लोकायुक्त ने एचएसवीपी को लगाई कड़ी फटकार, बोले- अगली सुनवाई में दूंगा एकतरफा फैसला
हैदराबादी देवपुरी श्मशान भूमि धर्मार्थ समिति के सेक्टर-11 में गरीबों के प्लॉटों पर कब्जा कर 20 दुकानें व शोरूम बनाने के मामले में एचएसवीपी और प्रशासनिक अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : हैदराबादी देवपुरी श्मशान भूमि धर्मार्थ समिति के सेक्टर-11 में गरीबों के प्लॉटों पर कब्जा कर 20 दुकानें व शोरूम बनाने के मामले में एचएसवीपी और प्रशासनिक अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को कब्जा न हटाने पर कड़ी फटकार लगाते हुए मुख्य प्रशासक को आखिरी मौका देते हुए लिखित जवाब व शपथपत्र तलब किया है। इसी केस में लोकायुक्त ने पानीपत के तत्कालीन डीसी समीर पाल सरो से भी जवाब तलब किया है। केस की आगामी सुनवाई आठ जुलाई को चंडीगढ़ में होगी। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यह जवाब देने का अंतिम मौका होगा। इसके बाद वे एकतरफा कार्रवाई कर देंगे।
लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने मंगलवार को मामले में सुनवाई की। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पानीपत के एस्टेट ऑफिसर योगेश रंगा, डिस्ट्रिक्ट अटार्नी अनिल अग्रवाल, एचएसवीपी मुख्यालय के अधीक्षक नितिन हुड्डा,असिस्टेंट डिस्ट्रिक अटॉर्नी यशिता पेश हुए। मुख्य प्रशासक डी सुरेश की ओर से एडवोकेट प्रियवर्त पराशर ने जवाब देने के लिए एक माह के समय की गुहार लगाई। एस्टेट ऑफिसर योगेश रंगा ने बताया कि लोकसभा चुनावों में अत्यधिक व्यस्तता के कारण अवैध निर्माण नहीं गिराए जा सके। इनको शीघ्र ही गिरा दिया जाएगा। कोर्ट ने इसमें शिकायतकर्ता का भी पक्ष सुना और कब्जा न हटा पाने पर चिता व्यक्त की।
कपूर का आरोप, प्रशासन की मिलीभगत
शिकायतकर्ता एवं आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने सुनवाई के दौरान बताया कि 29 अप्रैल को अवैध कब्जे गिराने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से पुलिस फोर्स के ऑर्डर लेने के बावजूद कब्जे नहीं गिराए गए। इस पर लोकायुक्त ने एचएसवीपी के अधिकारियों से पूछा कि कब्जे क्यों नहीं गिराए तो एस्टेट ऑफिसर योगेश रंगा ने बताया कि उन्हें लोकायुक्त कोर्ट के ऑर्डर नहीं मिले थे। इस जवाब पर लोकायुक्त ने एचएसवीपी के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि अवैध कब्जे गिराने के लिए भी तुम्हें लोकायुक्त कोर्ट के ऑर्डर की जरूरत पड़ेगी।
कपूर ने एचएसवीपी व जिला प्रशासन के अधिकारियों पर अवैध कब्जाधारियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के सामने वर्ष 2016 के दस्तावेज पेश किए। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दस्तावेजों से स्पष्ट है कि अधिकारी कब्जे गिराने के नाम पर तीन वर्षो से नौटंकी कर रहे हैं।
यह है मामला
आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने लोकायुक्त को चार जुलाई 2016 को शिकायत भेजकर आरोप लगाया था कि जनवरी 2016 में सेक्टर 11 पानीपत में गरीबों के लिए आरक्षित 1150 वर्ग मीटर के आवासीय प्लॉटों पर हैदराबादी देवपुरी श्मशान समिति ने कब्जा कर 22 शोरूम व दुकानें बना लिए हैं। तत्कालीन डीसी समीरपाल सरो ने कब्जे गिराने के लिए पुलिस फोर्स की अनुमति नहीं दी। लोकायुक्त को भेजी शिकायत में कपूर ने इन कब्जों को तत्काल धवस्त करने व इन्हें ना हटवाने के दोषी सभी अधिकारियों के विरूद्ध कारवाई की मांग की थी।
मुख्य प्रशासक ने अपनी अंतरिम जांच रिपोर्ट में लोकायुक्त को सूचित किया कि सेक्टर 11 के प्लॉट नंबर-516 से 530 के 15 प्लॉटों पर जनवरी से मार्च 2016 में कब्जा करा 22 शोरूम बना दिए। लोकायुक्त कोर्ट ने पिछली सुनवाई में एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक और उस वक्त पानीपत में कार्यरत दोनों ईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। दोनों ईओ अपना जवाब दे चुके हैं, जबकि मुख्य प्रशासक जवाब पेश नहीं कर पाए हैं।
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सेक्टर-11 में 1150 वर्गमीटर जमीन पर एचएसवीपी की मलकियत है। यह ईडब्ल्यूएस के 15 प्लॉटों के लिए आरक्षित थी। समिति ने इस कब्जा कर दुकानें व शोरूम बना रखे हैं। लोकायुक्त की कोर्ट में कब्जा हटाकर स्टेट्स रिपोर्ट अगली सुनवाई में दी जाएगी।
योगेश रंगा, ईओ, एचएसवीपी, पानीपत।