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Earth Day 2020: Lockdown में पुनर्जीवित हो गई यमुना, नए रूप में दिख रही धरा

लॉकडाउन नदियों को साफ करने के करोड़ों की योजना से बेहतर रहा। पानीपत जिले की आबोहवा से भी जहरीला प्रदूषण खत्‍म हो गया है। नए रूप में लौट धरा लौट रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 11:51 AM (IST)
Earth Day 2020: Lockdown में पुनर्जीवित हो गई यमुना, नए रूप में दिख रही धरा
Earth Day 2020: Lockdown में पुनर्जीवित हो गई यमुना, नए रूप में दिख रही धरा

पानीपत, [कपिल पूनिया]। मैं यमुना हूं। वही यमुना जिसे कुछ दिन पहले आप हाथ लगाने से भी डरते थे, लेकिन 29 दिन के लॉकडाउन में मेरा रूप फिर से निखर आया है। अब मैं कलकल बह रही हूं। मेरा रंग भी हरा हो गया है। आधुनिकता की दौड़ में अंधी हुई मेरी ही संतान ने अमृत समान जल को जहर बना दिया। जिलेभर के गंदे नाले और फैक्ट्रियों का केमिकल मेरे आंचल में गिरा दिए, लेकिन मैंने उफ तक न की। आज अपना पुराना रूप पाकर मैं धन्य हूं। परंतु लॉकडाउन जैसे हालात भी मुझे स्वीकार नहीं। अपनी संतानों से मेरी इतनी ही गुजारिश है कि जैसे आज मैं उनके लिए चिंतित हूं, कल हालात बदलने पर वे भी मेरी चिंता करें।

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करोड़ों के बजट पर लॉकडाउन भारी

इंसान ने प्रकृति को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। औद्योगिकीकरण और शहरीकरण ने प्रकृति की हरी-भरी धरा को नष्ट कर दिया। इसके गंभीर परिणाम कुछ वर्ष पूर्व आई केदारनाथ आपदा में दिखे। मां समान गंगा, यमुना और सरस्वती को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने करोड़ों रुपये से योजनाएं चलाईं, लेकिन कई वर्ष और करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा-यमुना का पानी अपेक्षा अनुसार साफ नहीं हो पाया। अब दुनियाभर में कोरोना महामारी ने पैर पसारे हैं। जिसके चलते 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन जारी है। लॉकडाउन में सभी औद्योगिक इकाइयां बंद हैं, सड़कों पर वाहन नहीं निकल रहे हैं और लोग भी घरों में कैद हैं। इस लॉकडाउन ने लोगों को कोरोना से बचाने के साथ प्रकृति को रिपेयर होने का समय दिया है।

राणा माजरा से राक्सेड़ा तक हरा हो गया पानी  

पानीपत जिले में यमुना की सीमा राणा माजरा से राक्सेड़ा तक है। इस दूरी में यमुना का पानी काले से हरा हो चुका है। करीब 29 दिन पहले यमुना के काले पानी में घुसने से कतराने वाले लोग अब नहाने के साथ पानी पी भी रहे हैं। 

400 से 86 पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स

दीवाली के समय जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 एमजी से अधिक पहुंच गया था, जो खतरनाक स्तर होता है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स मात्र 86 एमजी दर्ज किया गया। जिसने सांस के मरीजों को नया जीवन दिया है।

बीते एक सप्ताह का प्रदूषण स्तर

21 अप्रैल : 86 एमजी

20 अप्रैल : 185 एमजी

19 अप्रैल : 91 एमजी

18 अप्रैल : 116 एमजी

17 अप्रैल : 137 एमजी

16 अप्रैल : 254 एमजी

15 अप्रैल : 213 एमजी


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