लाल किले पर हिंसा का आरोपित लक्खा सिधाना काफिले में छिपा रहा, शंभू बॉर्डर पर नहीं आया सामने
लक्खा सिधाना का नाम 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा में आया था। दिल्ली पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम रखा हुआ है। 90 गाड़ियों के काफिले में सिधाना शंभू बॉर्डर पहुंचा। पंजाब में उसने संबोधित किया। पर हरियाणा में काफिले में ही छिपा रहा।
अंबाला, जेएनएन। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में नामजद एक लाख का इनामी लक्खा सिधाना हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर शुक्रवार शाम पूरे काफिले के साथ पहुंचा। लेेकिन वह सामने नहीं आया। करीब 90 गाड़ियों का काफिला था जो दिल्ली की ओर रवाना हो गया।
लक्खा सिधाना काफिले में ही छिपा रहा। किसान नेताओं ने करीब बीस मिनट संबोधत किया जिसके बाद वाहन आगे की रवाना हो गए। जिस ट्रक पर किसान नेता संबोधन कर रहे थे उस पर पंजाब में सिधाना नजर आ रहा था लेकिन हरियाणा सीमा में आने के बाद वह छिप गया। यह काफिला पंजाब के बंठिडा के बाद पहले राजपुरा और फिर शंभू बॉर्डर पर रूका था। किसानाें ने एक कैंटर पर ही स्टेज बनाया हुआ था जिसमें कुछ किसान नेता थे जो काफिले को संबोधित कर रहे थे।
शंभू बॉर्डर पर सैंकड़ों की संख्या में लक्खा सिधाना की झलक पाने के लिए पहुंचे किसान।
भाकियू ने वायरल किया था मैसेज
बता दें कि 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा के मामले में लक्खा सिधाना का नाम शामिल हैै। दिल्ली पुलिस ने सिधाना पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा था। भारतीय किसान यूनियन की ओर से एक मैसेज वायरल किया जा रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि शंभू टोल बैरियर पर भारतीय किसान यूनियन की ओर से धरना दिया जा रहा है। इसी धरने पर शुक्रवार शाम चार बजे लक्खा पहुंचेगा। हालांकि काफिले में आने का दावा किया गया लेकिन उसने संबोधन नहीं किया।
खेल से अपराध और फिर राजनीति में रखा कदम
लक्खा सिधाना पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है। लक्खा कबड्डी का खिलाड़ी भी रह चुका है। खेल से अपराध और फिर राजनीति में आने वाले लक्खा ने किसान आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अब दिल्ली हिंसा में भी सिधाना का नाम आ रहा है। सिधाना पर आरोप था कि 26 जनवरी से दो दिन पहले सिधाना ने वीडियो के जरिये पुलिस को खुलेआम चुनौती दी थी। बल्कि पंजाब में आयोजित किसान महारैली के मंच पर भी देखा गया।
पंजाब में कई केस दर्ज, कई बार जेल जा चुका
इससे पहले लक्खा सिधाना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में लोगों से बठिंडा के मेहराज गांव में एक जनसभा में शामिल होने की अपील भी की थी। पंजाब में कई मामले दर्ज हैं। वह कई बार जेल भी जा चुका है। 2012 में उसने राज्य में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। लक्खा सिधाना किसानों की रैली में था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने हिम्मत नहीं जुटाई थी, जबकि वह मंच पर करीब एक घंटे 45 मिनट तक मौजूद रहा था। इसके बाद लोग उसे रैली स्थल से बाहर ले गए।
किसानों ने निकाली भड़ास
शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने भी लक्खा सिधाना पर रखे गए इनाम को लेकर जमकर भड़ास निकाली। किसानों ने कहा कि आखिर उन लोगों पर इनाम क्यों नहीं रखा गया जिन्होंने हरियाणा में सड़के उखाड़ी थीं। किसानों ने कहा कि वो लक्खा सिधाना के साथ दिल्ली भी जाएंगे और अब संसद में मोर्चा भी लगाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस ने लक्खा सिधाना पर मामले दर्ज किये हैं और उस पर इनाम भी रखा है। इसके चलते अब लक्खा सिधाना खुलकर लोगों के सामने नहीं आ रहा।
किसान नेताओं ने पुलिस को दी चेतावनी
वहीं किसान नेताओं ने खुलेआम पुलिस को ये चेतावनी भी दे डाली कि अगर किसी भी राज्य की पुलिस ने लक्खा सिधाना पर हाथ डाला तो किसान ये समझेंगे कि उनकी पगड़ी पर हाथ डाला गया है। वहीं किसान नेताओं ने कहा कि लक्खा सिधाना और अन्य किसानों पर दर्ज किये गए मुकदमे पूरी तरह से झूठे हैं।
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