बेरोजगारी भत्ता घोटाले सामने आए कई कर्मियों के नाम, जल्द होगा पर्दाफाश
हरियाणा में एक और घोटाला। कैथल के रोजगार कार्यालय में घोटाला। बेरोजगारी भत्ता घोटाले का पर्दाफाश। कई कर्मचारियों के नाम हैं शामिल। डीसी इस मामले में दोबारा से विस्तृत जांच के लिए लिख सकते हैं पत्र। डीसी बोले- बिना कर्मियों की नहीं हो सकता घोटाला।
कैथल, जागरण संवाददाता। सक्षम युवाओं के नाम पर बेरोजगारी भत्ते के घोटाले में जिला रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका के चलते विभाग स्तर पर मामले को ठंडे बस्ते में डालने के प्रयास हो रहे हैं। हालांकि उपायुक्त प्रदीप दहिया ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस घोटाले की दोबारा से विस्तृत जांच कराने की बात कही है। उन्होंने स्वीकार किया कि विभाग के कई कर्मचारियों के नाम इसमें सामने आए हैं। उनकी संलिप्तता के बिना यह काम संभव नहीं हो सकता। इसके चलते वह इसकी फिर से विस्तृत जांच के लिए विभाग के निदेशक को पत्र लिख सकते हैं। इस मामले में मुख्यालय के आदेश के बावजूद पुलिस विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर उन्होंने कहा कि एफआइआर दर्ज कराने के संदर्भ में जो पत्र आया था, वह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं था।
बता दें कि हफ्ते भर पहले बेरोजगारी भत्ता घोटाले में मुख्यालय की ओर से संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने को आदेश दिए थे। पुलिस विभाग ने इसमें कई तथ्य मांगे थे, जिसके चलते अभी मुकदमा दर्ज नहीं हो सका। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि विभागीय जांच की रिपोर्ट मंगवाई गई है। रिपोर्ट काे देख कर ही आगे की कार्रवाई होगी।
यह है मामला
जिला रोजगार कार्यालय में समक्ष युवाओं को दिए जाने वाले भत्ते में घोटाला सामने आया था। इस मामले में अटल सेवा केंद्र (कामन सर्विस सेंटर) के जिला प्रबंधक भी शामिल था। जांच में पाया गया था कि नौकरी पर रहते हुए भी उसने कई साल तक बेरोजगारी भत्ता लिया। इसमें करीब चार लाख रुपये की राशि की गड़बड़ी पाई गई थी। केंद्र संचालकों ने बेरोजगार युवाओं की जगह अपने खाते नंबर डाल कर भत्ता डकार लिया था। जिला रोजगार कार्यालय का एक कर्मचारी भी इसमें शामिल था, जो नौकरी के साथ विभाग से मेहनताना ले चुका है। इसमें कई कामन सर्विस सेंटर के संचालकों ने भी बेरोजगार युवाओं के कागजात का प्रयोग कर धोखाधड़ी की थी। विभाग ने बेरोजगारों को कार्यालय में बुला कर इस धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए कागजों की जांच की थी। जांच में उन्होंने बताया था कि उनकी खातों में राशि नहीं आई है।
चार लाख की रिकवरी हुई
मामला उजागर होने के बाद आरोपितों में हड़कंप मच गया। करीब चार लाख रुपये की राशि विभाग के पास जमा करवा दी। इसमें अटल सेवा केंद्र के जिला प्रबंधक पर भी करीब 40 हजार रुपये का भत्ता राशि हड़पने का आरोप लगा था। 2018 से जिला प्रबंधक नौकरी पर लगे हुए थे। उसके बाद 2021 तक रोजगार कार्यालय से भत्ता ले रहा था। जांच होने पर विभाग ने रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उसने रिकवरी जमा करवा दी थी।
ये मिलती है सक्षम युवा योजना के तहत राशि
सक्षम युवा योजना के तहत सरकार की ओर से 12वीं पास युवा को काम मिलने पर 6500 रुपये, बीए पास को सात हजार रुपये, एमए पास को नौ हजार रुपये मेहनताना दिया है। काम न मिलने पर 12वीं पास को 900 रुपये, बीए पास को 1500 रुपये, एमए पास को तीन हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। विभाग इस राशि को लाभार्थियों के खाते में सीधे भेजता है।
मुकदमा दर्ज कराने संबंधी जो पत्र मुख्यालय से आया था, वह स्पष्ट नहीं था। इस मामले में हो सकता है कि मैं दोबारा विस्तृत जांच के लिए पत्र भी लिखूं। हमारी अब तक की जांच में कई कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। यह भी वास्तविकता है कि बिना कर्मचारियों की संलिप्तता के यह काम नहीं हो सकता। विभागीय जांच की रिपोर्ट मंगवाई है। रिपोर्ट में देखा जाएगा कि कितनी निष्पक्ष जांच की गई। मुझे लगता है कि इस मामले में अभी और जांच की जरूरत है।
-प्रदीप दहिया, उपायुक्त कैथल