कम मतदान ने बढ़ाई प्रत्याशियों की धड़कन, पिछली बार से 10 फीसद कम Panipat News
पानीपत में पिछली बार के 75.82 के मुकाबले इस बार 64.4 फीसद वोट पड़े हैं। दोपहर बाद बूथों पर महिलाओं की भीड़ दिखी।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत की चार विधानसभा सीटों के लिए डाले गए वोट फीसद ने प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ा दी है। शाम 6 बजे तक 64.4 फीसद मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव से 11.42 फीसद कम रहा। हालांकि युवा, महिलाओं और बुजुर्गों ने मतदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 40 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 24 अक्टूबर को होगा।
जिले में पानीपत शहरी, ग्रामीण, इसराना और समालखा में सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ। 10 बजे तक 9.30 फीसद रहा। शहर के कुछ बूथों पर मतदाताओं की कतार दिखाई दी। पानीपत शहरी सीट से भाजपा के प्रत्याशी प्रमोद विज ने मॉडल टाउन शिवाजी स्टेडियम में बने बूथ नंबर 114 पर सुबह 9 बजे पत्नी नीरू विज के साथ वोट डाला। राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल मॉडल टाउन में सांसद संजय भाटिया ने पत्नी अंजू भाटिया के साथ दोपहर 12:30 बजे मतदान किया। शहरी सीट से विधायक रहीं रोहिता रेवड़ी ने शाम 5 बजे सेक्टर 12 के एसडीवीएम स्कूल बूथ नंबर 149 पर वोट डाला। शाम छह बजे तक वोट पड़े।
शहर के मुकाबले ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत शुरुआती दौर से बेहतर रहा। विधायक महीपाल ढांडा ने सुबह 8:30 बजे सेक्टर 18 के कॉलेज में मतदान किया। अन्य प्रत्याशियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में वोट डाला।
यूं बढ़ा मतदान
पानीपत शहर 8.2 23.0 32 46 55.2
पानीपत ग्रामीण 10.7 27.0 44 59 67.7
इसराना 4.9 25.8 37 51 70
समालखा 4.7 30.0 46 68 75
किस विधानसभा में कितने प्रत्याशी
विस प्रत्याशी
पानीपत ग्रामीण 12
पानीपत शहर 11
इसराना 08
समालखा 09
कुल 40
समालखा में सर्वाधिक 70 फीसद पड़े वोट
जिला कंट्रोल रुम से शाम 5 बजे तक जारी आंकड़ों के मुताबिक पानीपत जिले में 64.4 फीसद मतदान हुआ। समालखा में सर्वाधिक 75 फीसद और पानीपत सिटी में सबसे कम 53.2 फीसद वोट पड़े। चुनाव डयूटी में देने वाले सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का मंगलवार को अवकाश रहेगा। जिले में चुनाव शांतिपूर्ण रहा।
सुमेधा कटारिया जिला निर्वाचन अधिकारी
मतलौडा के बीडीपीओ कार्यालय में बने बूथ पर परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने वोट डाला। समालखा और इसराना सीट पर दोपहर 12 बजे तक मतदान की गति धीमी रही। पत्थरगढ़, नवादा आर, नवादा पार, नंगला आर, नंगला पार व सनौली खुर्द गांव में दोपहर बाद महिलाएं पहुंची।
मतदान कम होने के पांच कारण
1. आमतौर पर मतदान रविवार को होता है, लेकिन इस बार सोमवार को रहा
2. महिलाओं ने सुबह अहोई अष्टमी का त्योहार मनाया।
3. शहर में एकतरफा मुकाबला हो। लोगों ने नहीं दिखाई उत्सुकता।
4. शहर के उद्यमियों ने कम दिलचस्पी ली। गांवों में मतदान ज्यादा हुआ।
5. त्योहारी सीजन के कारण उद्यमियों का व्यापारिक काम ज्यादा बढ़ा हुआ है