जींद में Dhanteras पर हुई लक्ष्मी मेहरबान, 40 करोड़ का हुआ कारोबार, जानिए किसकी रही सबसे अधिक डिमांड
धनतेरस पर पिछले साल से आभूषणों की भी 30 से 40 प्रतिशत बिक्री ज्यादा हुई है। इसके अलावा चांदी और सोने की सिक्कों की मांग ज्यादा रही। इसके अलावा चांदी के नारियल व बर्तनों की भी खरीदारी की। स्टील के बर्तनों की तरफ ग्राहकों का सबसे ज्यादा रुझान रहा।
जींद, जागरण संवाददाता। धनतेरस पर्व पर मंगलवार को बाजारों में लोगों ने जमकर खरीदारी की। सोना-चांदी के आभूषण, बर्तन, इलेक्ट्राेनिक्स सामान, वाहनों की बिक्री के लिए दिनभर भीड़ उमड़ी रही। बाजार में जमकर धनवर्षा हुई। पर्व पर सुबह ही बाजार गुलजार होना शुरू हो गए थे। देर शाम तक लोग दुकानों पर सामान खरीदते हुए नजर आए। दुकानदारों के अनुसार बाजार में करीब 40 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।
आभूषणों की हुई 30 से 40 प्रतिशत ज्यादा बिक्री
पिछले साल से आभूषणों की भी 30 से 40 प्रतिशत बिक्री ज्यादा हुई है। इसके अलावा चांदी और सोने की सिक्कों की मांग ज्यादा रही। इसके अलावा चांदी के नारियल व बर्तनों की भी खरीदारी की। स्टील के बर्तनों की तरफ ग्राहकों का सबसे ज्यादा रुझान रहा। बर्तनों की दुकानों पर सुबह से शाम तक महिलाओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान स्टील के डिनर सेट की अच्छी मांग रही।
50 प्रतिशत बढ़ी इलेक्ट्राेनिक सामान बिक्री
वाहनों और सोने, चांदी की बिक्री के साथ ही सबसे ज्यादा बिक्री इलेक्ट्राेनिक्स सामान की हुई। बड़े बड़े शोरूम संचालकों ने इलेक्ट्रोनिक्स सामान पर आकर्षक आफर दिए हुए हैं। विशेषकर मोबाइल और एलइडी टीवी की बिक्री में बहुत इजाफा हुआ। इलेक्टोनिक्स सामान की बिक्री में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। अभी दीपावली का पर्व बाकी है। शोरूम संचालकों का कहना है कि अभी आने वाले एक सप्ताह तक अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
कड़ी रही सुरक्षा
बाजारों में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही। पुलिस ने पूरा दिन क्यूआरटी, पीसीआर व राइडरों पर शहर की गश्त की। बाजार में पुलिस कर्मचारी सादे कपड़ों में भी तैनात रहे। जिससे कोई असामाजिक तत्व किसी वारदात को अंजाम न दे पाए। बाजार में जाम की स्थिति से निपटने के लिए वाहनों का शहर थाने के पास ही रुकवाया गया। यहां तक कि दुपहिया वाहन भी बाजार में प्रवेश नहीं कर सके। इसके लिए एसपी ने पुलिस कर्मचारियों की बाजार में विशेष ड्यूटी लगाई।
बर्तनों की मांग
बर्तन विक्रेता जितेंद्र जैन ने बताया कि सजावट की अपेक्षा घर में रूटीन पर प्रयोग आने वाले बर्तनों की ज्यादा खरीदारी हो रही। इस बार डिनर सेट भी बिक रहे हैं। तांबे व पीतल के बर्तनों को ग्राहक खरीदना पसंद नहीं कर रहे। भले ही प्राचीन समय में लोग धनतेरस के त्योहार पर तांबे के बर्तनों को खरीदते हो, लेकिन आज समय में आए बदलाव के कारण तांबे के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इस बार धनतेरस पर मात्र पांच प्रतिशत लोगों ने ही तांबे के बर्तनों को खरीदा है। यहां तक लोग पुराने पीतल के बर्तन बेचकर उनके बदले में स्टील के बर्तन खरीद रहे हैं।
चांदी के सिक्के की रही डिमांड
राजन ने बताया कि धनतेरस पर जेवरात खरीदना शुभ माना जाता है। इसलिए सोना व चांदी की जमकर खरीदारी हुई। चांदी के सिक्के व मूर्तियों की सबसे ज्यादा मांग रही। गणेश व लक्ष्मी अंकित 10 ग्राम का सिक्का सबसे ज्यादा खरीदा गया। ज्वेलर्स के पास पूरा दिन खरीदारों की भीड़ रही। धनतेरस पर सामान्य दिन की अपेक्षा 40 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। पिछले दो सालों बाजार में मंदा था। इस बार उछाल आया है। चांदी के सिक्कों में दस ग्राम की सिक्के की मांग रही।
सर्दियों के लिए खरीदे कपड़े
व्यापार मंडल जींद के प्रवक्त सुनील वशिष्ठ ने बताया कि धनतेरस का त्योहार अच्छा रहा। बाजार में सुबह से शाम तक भीड़ लगी रही। आभूषणों और बर्तनों की दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ थी। रेडीमेड कपड़ों की पूरे बाजार में सेल लगी हुई थी। लोगों ने जींस-शर्ट के साथ सर्दियों के लिए भी कपड़े खरीदे। दीपावली तक अच्छा कारोबार रहने की उम्मीद है। कोरोना की वजह से पिछले साल लोग खरीदारी के लिए कम आए थे, लेकिन इस बार लोगों में उत्साह है।
किस सामान से कितने का कारोबार हुआ
कार - 10 करोड़
दोपहिया वाहन - पांच करोड़ रुपये
इलेक्ट्रोनिक सामान - पांच करोड़ रुपये
सोना-चांदी - 10 करोड़ रुपये
कपड़ा - एक करोड़ रुपये
रेडीमेड गारमेंट्स - पांच करोड़ रुपये
बर्तन - दो करोड़ रुपये
मिठाई - 50 लाख रुपये
जूते - 50 लाख रुपये
अन्य सामान - एक करोड़ रुपये