निजी बसों में ठूंस-ठूंसकर ले जा रहे मजदूर, कोरोना का भी खतरा
कोरोना महामारी के बीच अन्य राज्यों से ओ मजदूरों ने शहर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है। सेक्टर 29 पार्ट 2 से रोजाना पांच से दस निजी बसें इन लोगों को लेकर जा रही हैं। बस संचालक कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाकर मजदूरों को ठूंस-ठूंसकर भर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना महामारी के बीच अन्य राज्यों से ओ मजदूरों ने शहर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है। सेक्टर 29 पार्ट 2 से रोजाना पांच से दस निजी बसें इन लोगों को लेकर जा रही हैं। बस संचालक कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाकर मजदूरों को ठूंस-ठूंसकर भर रहे हैं। शुक्रवार को 300 से अधिक मजदूर उप्र, बिहार, बंगाल लौट गए। प्राइवेट बस संचालक एक बस में सौ से अधिक मजदूरों को भर रहे हैं और किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। कोरोना का भी खतरा है। रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी और जिला प्रशासन की यहां नजर नहीं है।
मजदूरों के अनुसार कभी भी लॉकडाउन लग सकता है और फिर से काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मजदूरों ने बताया कि तीन मई से लॉकडाउन लगने की सूचना है और इसी के डर से जाना पड़ रहा है। बता दें कि पिछले साल लगे लॉकडाउन से हजारों की संख्या में लोग फंस गए थे। उन्हें सड़कों व रेलवे लाइनों पर रात बितानी पड़ी थी। औद्योगिक क्षेत्र में होगी मजदूरों की कमी
सेक्टर 29 पार्ट 2 व आसपास के क्षेत्र औद्योगिक इकाई में मजदूरों की संख्या अब काफी कम हो चुकी है और धीरे-धीरे सभी मजदूर अपने प्रदेश वापस लौट रहे है। इससे औद्योगिक क्षेत्र में असर पड़ेगा। औद्योगिक क्षेत्र बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। काम छोड़ दिया, अब घर जाना जरूरी
उप्र के गोरखपुर के रहने वाले मजदूर परशुराम गौड़ ने बताया कि पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान अपने प्रदेश पैदल ही गए थे, इसीलिए पहले ही अपने प्रदेश लौट रहे है। तीन बेटों के साथ दस साल से फर्नीचर का काम कर रहे है। अब यह काम छोड़ना पड़ रहा है और अभी वाहन मिलने में काफी परेशानी हो रही है।