Move to Jagran APP

ओडीएफ प्लस का दावा भी झूठा, शौचालयों पर रस्सी और ताला

शहर की स्वच्छता रैंकिग गिरकर 185 हो गई। हालांकि सर्वे में ओपन डिफिकेशन फ्री (ओडीएफ) प्लस का दावा बरकरार रहा। यानी माना गया कि शहर खुले में शौच से मुक्त है। वैसे हकीकत से यह कोसों दूर है। सार्वजनिक शौचालय बंद रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 08:34 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 08:34 PM (IST)
ओडीएफ प्लस का दावा भी झूठा, शौचालयों पर रस्सी और ताला
ओडीएफ प्लस का दावा भी झूठा, शौचालयों पर रस्सी और ताला

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर की स्वच्छता रैंकिग गिरकर 185 हो गई। हालांकि सर्वे में ओपन डिफिकेशन फ्री (ओडीएफ) प्लस का दावा बरकरार रहा। यानी, माना गया कि शहर खुले में शौच से मुक्त है। वैसे, हकीकत से यह कोसों दूर है। सार्वजनिक शौचालय बंद रहते हैं। इन पर ताला जड़ा है। लघु सचिवालय में तो रस्सी बांध रखी है। मजबूरी में हाईवे पर ही लोगों को खुले में मूत्रविसर्जन करते देखा जा सकता है। यानी, ओडीएफ प्लस की भी सही जांच हो जाती तो उसमें भी नंबर और कट जाते। रैंकिग और नीचे गिर जाती।

loksabha election banner

शहर में सुलभ शौचालय आमजन की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। लेकिन कहीं शौचालयों को ताला लगाया दिया गया तो कहीं ताला नहीं मिला, रस्सियों से ही शौचालयों को बंद कर दिया गया। अगले साल फिर शहर का सर्वे होना है और कैसे शहर की रैंकिग में सुधार आ सकता है।

वीरवार को दैनिक जागरण टीम ने जब दो ऐसी जगहों का निरीक्षण किया जहां से हर रोज अधिकारी व कर्मचारियों का आना-जाना हो। इसमें सबसे पहले तो लघु सचिवालय में जाकर शौचालयों की व्यवस्था जांची गई। एक शौचालय तो लघु सचिवालय की पांचवीं मंजिल पर रस्सियों के साथ बांधकर बंद किया गया। वहीं दूसरी तरफ सिविल अस्पताल के पीछे तहसील कैंप रोड स्थित शौचालय पर ताला जड़ा हुआ है। यह शौचालय शहर के सबसे पाश क्षेत्र में आता है, लेकिन आज तक यह पता नहीं चल सका कि इस शौचालय को क्यों बंद किया गया है। कैसे होगा रैंकिग में सुधार

जब शहर में मुख्य जगहों पर ही शौचालयों का इस तरह का हाल होगा तो कैसे शहर की स्वच्छता रैंकिग सुधर सकती है। हर माह नगर निगम शहर में शौचालय से लेकर शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर 1.20 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च कर देती है। फिर भी हालात नहीं सुधर रहे। यह सिस्टम की नाकामी है। अगर यहीं हाल रहे हो अगले साल स्वच्छता रैंकिग 200 से भी बाहर हो जाएगी। ओडीएफ में मिले थे 500 नंबर

ओडीएफ में पानीपत नगर निगम को 1800 में से 500 नंबर मिले थे। ये नंबर और भी कट सकते हैं। अगर सुधार करें तो पूरे नंबर भी मिल सकते हैं, इससे रैंकिग में बदलाव आएगा। टेंडर बदला जाएगा

मेयर अवनीत कौर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पुराने ठेकेदार का टेंडर खत्म हो गया है। उसकी काफी शिकायतें थीं। किसी दूसरे को टेंडर दिया जाएगा। साथ ही, जहां पर शौचालय बंद हैं, उन्हें खुलवाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.