एमसीएच ¨वग को चाहिए 20 हजार फीट जगह, पीडब्ल्यूडी ने नापी बि¨ल्डग
सिविल अस्पताल में प्रस्तावित सौ बेड की मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ के लिए अलग बिल्डिंग बनेगी। इसके लिए 20 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत
सिविल अस्पताल में प्रस्तावित सौ बेड की मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) ¨वग की कवायद शुरू हो गई है। सोमवार को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सिविल सर्जन डॉ. डीएन बागड़ी के कार्यालय में पहुंचकर उन्हें ¨वग का नक्शा दिखाया। रिपोर्ट विभाग के चीफ आर्किटेक्ट को भेजी जाएगी। वहां से ओके रिपोर्ट मिलने पर एस्टीमेट और टेंडर आदि की प्रक्रिया शुरू होगी।
गौरतलब है कि सिविल अस्पताल के एएनसी (प्रसव पूर्व देखभाल) और पीएनसी (प्रसवकालीन देखभाल) कक्ष के हालात बदतर रहते हैं।
एएनसी-पीएनसी में कुल 31 बेड हैं और रोजाना 30 से ज्यादा डिलीवरी होती हैं। ऐसे में जच्चा-बच्चा को 48 घंटे अस्पताल में रोकना मुश्किल साबित हो रहा है। बिल्डिंग भी जर्जर है और 50 साल मियाद भी पूरी होने वाली है। स्वास्थ्य विभाग और जनप्रतिनिधियों की डिमांड पर सरकार ने फरवरी में बजट सत्र के दौरान 100 बेड की एमसीएच ¨वग निर्माण को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत 30 अक्टूबर को एमसीएच ¨वग के लिए 20 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दे दी। पुरानी बि¨ल्डग को तोड़कर ही नई बि¨ल्डग का निर्माण होना है। इसी कड़ी में पीडब्ल्यूडी के एसडीई एसपी ¨सगला, सिविल सर्जन डॉ. डीएन बागड़ी, एमएस डॉ. आलोक जैन, डिप्टी एमएस डॉ. अमित आदि ने जगह की पैमाइश की।
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एक वर्ष में बनेगी एमसीएच विंग : सिंगला
पीडब्ल्यूडी के एसडीई एसपी ¨सगला ने बताया कि अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग करीब 23 हजार 425 फीट में बनी हुई है। जर्जर बिल्डिंग को तोड़कर नई एमसीएच के लिए भूमि पर्याप्त है। शुरू होने के बाद एक वर्ष में निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
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विभाग के 12 लाख पर फिरेगा पानी :
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के जर्जर हिस्से को गिराने के पक्ष में था, करीब आधे हिस्से का नवीनीकरण कराकर, एमएचसी ¨वग बनाना चाहता था। नवीनीकरण के लिए करीब 20 लाख रुपये की धनराशि मिल चुकी है, और सोमवार की दोपहर तक भी काम जारी देखा गया। हालांकि, जर्जर बि¨ल्डग के नवीनीकरण भी विभाग के उच्चाधिकारियों ने आपत्ति जताई थी। करीब 12 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। बिल्डिंग को गिराए जाने पर खर्च की गई रकम पर पानी फिरना तय है।
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परिसर में नहीं दूसरी जगह
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल की नई बिल्डिंगग के पीछे एमसीएच ¨वग के निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। अधिकारियों का मत था कि बैक साइड भी बड़ा द्वार बनवाया जाए, ताकि अस्पताल की पिछली साइड बसी कॉलोनियों के मरीजों को जीटी रोड पर न आना पड़े। उनका आवागमन उधर से रहे। जगह पर्याप्त नहीं होने के कारण प्रस्ताव नामंजूर हो गया था। नई बिल्डिंग में शिफ्ट होगा एसएनसीयू
सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग में एमसीएच ¨वग के लिए कोई स्थान नहीं है। उधर, 20 करोड़ का नया प्रोजेक्ट परवान चढ़ना लगभग तय है। पुरानी बिल्डिंग से लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, एसएनसीयू, डेंगू वार्ड, बर्न वार्ड, मानसिक रोगी वार्ड आदि को नई बिल्डिंग में शिफ्ट करना मजबूरी हो गया है। डिप्टी एमएस डॉ. अमित ने पुष्टि करते हुए कहा कि सिविल सर्जन और एमएस की अनुमति से शि¨फ्टग का कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा।