64 साल का हुआ ए प्लस ग्रेड का कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, दूसरे देशों से भी यहां पढ़ने आते छात्र
हरियाणा का कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय 64 साल का हो गया है। 1957 में महज संस्कृत विभाग के साथ शुरू हुआ था कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय। आज 47 विभाग हैं। 10 फैकल्टी 265 महाविद्यालय कुवि के अंतर्गत। इनमें पढ़ रहे 10 लाख विद्यार्थी।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय आज 64 वर्ष का हो गया। वर्ष 1957 में महज संस्कृत विभाग के साथ शुरू हुए विश्वविद्यालय में आज 47 अलग-अलग विभाग हैं। इसमें 10 फैकल्टी और सात जिलों के 265 महाविद्यालय जुड़े हुए हैं। 10 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। धरोहर संग्रहालय में हरियाणवी संस्कृति की हर छोटे बड़े पहलुओं को संजोया है। यहां पर पढ़कर युवा प्रदेश व देश ही नहीं कई दूसरे देशों में बड़े पदों पर कार्यरत हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से विश्वविद्यालय ए-प्लस ग्रेड प्राप्त कर चुका है। नई शिक्षा नीति लागू करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। साथ ही जापानी भाषा के नए कोर्स में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और खुद वाइस चांसलर प्रो. सोमनाथ सचदेवा भी इसमें विद्यार्थी हैं।
प्रथम राष्ट्रपति ने किया था उद्घाटन
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश के बड़े विश्वविद्यालय में से एक है। पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल चंद्रेश्वर प्रसाद नारायण सिंह ने इसकी स्थापना की थी। 11 जनवरी 1957 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। उस वक्त विश्वविद्यालय में सिर्फ संस्कृत विभाग था।
425 एकड़ में फैला है कुवि
कुवि 425 एकड़ में फैला हुआ है। यहां कई बड़े विभाग हैं। इसके साथ विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश भी दे रहा है। विश्वविद्यालय के 30 एकड़ में पेड़ पौधे और बाग हैं। इसके अलावा 300-400 एकड़ जमीन शहर से बाहर है। इस पर खेती की जा रही है। कुवि के अंतर्गत सात जिलों के 265 कालेज जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत एक हजार करोड़ की बड़ी राशि कुवि को मिल चुकी है।
13 हजार विद्यार्थी कुवि में प्राप्त कर रहे शिक्षा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 13 हजार विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। 2500 लोगों की क्षमता का बड़ा आडिटोरियम है। विश्वविद्यालय में 180 से अधिक कोर्स करवाए जा रहे हैं। कुवि में 23 हास्टल हैं। लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा है। कुवि का वार्षिक बजट 300-350 करोड़ के बीच है। सरकार की ओर से 30-33 प्रतिशत बजट मिलता है।
संस्थापकों और सरकार के प्रयासों से संभव : सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इन वर्षाें में शिक्षा जगत में विशेष उपलब्धि हासिल की है। इसका सारा श्रेय संस्थापकों, सरकार, फैकल्टी और विद्यार्थियों को जाता है। इन सबके प्रयासों से कुवि ए-प्लस ग्रेड विश्वविद्यालयों में अपना नाम दर्ज करा चुका है।