पानीपत जिले में गेहूं की लिफ्टिंग न होने से मंडियां जाम
आठ दिनों में किसानों को भुगतान नहीं मिला है जबकि सरकार ने 72 घंटे में भुगतान करने का दावा किया था। अब गेट पास उन्हीं किसानों को दिए जा रहे हैं जो पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले के 12 खरीद केंद्र और मंडियों में गेहूं की आवक तेज हो गई है। लिफ्टिंग कम होने के कारण गेहूं मंडियों के बाहर सड़क तक आ चुकी है। दो दिनों से बारदाना भी नहीं आ रहा है। जो बारदाना आया है, उसकी बंदरबांट ने परेशानी बढ़ा दी है। पिछले आठ दिनों में किसानों को भुगतान नहीं मिला है, जबकि सरकार ने 72 घंटे में भुगतान करने का दावा किया था। अब गेट पास उन्हीं किसानों को दिए जा रहे हैं, जो पोर्टल पर पंजीकृत हैं। गेहूं का उठान नही होने के कारण किसान फसलों पर पहरा देने पर मजबूर हैं।
जिले में स्थापित किए गए 12 खरीद केंद्रों व मंडियों में 1 लाख 84 हजार 146 टन गेहूं की आवक हो चुकी है। सरकारी खरीद एजेंसियों ने इतना ही गेहूं खरीद किया है। गेहूं की खरीद निर्धारित मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल पर की जा रही है।
डीएफएससी सुभाष सिहाग ने बताया कि अहर में 3635 मीट्रिक टन, बबैल में 2362, बाबरपुर खरीद केंद्र पर 13951, बापौली में 15356, छिछडाना में 6617, इसराना में 17886, मतलौडा में 41034, नौल्था में 1714 और पानीपत में 27483 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है। इसके अलावा समालखा मंडी में 49333 मीट्रिक टन, सनौली में 322 और उरलाना में 1552 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है।
जिन किसानों को मिलेगा गेट पास, उनके नाम जारी
मार्केटिग बोर्ड ने किसानों की लिस्ट जारी की है। इन्हीं किसानों का गेट पास काटा जा रहा है। किसान कोई विवाद न करें, इसीलिए सबको गेहूं मंडियों में तो लाने दिया जा रहा है, लेकिन गेट पास उन्हीं का काटा जा रहा है, जिनका नाम सूची में जारी है। सूची में गांव तथा पिता का नाम न होने से किसान परेशान हैं।