चाहिए। मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए ही केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) संचालित है। अभियान के तहत सेवा नहीं मिल रही है तो महिला नोडल अधिकारी से लिखित शिकायत कर सकती है।
सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान ने गर्भवती महिलाओं के नाम यह संदेश दिया। उन्होंने बताया कि पीएमएसएमए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। अभियान के तहत हर माह नौ तारीख को गर्भवती की सभी प्रकार की जांच की जाती हैं। स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ सहित अन्य महिला चिकित्सकों द्वारा सुरक्षित प्रसव संपन्न कराने के लिए परामर्श और दवा दी जाती हैं। प्रदेश में मातृ मृत्यु दर 125 प्रति लाख और शिशु मृत्यु दर 30 प्रति हजार है। जिला पानीपत में यह दर और भी कम है। प्रदेश सरकार इसे शून्य पर लाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है। पीएमएसएमए भी उन्हीं में से एक है।
स्टाफ नर्स करवाती है गर्भवती महिला की पंजीकृत
अभियान के तहत एएनएम/स्टाफ नर्स गर्भवती महिला को पंजीकृत करती हैं। उन्हें मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व की पुस्तिका प्रदान की जाती है। गर्भवती की ऊंचाई और वजन किया जाता है। नब्ज और रक्तचाप की जांच होती है। इसके अलावा ब्लड ग्रुप, हिमोग्लोबिन, शुगर, एचआइवी व मलेरिया सहित कई जांच की जाती हैं। गर्भकाल में तीन बार अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। अल्ट्रासाउंड, रक्तचाप और शुगर की रिपोर्ट के आधार पर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी चिन्हित होती है।
हाई रिक्स प्रेग्नेंसी वाली महिला के कार्ड पर लाल रंग का स्टीकर-टेप चस्पा किया जाता है। प्रसूति विशेषज्ञ, एएनएम, आशा वर्कर महिला का विशेष ख्याल रखती हैं। जरूरत पड़ने पर गर्भवती को आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की टेबलेट खाने को दी जाती हैं।
यह भी दी जाती है सीख
प्रसव पूर्व सभी जांच कराएं। चिकित्सक अनुसार पौष्टिक आहार का सेवन करें।भरपूर नींद लें,तनाव में न रहें। अस्पताल में प्रसव संपन्न कराएं। डिलिवरी के उपरांत पहले घंटे में शिशु को स्तनपान जरूर कराएं। परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल कर सकती हैं।
नि़:शुल्क एंबुलेंस के लिए करें फोन
प्रसव पीड़ा होने पर घर से सरकारी अस्पताल के लिए गर्भवती को एंबुलेंस सेवा फ्री मिलती है। इसके लिए 102, 108 डायल करना होता है। डिलीवरी उपरांत अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर भी सरकारी एंबुलेंस जच्चा-बच्चा को घर छोड़कर आती है।