पानीपत में हिमाचल एक्सप्रेस में एनएसजी के हलवदार से लूट, पीछा किया तो रॉड माकर भागे बदमाष
पानीपत में लूट हुई। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के कांस्टेबल से हिमाचल एक्सप्रेस में लूट हुई। पर्स छीनकर भाग रहे लुटेरे का पीछा किया। उसे पकड़ लिया। इतने में उसके दो साथी आए। उनके सिर में रॉड मार दी। वे लड़खड़ा गए। मौका पाकर लुटेरे भाग निकले।
पानीपत/समालखा, जेएनएन। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में हवलदार सुमित पठानिया से हिमाचल एक्सप्रेस में लूट हो गई। सुमित ने ट्रेन से कूदकर लुटेरों का पीछा भी किया। इन लुटेरों ने उन पर पत्थर और राड से हमला कर दिया। सिर में चोट लगने के कारण वह संभल नहीं सके। इसका मौका उठाकर तीनों बदमाश भाग गए। समालखा जीआरपी ने केस दर्ज किया है। वारदात आठ अप्रैल को सुबह 3:25 बजे की है।
रेलवे पुलिस समालखा को दी शिकायत में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की तहसील नादौन के बरधयाड के सुमित पठानिया न बताया कि वह सात अप्रैल को ऊना रेलवे स्टेशन से हिमाचल एक्सप्रेस से पत्नी सुनीता व दो बच्चों के साथ दिल्ली जा रहे थे। रात 9:15 बजे ऊना रेलवे स्टेशन से एसी कोच में सवार हुए। आठ अप्रैल को गाड़ी अचानक 3:25 बजे सुबह पानीपत व सोनीपत के बीच में रुकी तो एक नौजवान उनकी सीट के पास आया। उनकी आंख खुल गई। उन्होंने लड़के को देखा तो कुछ संदेह हुआ। उनके हाथ में पत्नी का पर्स था। तभी उस लड़के न उनके हाथ से पर्स छीन लिया और गाड़ी से छलांग लगा दी।
पीछा कर पकड़ा, बदमाशों ने सिर पर मारी रॉड
सुमित पठानिया ने भी लुटेरे के पीछे ट्रेन से छलांग दी। दौड़कर उस लड़के को पकड़ लिया। तभी खेत से उसके दो साथी आ गए। इन्होंने उनके सिर पर रॉड मार दी। चोट लगने से वह लड़खड़ा गए। इसका फायदा उठाकर तीनों वहां से भाग गए।
पर्स में ये सामान था
पर्स में तीन मोबाइल फोन, तीन डेबिट कार्ड, एनएसजी कार्ड, आर्मी कार्ड, उनका, पत्नी व बच्चों का आधार कार्ड, बच्चों के स्कूल का रिपोर्ट कार्ड, बच्चों के स्कूल का स्थानांतरण सर्टिफिकेट और पांच हजार नकदी थी।
भोड़वाल माजरी के पास वारदात
समालखा से आगे भोड़वाल माजरी स्टेशन है। आउटर में 3:25 बजे ट्रेन रुकी थी। वहीं पर इन बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। सुमित के सिर में तीन चोट लगी हैं। जीआरपी ने 379 बी, 34 आइपीसी के तहत केस दर्ज किया है। धारा 379बी तब तब लगती है, जब छीनाझपटी के दौरान कोई खुद का बचाव करता है, उसी समय आरोपित के हमला कर देने पर चोट लग जाए। यह गैरजमानती अपराध है। दोषी साबित होने पर दस साल तक सजा का प्रावधान है।
खेत में मिला सामान, नकदी ले गए बदमाश
सूचना मिलते ही जीआरपी टीम मौके पर पहुंचे। आसपास खेतों में तलाशी अभियान चलाया गया। थोड़ी दूरी पर ही पर्स मिल गया। उसमें से नकदी गायब थी, बाकी कागजात बदमाश उसी में छोड़ गए।
पत्नी, बच्चे चले गए थे, जीआरपी ने दिल्ली जाने के लिए रुपये दिए
सुमित ने साहस के साथ तीन बदमाशों का करीब 500 मीटर तक पीछा किया था। आरोपितों की पत्थरबाजी से जख्मी होने के बाद वापस लौटे और रेलवे गेटमैन को आपबीती सुनाई तो उसने स्टेशन मास्टर के पास भेज दिया। तब तक ट्रेन रवाना हो चुकी थी। बच्चे व पत्नी चले गए थे। जीआरपी ने जवान की पत्नी से बात करवाई। उपचार के बाद उन्हें दिल्ली जाने के लिए पैसे भी दिए, जिसे उसने शुक्रवार को लौटा भी दिया। सुमित मानेसर में तैनात हैं।
ट्रेन रुकने के कारणों का पता लगा रहे हैं
सिग्नल तकनीकी कारणों से फेल हुआ या फेल किया गया, इसकी जांच की जा रही है। आमतौर पर इस तरह सिग्नल फेल नहीं होता। अपराधियों की खोजबीन के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं।
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