कुवि बेचलर आफ आर्ट्स, बेचलर ऑफ कामर्स, मास्टर ऑफ आर्ट्स (मास कम्यूनिकेशन) और मास्टर आफ कामर्स कराएगा ऑनलाइन
देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों में आनलाइन कोर्सेज करवाने का यूजीसी का अहम निर्णय लिया गया है। अब हरियाणा की कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी बेचलर आफ आर्ट्स बेचलर ऑफ कामर्स मास्टर ऑफ आर्ट्स (मास कम्यूनिकेशन) और मास्टर आफ कामर्स कराएगा ऑनलाइन।
कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अब विद्यार्थियों को आनलाइन कोर्स भी करवा सकेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कुवि को चार कोर्स आनलाइन करवाने की अनुमति प्रदान की है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग दिल्ली के निर्देशानुसार दूरवर्ती शिक्षा ब्यूरो की ओर से जारी सूची में विभिन्न राज्यों के 37 विवि को शामिल किया गया है। इसी सूची में कुवि को भी यूजीसी के दिशानिर्देशानुसार चार पाठ्यक्रमों को आनलाइन कार्यक्रम के तहत करवाने की स्वायतता प्रदान की है। इनमें बेचलर आफ आट््र्स, बेचलर ऑफ कामर्स, मास्टर ऑफ आट््र्स (मास कम्यूनिकेशन) व मास्टर आफ कामर्स विषय शामिल हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह एक प्रमुख निर्णय है जिससे उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के सकल नामांकन दर को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कोविड में चार लाख विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कुवि ने कोविड-19 महामारी के दौरान विवि परिसर के 13 हजार विद्यार्थियों व संबंधित महाविद्यालयों के लगभग चार लाख विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा दी है। विवि की यह एक बड़ी सफलता रही है। यूजीसी की ओर से चार कोर्स को आनलाइन करवाने की अनुमति के बाद विवि इनके क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और अगले सत्र से ही इन आनलाइन पाठ्यक्रमों को शुरू करेंगे। इनके लिए सर्वोत्तम तकनीक और नवीनतम शिक्षण का उपयोग किया जाएगा।
नियमानुसार जमा करवाए थे दस्तावेज
कुवि लोकसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डा. दीपक राय बब्बर ने कहा कि यूजीसी के दूरवर्ती शिक्षा ब्यूरो की अधिसूचना के अनुसार सूची में शामिल संबंधित विवि को आनलाइन पाठ्यक्रम करवाने के लिए यूजी के ओपन एवं दूरवर्ती लर्निंग प्रोग्राम व आनलाइन प्रोग्राम प्राधिकरण 2020 के नियमानुसार दस्तावेज जमा करवाने थे। इसके लिए सूची में शामिल सभी विवि को नैक व एनआईआरएफ रैंङ्क्षकग संबंधी योग्यताओं का ब्यौरा भी यूजीसी को भेजा गया था। कुवि ने इन दस्तावेजों को पहले ही जमा करवाकर अपनी दमदार प्रस्तुति दी थी। इन आनलाइन कोर्सेज की अनुमति मिलने पर कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने डीन अकेडमिक अफेयर्स डा. मंजुला चौधरी व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय निदेशक के प्रयासों की सराहना की है।