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स्कूल की लिफ्ट में फंसने से लैब सहायक की मौत, पांच घंटे बीच में लटका रहा शव

पानीपत के एसडीवीएम स्‍कूल में हुआ हादसा। स्कूल की लिफ्ट में फंसने से लैब सहायक की मौत। नवंबर 2020 में शादी हुई थी। मैकेनिक का होता रहा इंतजार स्‍कूल मैनेजमेंट से नहीं मिला संतोषजनक जवाब। दो जुड़वा भाई थे एक की मौत।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 06:08 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 08:25 PM (IST)
स्कूल की लिफ्ट में फंसने से लैब सहायक की मौत, पांच घंटे बीच में लटका रहा शव
एसडी विद्या मंदिर स्कूल में लिफ्ट में फंसकर हुई मौत, पुलिस व स्‍वजन पहुंचे। जागरण

पानीपत, दैनिक जागरण : सेक्टर 12 स्थित एसडी विद्या मंदिर स्कूल में लिफ्ट में फंसकर लैब सहायक अंकित गुप्ता की मौत हो गई। एक तरफ स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, दूसरी तरफ वे उसका शव भी नहीं निकाल पा रहे थे। बताया गया कि दिल्ली से मैकेनिक बुलाया गया है, जो लिफ्ट को खोलेगा। शव इसी के बीच में फंसा रहा। हादसे के करीब दो घंटे बाद साढ़े पांच बजे मैकेनिक आया। रात करीब आठ बजे शव निकाला जा सका।

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शहर के हलवाई हट्टे के नजदीक रहने वाले अंकित गुप्ता स्कूल में कई वर्षों से लैब सहायक थे। सुबह सात बजे घर से स्कूल जाने के लिए निकले थे। स्कूल से 3:58 बजे एसडी विद्या मंदिर सिटी स्कूल की प्रशासक रेणुका सिंगला को फोन किया गया। रेणुका सिंगला का अंकित गुप्ता के परिवार से परिचय है। रेणुका को बताया कि अंकित की लिफ्ट में फंसने से मौत हो गई है।

इसके बाद रेणुका ने अंकित के परिवार को सूचित किया। इसी के साथ पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। करीब चार बजे युवक की लिफ्ट में फंसकर मौत होने की सूचना के बावजूद शव बाहर नहीं निकाला जा सका। दरअसल, यहां पर कोई मैकेनिक ही नहीं था। स्वजनों ने स्कूल प्रबंधकों से बात की तो उन्हें बताया गया कि दिल्ली से मैकेनिक आएगा। तब लिफ्ट खुलेगी। मैकेनिक के आने पर स्‍लैब का कुछ हिस्‍सा काटकर शव को निकाला गया।

नवंबर में हुई थी शादी

अंकित की नवंबर, 2020 में ही शादी हुई थी। उनका एक और भाई अमित गुप्ता है। दोनों जुड़वा भाई हैं। दोनों का जन्म 29 अप्रैल 1987 को हुआ था। वर्ष 2011 से अंकित स्कूल में नियुक्त हुआ था। अमित गुप्ता ने जागरण को बताया उन्होंने स्कूल चेयरमैन सतीशचंद्रा से बात की। सतीश चंद्रा ने कहा कि स्कूल की तरफ से उन्हें उस तरफ नहीं भेजा गया था। काफी देर तक अंकित दिखाई नहीं दिया तो कर्मचारियों को बोला गया कि उसका पता लगाएं। कर्मचारियों ने अंकित को लिफ्ट में फंसा देखा। सांस नहीं चल रही थी।


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