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Kisan Mahapanchayat: किसानों के समर्थन में वकीलों ने किया प्रदर्शन, कहा-लाठीचार्ज मामले की हो न्यायिक जांच

करनाल के बसताड़ा में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में वकीलों ने यमुनानगर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 03:46 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 03:46 PM (IST)
Kisan Mahapanchayat: किसानों के समर्थन में वकीलों ने किया प्रदर्शन, कहा-लाठीचार्ज मामले की हो न्यायिक जांच
यमुनानगर सचिवालय के बाहर वकीलों का प्रदर्शन।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। करनाल में गत माह किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को वकीलों ने जिला सचिवालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की है। अधिवक्ताओं ने सचिवालय में एसडीएम जगाधरी को ज्ञापन सौंप कर मामले में जांच की मांग की।

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लाठीचार्ज मामले की हो न्यायिक जांच 

अधिवक्ता सुनील कांबोज, गुरप्रीत सिंह, राकेश कुमार जिंदल, गुरमीत सिंह, सन्नी वर्मा, नरेश कोचर, शशि कुमार, अरूण कुमार, अभिषेक, अश्वनी, चरणजीत समेत अन्य ने कहा कि 28 अगस्त काे किसान जब करनाल में मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए गए थे। परंतु वहां पर पुलिस ने प्रशासन के आदेशों पर किसानों पर लाठीचार्ज किया। इस हमले में 50 से ज्यादा किसान बुरी तरह से घायल हुए। हमले में एक किसान को काफी चोट लगी थी जिससे उसकी मौत हो गई। इसकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हुई है। लाठीचार्ज के दौरान एक अधिकारी सीधे तौर पर किसानों का सिर फोड़ने की बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि करनाल बार एसोसिएशन के एक वकील ने जब लाठीचार्ज के आदेशों की प्रति मांगी तो पुलिस ने उन पर भी लाठियां बरसाई।उन्होंने मांग की है कि इस मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए।

कृषि कानून किसानों के हित में नहीं

एडवोकेट सतीश सांगवान ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि कानून बनाए हैं वह किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं है। इन कानूनों से किसानों की फसल कम दाम पर बिकेगी जिससे उन्हें नुकसान होगा। जब फसल मंडी में नहीं बिकेगी तो व्यापारी कम दामों पर अपनी मनमर्जी से फसल खरीद कर उसका स्टाक कर लेंगे। इससे कालाबाजारी बढ़ेगी और वह कम कीमतों पर खरीदी गई फसल को महंगे दाम पर बेचेंगे। पहले से महंगाई की मार झेल रही जनता को महंगे दाम पर अनाज, दाल, सब्जी खरीदनी पड़ेगी। 


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