पानीपत में सीवर लाइन पर लाखों रुपये खर्च, सुविधा फिर भी नहीं
जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइन पार की चार कॉलोनियों के लिए बिछाई गई सीवर लाइन शोपीस बनी हुई है। गत जून में इसे चालू किया गया था।
जागरण संवाददाता, समालखा : जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइन पार की चार कॉलोनियों के लिए बिछाई गई सीवर लाइन शोपीस बनी हुई है। गत जून में इसे चालू किया गया था। पाइप लाइन में मिट्टी जमा होने से वह जाम है। चालू करने से पहले इसकी सफाई नहीं करवाई गई। विभाग द्वारा पानीपत से मशीन आने के बाद इसकी सफाई कराने की बात कही जा रही है।
रेलवे पार की पांच कॉलोनियों को सीवर की सौगात देने के लिए चार साल पहले सीवर लाइन बिछानी शुरू हुई थी। एक तो काम को पूरा होने में कई साल लग गए। गत जून में इसे विभाग ने चालू किया। सीवर लाइन की देखरेख के लिए नए ठेकेदार को जिम्मेदारी दी। सीवर के जाम होने से दोबारा एक मेनहोल भी बनाया, लेकिन वह भी काम नहीं आया।
54 लाख रुपये है लाइन की लागत
चार कॉलोनियों में करीब छह किमी लंबी मेन और लिक लाइनों के लिए 54 लाख रुपये का विभाग ने टेंडर लगाया था। गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक लाने के लिए रेलवे को अलग से ट्रैक के नीचे से पाइप दबाने के लिए करीब एक करोड़ रुपये दिए। फिर भी राजीव, राजस्थान, हनुमान और शिव कॉलोनियों की 10 हजार आबादी को इसका फायदा नहीं मिल रहा। उनकी निकासी समस्या पहले की तरह बनी है।
मैनहोल के पास धंस गई सड़क
पार्षद राजेश ठाकुर कहते हैं कि सीवर जाम होने से पानी जगह-जगह लीक होने लगा। सड़क से गुजर रही लाइन कई जगहों पर मेनहोल के पास धंस गई। मजबूरी में लोगों को नाले में गंदा पानी छोड़ने कहा गया। अब दोबारा रास्ते की मरम्मत करानी होगी। पालिका को इसका नुकसान होगा। ठेकेदार ने बताया कि विभाग ने जाम सीवर उसके हवाले कर दिया। सीवर की सफाई पहले नहीं करवाई। उसने सीवर को चालू करने की कोशिश की। मेनहोल में मजदूर के बगैर घुसे इसे चालू करना संभव नहीं है, जबकि सरकार इस पर पाबंदी लगा रखी है। मैंने विभाग को जानकारी दे दी है। एसडीओ जनस्वास्थ्य सूबे सिंह कहते हैं कि सीवर की सफाई के लिए पानीपत से मशीन मंगाई जाएगी। हर हाल में इसे चालू किया जाएगा। जनता को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।