जिंदगी की परवाह न कर मौत से किए दो-दो हाथ, कोविड काल में लोगों तक पहुंचाई मदद
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कहर के सामने समाजसेवी खड़े रहे। जरूरतमंदों तक उन्होंने मदद पहुंचाई। पानीपत के कुछ समाजसेवियों ने कोरोना काल में मुहैया कराए थे आक्सीजन सिलेंडर। वहीं अंबाला में मेरा आसमान संस्था ने भी सहरानीय कदम उठाया था।
पानीपत, जागरण संवाददाता। कोविड-19 बड़ा संकट है तो इसने कुछ ऐसे नायक-नायिकाओं से भी समाज को रूबरू कराया, जिन्होंने संकटकाल में जरूरतमंदों की सेवा को महत्व दिया। इन्हीं में से हैं जिला रेडक्रास सोसाइटी के सचिव गौरव रामकरन। कोरोना महामारी से न डरे और न पीछे हटे, आपाधापी के दौरान 2605 मरीजों को निश्शुल्क आक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराया। गौरव रामकरन ने बताया कि महामारी काल में हर सक्षम व्यक्ति-संस्था अपने तरीके से जरूरतमंदों के लिए काम कर रही है।
जिला रेडक्रास सोसाइटी महत्वपूर्ण संस्था है, पदेन डीसी अध्यक्ष होते हैं। इसलिए रेडक्रास से लोगों को अधिक उम्मीदें होती हैं। कोरोना की दूसरी लहर में जरूरतमंद मरीजों को आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए। कोरोना वैक्सीनेशन के आठ शिविरों का आयोजन किया। इनमें 450 को प्रथम, 435 को दूसरी डोज लगी थी। सिविल अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए मेडिसिन की 10000 किट पहुंचाई। 20 हजार मास्क, 1000 सैनिटाइजर की बोतलें बांटी। हैंडवाश के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए 2500 साबुन बांटे गए।
जिला रेडक्रास सोसाइटी के सचिव गौरव रामकरण ने महामारी से जंग में निभाई अहम भूमिका
मेरा आसमान संस्था की ओर पिलाया जा रहा काढ़ा। ’ सौजन्य संस्था।
काढ़ा पिलाकर लोगों की इम्युनिटी बढ़ाई
अंबाला: कोरोना महामारी में मेरा आसमान संस्था ने हर किसी का सहारा बनने का प्रयास किया। जहां पहली लहर में लोगों के लिए खाने का प्रबंध किया गया, चाहे वह प्रवासी ही क्यों न रहे हो, लेकिन कोई भूखे पेट नींद नहीं सोने दिया। वहीं दूसरी लहर में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में अपना भरपूर योगदान दिया। यहां तक कि आक्सीजन बैंक तक खोल दिया गया और यह सेवा आज भी जारी है। संस्था के सचिव रितेश गोयल ने बताया मेरा आसमान संस्था की ओर से देश का सबसे पहला आक्सीजन बैंक खोला गया, जिसमें विधायक असीम गोयल की कोठी पर चलाया गया। यह सेवा आज भी जारी है। दस सिलेंडरों की व्यवस्था की हुई है।
विधायक खुद बनाते थे काढ़ा
कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी जोर रखा गया। जिसमें विधायक असीम गोयल खुद लोगों के लिए काढ़ा बनाते थे। हालांकि उन्होंने शुरुआती दिनों में काढ़ा बनाया, इसके बाद अन्य साथियों की ड्यूटी लगायी गई। काढ़ा पिलाए जाने के लिए कैंप एक माह चलाया गया। जिसमें रोजाना 700 से एक हजार तक लोग काढ़ा पीते थे।
रात को ड्यूटी देने वालों का बढ़ाया हौसला
मेरा आसमान संस्था की ओर से दिन में ही सेवाएं नहीं दी गई, बल्कि रात को ड्यूटी करने वालों का भी हौसला बढ़ाया गया। जो रात को ड्यूटी देते थे, जिनमें पुलिस नाकों पर और अस्पतालों में डाक्टर रहते थे। उन्हें संस्था रात को चाय की प्याली पहुंचाते थे। वहीं संस्था ने सिविल अस्पताल में दस बाईपेप मशीनें भी दी गई।