ईएसआइ के हिस्से आई भूमि पर दूसरे विभागों का कब्जा
पानीपत ईएसआई और सिविल अस्पताल की करीब 22 एकड़ भूमि का बेशक बंटवारा हो गया हो।
जागरण संवाददाता, पानीपत
स्वास्थ्य विभाग की करीब 22 एकड़ भूमि का बेशक बंटवारा हो गया हो, ईएसआइ अस्पताल के अधिकारी ठगा महसूस कर रहे हैं। हिस्से में 8.21 एकड भूमि आई है, बड़े भू-भाग पर पीडब्ल्यूडी और जनस्वास्थ्य विभाग का कब्जा है। एक धार्मिक स्थल भी बना हुआ है। सिविल अस्पताल को वही मिला जो विभागीय अधिकारी चाहते हैं।
गौरतलब है कि करीब पांच दशक पहले अस्पताल के लिए जमीन खरीदी गई थी। भूमि की रजिस्ट्री स्वास्थ्य विभाग के नाम है। भूमि क्रय के समय ईएसआइ प्रशासन ने लगभग सवा लाख रुपये दिए थे। वर्ष 2006 तक ईएसआइ अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के अधीन था। वर्ष 2007 मे ईएसआइ को अलग किया गया, लेकिन भूमि की रजिस्ट्री स्वास्थ्य विभाग के नाम ही रही। उसकी रसीद भी फिलहाल गुम है। अन्य कोई दस्तावेज नहीं होना ईएसआइ का सबसे कमजोर पहलू है। भूमि बंटवारे का विवाद भी कई वर्षों से चल रहा है।
मंगलवार को दोनों विभागों के अधिकारियों ने चार घंटे की माथापच्ची के बाद बंटवारे का खाका खींच दिया। अब इस बार जिला प्रशासन की मुहर लगनी बाकी है। ईएसआइ के हिस्से आई भूमि पर कब्जे
पीडब्ल्यूडी एक्सईएन और एसडीओ की कोठी सहित अन्य आवास बने हैं। सबसे बड़ा भू-भाग जनस्वास्थ्य विभाग ने कब्जाया है। कार्यालय, आवास और गोदाम बने हैं। एक धार्मिक स्थल सहित मदरसा संचालित बताया है। वर्जन :
बंटवारे पर सहमति बनी है। अभी तहसील के रिकॉर्ड में दर्ज होना बाकी है। सभी कागजात मिलने के बाद ही कब्जा करने वालों को नोटिस भेजे जाएंगे।
डॉ. शिव कुमार, एमएस-ईएसआइ अस्पताल वर्जन :
भूमि के सभी दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग के नाम हैं और सुरक्षित हैं। पुरानी बिल्डिग को तोड़कर करीब 30 हजार वर्ग फीट में बहुमंजिला मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट बननी है। इसके लिए भूमि का बंटवारा जरूरी था।
डॉ. आलोक जैन, एमएस-सिविल अस्पताल