भारतीय संस्कृति में विश्व है एक परिवार : कृष्णा कांता
धर्म शास्त्रों में वसुधैव कुटुंबकम की बात की गई है। माता सीता रानी सेवा संस्था की तरफ से शुक्रवार को जूम एप पर आयोजित संगोष्ठी में यह बात कृष्णा कांता राय ने कही।
जागरण संवाददाता, पानीपत : भारतीय संस्कृति में पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में माना गया है। धर्म शास्त्रों में वसुधैव कुटुंबकम् की बात की गई है। इसमें कहा गया है कि संपूर्ण विश्व हमारा परिवार है, परंतु लौकिक एवं स्थानीय दृष्टि से परिवार को माता-पिता, संतान व वृद्धजन में समावेशित किया गया है। माता सीता रानी सेवा संस्था की तरफ से शुक्रवार को जूम एप पर आयोजित संगोष्ठी में यह बात कृष्णा कांता राय ने कही।
उन्होंने कहा कि परिवारों में समझ न होने की वजह से कई बार तनाव व विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वैसे तो इसे समाप्त करने का सबसे अच्छा साधन संवाद एवं बुद्धिमान लोगों का तुरंत हस्तक्षेप है, लेकिन ऐसा असफल होने के कारण सामाजिक संस्थाएं, जनता एवं सरकार के सहयोग से परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से घर में उत्पन्न विवादों को समाप्त करने का कार्य करते हैं। यह संस्था बीते 19 वर्षों से पानीपत में हरियाणा राज्य समाज कल्याण बोर्ड चंडीगढ़ के सौजन्य व सहयोग से परिवार परामर्श केंद्र का संचालन कर रही है। केंद्र को अब तक कुल 2278 शिकायतें प्राप्त हुई है। अधिकांश शिकायतों को केंद्र के अनुभवी परामर्शदाताओं ने सुलझाया है।
इस अवसर पर केंद्र के परामर्शदाता दीपक कुमार, सुनीता आनंद, संस्था के वरिष्ठ सहयोगी राम मोहन राय, प्रिया लूथरा, पूजा सैनी, कीर्ति, दीनाक्षी व कंवलजीत लूथरा उपस्थित रहे।