अंबाला सेंट्रल जेल में ये क्या हो रहा, कैदी-बंदी मोबाइल पर कर रहे गुफ्तगूं
हरियाणा के अंबाला सेंट्रल जेल में कैदियों और बंदियों के पास से मोबाइल फोन सिम मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। जेल के अंदर मोबाइल फोन पहुंचने से रोकना अधिकारियों के लिए मुश्किल हो रहा। जनवरी से अब बलदेव नगर थाना में दर्ज हुए 40 मुकदमें।
अंबाला, जेएनएन। अंबाला की सेंट्रल जेल में कैदी-बंदी मोबाइल पर गुफ्तगूं कर रहे और अधिकारियाें को भनक तक नहीं। इस गुफ्तगूं को अधिकारी रोक नहीं पा रहे। किंतु पकड़ने जाने पर जेल की तरफ से बलदेव नगर थाना में धारा 42 के तहत मोबाइल मिलने का केस दर्ज करवा दिया जाता है। वहीं आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अब 40 मोबाइल कैदी-बंदियों से पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में प्रतीत होता है जेल में बंदियों से मिल रहे मोबाइल को रोकने में जेल प्रशासन असमर्थ है, जबकि कैदियों को नेटवर्क इतना तगड़ा है वह इतनी सिक्योरिटी के बाद भी जेल में मोबाइल मंगवा रहे।
25 फीट की दीवार भी पड़ी छोटी
बता दें जेल की दीवार करीब 25 फीट की हैं और इसके चारों कोनों में बनाए गए गूबंद में सिक्योरिटी गार्ड का पहरा है। इसके बाद भी गुप्त तरीके से जेल के अंदर मोबाइल पहुंच रहे। उधर जेल प्रशासन की माने तो कुछ शरारती तत्व जेल की दीवार के ऊपर से मोबाइल को फेंक देते हैं। जो चेकिंग के दौरान बरामद हो रहे हैं।वहीं कैदी जेल प्रशासन की इसी लापरवाही का फायदा उठाकर मोबाइल से किसी गुप्त स्थान पर बैठ गुफ्तगूं करते रहते हैं और इसकी भनक वहां के कर्मियों तक नहीं होती।
इन राज्यों के हवालाती जेल में बंद
सेंट्रल जेल में हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली के कैदी-बंदी है। सूत्रों के अनुसार सेंट्रल जेल में शातिर हवालाती फेसबुक, वाट्सअप से लेकर ट्विटर अकाउंट तक हैंडल कर रहे हैं। यह जेल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। बता दें मौजूदा समय में सेंट्रल जेल में एक ही 3जी जैमर जो पुरानी तकनीक का है। यह जैमर कैदियों के मोबाइल का नेटवर्क जाम करने में असमर्थ है। वर्तमान समय में 4जी का है ऐसे में यहां नई आधुनिक तकनीक के जैमर की जरूरत है।
जेल में बात करने का यह नियम
जेल में कैदी-बंदियों पर परिवार के साथ बात करने में रोक लगी है, लेकिन इसकी भी अलग से प्रक्रिया है। दरअसल, सेंट्रल जेल में बंद कैदी और बंदियों के लिए फोन पर बात करने की सुविधा है। इसके लिए लैंडलाइन फोन पर बात कराई जाती है। नियम यह भी है कि जिनसे बात करनी होती है उनके नाम व नंबर और रिश्ता पहले जेल अधिकारियों को बताना पड़ता है। उसके बाद यह सुविधा मिलती है।