सरकारी स्कूलों में अक्टूबर तक नहीं बनेगा मिड डे मील, दिया जाएगा सूखा राशन
कोरोना महामारी को देखते हुए सरकारी स्कूलों में फिलहाल अक्टूबर तक मिड डे मील नहीं बनेगा। वहीं अब सूखा राशन बांटा जाएगा। 15 जिलों में आटा बंटेगा। 7 जिलों में गेहूं देंगे।
पानीपत, [अरविन्द झा]। सरकारी स्कूलों में अक्टूबर महीने तक मिड डे मील नहीं बनेगा। प्राइमरी व अपर प्राइमरी कक्षा के बच्चों को सूखा राशन दिया जाएगा। 15 जिलों में गेहूं के बदले उम्दा किस्म का आटा और सात जिलों में गेहूं देने के निर्देश दिए गए हैं। पानीपत जिले में आटा दिया जाएगा।
लॉकडाउन में सरकारी स्कूल बंद हैं। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक घर पर राशन पहुंचा रहे हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय की तरफ से मिड डे मील वितरण के नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोविड 19 संक्रमण को देखते हुए स्कूल खोलने का निर्णय सरकार लेगी। अक्टूबर महीने से पहले खुलने की सहमति पर भी स्कूलों में दोपहर का भोजन नहीं बनेगा।
15 जिलों में बंटेगा आटा
निदेशालय से जारी पत्र के मुताबिक अंबाला, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, सोनीपत, हिसार, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, जींद, पानीपत, रोहतक, सिरसा व यमुनानगर में गेहूं का आटा व चावल बच्चों को वितरित किया जाएगा। जुलाई से अक्टूबर तक प्रतिदिन निर्धारित मात्रा (प्राइमरी कक्षा : 4 किग्रा आटा+5 किलो चावल, अपर प्राइमरी : 6 किलो आटा+7.50 किलो चावल) के हिसाब से दिया जाएगा। अन्य सात जिलों में गेहूं वितरित किए जाएंगे।
कुकिंग कॉस्ट 670 रुपये
प्राइमरी कक्षा के बच्चों को 4.97 रुपये प्रतिदिन के हिसाब 90 दिन का 447 रुपये दिया जाएगा। अपर प्राइमरी के लिए यह राशि 670 रुपये (7.45 रुपये प्रति विद्यार्थी) होगी।
मिल्ड पाउडर अलग से
सूखा राशन के अतिरिक्त प्राइमरी व अपर प्राइमरी के बच्चों को दो किलो मिल्क पाउडर भी देंगे। ये सुगंधित व स्वादिष्ट होगा।
महीने चार, दिन नब्बे
जुलाई : 25 दिन
अगस्त : 23 दिन
सितंबर : 24 दिन
अक्टूबर : 18 दिन
स्कूलों में मिड डे मील वितरण के लिए स्कूल इंचार्जों से प्रोफार्मा के अनुरूप एक्सेल व हार्ड कॉपी में जानकारी मांगी गई है। वर्तमान में स्कूलों में पंजीकृत बच्चों को ही राशन मिलेगा। अक्टूबर महीने तक स्कूलों में मिड डे मील नहीं पकेगा।
रमेश कुमार, डीईओ, पानीपत