यमुनानगर में किसान महापंचायत, गौरव टिकैत बोले- मुद्दा किसानों से जुड़ा और रेलमंत्री कर रहे चर्चा
गौरव टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे एमएसपी पर कानून नहीं बनाया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार ने आंदोलन को खंडित करने के लिए किसानों को देशद्रोही की संज्ञा दी है। किसान के मान व सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है।
यमुनानगर, जेएनएन। संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में बिलासपुर के रणजीत पुर में किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया। इसमें भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे। गौरव टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार गंभीर नहीं है। सरकार की अज्ञानता इस बात से साफ दिखती है कि कृषि कानूनों का मुद्दा किसान से जुड़ा है जबकि चर्चा रेल मंत्री कर रहे हैं। किसान अपनी फसलों के मूल्यों को लेकर लड़ रहा है। किसान आंदोलन में आमजन की सहभागिता जरूरी है।
गौरव टिकैत ने कहा कि आंदोलन 95 दिन पूरे होने को हैं। किसानों पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं। किसानों ने आंदोलन को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। युवा वर्ग अपने बुजुर्गों से तजुर्बा लेकर आंदोलन में भाग ले रहे हैं। युवाओं को और भी अधिक जोश के साथ काम करना होगा। तभी आंदोलन सफल होगा। युवा वर्ग वालेंटियर बन कर कार्य करें। जननायक ताऊ देवी लाल ने कहा था कि लोकराज लोकलाज से चलेगा। उसी लोकलाज को सरकार तरजीह नहीं दे रही है। जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, एमएसपी पर कानून नहीं बनाया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार ने आंदोलन को खंडित करने के लिए किसानों को देशद्रोही की संज्ञा दी है। किसान के मान व सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किसान एक नजर खेत व दूसरी आंदोलन पर रखें
बिलासपुर में कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बुलाई गई किसान मजदूर महापंचायत में भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया। इसकी अध्यक्षता किसान नेता मतलूब हसन ने की। भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। एसजीपीसी सदस्य बलदेव सिंह कायमपुर ने मुख्य वक्ताओं को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। गौरव टिकैत ने कहा कि किसान अपनी फसलों के मूल्यों को लेकर लड़़ रहा है। किसानों की मांगों को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए। ये जन आंदोलन है। किसान इसको निभा रहा है। आंदोलन में आम आदमी को जोडऩा होगा। किसान एक नजर अपने खेत व दूसरी आंदोलन पर भी रखें। किसानों की लड़ाई लंबी है। हर परिवार से एक व्यक्ति आंदोलन में शामिल होना चाहिए।
कंडेला खाप की तरह हर जिले में फैसला लेंः हर्ष पाल सिंह
गुरनाम सिंह चढुनी के पुत्र हर्ष पाल सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से कंडेला में खाप पंचायत द्वारा सरकारी डेयरी में दूध को 100 रुपये किलो बेचने का निर्णय लिया है। इसी तरह के कदम प्रदेश के प्रत्येक जिले के किसानों को लेने चाहिए ताकि आंदोलन को बल मिल सके। जगदीप सिंह ने कहा कि किसानों की ताकत की वजह से दिल्ली के बार्डर को सील किया गया है। सरकार से अनेक बार कृषि बिलों को वापस करने की मांग की गई व एमएसपी को लिखित में देने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। सरकार ने जल्द ही कृषि कानूनों को लेकर विचार नहीं किया गया तो अगला कदम स्वामी नाथन रिपोर्ट लागू करने के लिए उठाना पड़ेगा।
संघर्ष के बिना नहीं मानेगी सरकार
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष रत्नमान सिंह ने कहा कि किसान जब तक संघर्ष नहीं करेंगे तब तक सरकार नहीं मानेगी। मौके पर भाकियू के जिलाध्यक्ष संजु गुंदियाना, डायरेक्टर मंदीप रोडछप्पर, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुुभाष गुर्जर, सुल्तान सिंह काठगढ़, गुलजार सिंह मलिक,सुरेश कुमार व अन्य उपस्थित थे।