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17 रुपये लीज पर जमीन, उसकी भी रिकवरी नहीं कर सका निगम

जागरण संवाददाता पानीपत नगर निगम के कमिश्नर को निलंबित करने की सिफारिश अचानक नहीं ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:42 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:42 AM (IST)
17 रुपये लीज पर जमीन, उसकी भी रिकवरी नहीं कर सका निगम
17 रुपये लीज पर जमीन, उसकी भी रिकवरी नहीं कर सका निगम

जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम के कमिश्नर को निलंबित करने की सिफारिश अचानक नहीं हुई है। निगम में लापरवाही ही अधिक हो चुकी है। इसे देखते हुए निलंबन की सिफारिश हुई है। नगर निगम द्वारा किले के नीचे हाफिजाबादी रामलीला नाटक क्लब के नाम पर 17 रुपये लीज पर जमीन दी हुई है। आरोप है कि इस जगह को आगे किराये पर देकर लोग 30 से 40 हजार रुपये महीना की वसूली कर रहे हैं। इसी जगह पर निगम का एक लाख 22 हजार हाउस टैक्स बकाया है। जो वसूला नहीं जा रहा। हालांकि पूर्व आयुक्त ओमप्रकाश ने इसकी जानकारी आने पर इस जगह को सील करने का आदेश दिया था। फिर भी पूरा मामला खटाई में पड़ा हुआ है।

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लोकायुक्त के पास मामला

इस मामले को लेकर पूर्व जिला परिषद जोगिदर स्वामी की अपील पर लोकायुक्त में सुनवाई है। निगम की और कई जमीन को भी लीज पर लेने वालों ने निगम की जगह को आगे किराए पर दे रखा है ।

गृहमंत्री की सिफारिश

प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी में फेल साबित होने पर नगर निगम के कमिश्नर सुशील कुमार को निलंबित करने की सिफारिश गृहमंत्री अनिल विज ने की है। निगम का शहरवासियों पर 259.18 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। 2020-21 में निगम को 139 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी करनी थी, लेकिन सितंबर तक सिर्फ 9.74 करोड़ रुपये ही आए। मंत्री अनिल विज ने इस बारे में कहा कि पानीपत निगम के कमिश्नर कोई काम ही नहीं करते। यही वजह है कि छह माह में 10 करोड़ से भी कम आए हैं। विज ने कहा कि रेंट भी ठीक से नहीं लिए जा रहे, तो कहां से पैसा आएगा। कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए निगम के पास पैसे नहीं है। इसलिए, कार्रवाई जरूरी थी। 2003 बैच के एचसीएस सुशील कुमार को 9 जून को पानीपत नगर निगम का कमिश्नर बनाया गया था। उससे पहले वह शाहाबाद शुगर मिल के एमडी थे। गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि एचसीएस को सस्पेंड नहीं कर सकते। इसलिए मुख्य सचिव को लेटर भेजकर कमिश्नर को निलंबित करने की सिफारिश कर दी है।

सख्ती करें तो अधिक रिकवरी हो सकती है

रिकवरी पर अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों का ध्यान नहीं है। लोग निगम में बिल लेने के लिए चक्कर लगाते हैं। बिल ठीक करवाने के लिए चक्कर अलग से लगाते हैं। लोगों का बिल तक नहीं दिए जा रहे हैं। आरटीआइ कार्यकर्ताओं द्वारा मामला संज्ञान में लाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती।

दिनभर नगर निगम में रही चर्चा

नगर में टैक्सों की रिकवरी कम होने के चलते निकाय व गृह मंत्री आयुक्त सुशील कुमार के निलंबन की अनुशंसा उच्च अधिकारियों की भेज दी है। दूसरे दिन मामले को लेकर निगम में चर्चा रही। शाम तक आर्डर नहीं आए। इसी बीच आयुक्त अवकाश पर रहे। निगम अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के कोई ऑर्डर अभी तक नहीं आए। साल दर साल की स्थिति

2017-18 में निगम ने 117 करोड़ का बजट बनाया। रिकवरी 40.62 करोड़ रुपये की हुई। इस प्रकार 2018-19 का बजट 131.81 करोड़ बनाया गया। रिकवरी 81 करोड रुपये हुई। 2020-21 में बजट 139.5 करोड़ का बनाया गया। छह माह में रिकवरी 9.74 करोड़ की हो पाई।

प्रॉपर्टी टैक्स की सबसे कम वसूली वर्ष हाउस टैक्स (लक्ष्य) वसूली 2017-18 में 46 करोड़ का लक्ष्य रखा गया। वसूली 3 करोड़

2018-19 में 55 करोड़ का वसूली लक्ष्य रखा गया। वसूली 13 करोड़

2019-20 में 33 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य रखा गया। जबकि वसूली मात्र 7.42 करोड़

2020-21 में 40 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा गया। जबकि वसूली 1.63 करोड़ (छह माह में) हुई। सबसे कम वसूली इस वर्ष हुई। कम वसूली का कारण कोविड 19 भी माना जा रहा है। रिकार्ड देखेंगे : आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि वह आज अवकाश पर है। निगम में रिकार्ड देखकर बताएंगे कि रिकवरी में कहां परेशानी रही। मेयर अवनीत कौर ने बताया कि अभी तक लिखित में कुछ नहीं आया। मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है कि मंत्री अनिल विज ने सिफारिश की है। रिकवरी कम होने का मु्ददा हाउस की मीटिग में उठाया गया था।


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