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करनाल से सिंघू बॉर्डर रवाना हुआ हजारों किसानों का काफिला, चढ़ूनी बोले- किसान तैयार, सरकार बात तो करे

किसान नेताओं का दावा है कि किसान बड़ी संख्या में दिल्ली रवाना हुए। किसान 30 मई तक सिंघु बॉर्डर पर ड्यूटी देंगे। गांव-गांव घूमकर किसानों को बड़ी संख्या में शामिल होने के लिए आह्वान किया जा रहा है। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों की अगुवाई की।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 08:56 AM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 03:27 PM (IST)
करनाल से सिंघू बॉर्डर रवाना हुआ हजारों किसानों का काफिला, चढ़ूनी बोले- किसान तैयार, सरकार बात तो करे
करनाल के किसान बसताड़ा टोल पर एकत्रित होंगे। यहां से कुंडली बॉर्डर के लिए कूच करेंगे।

करनाल/घरौंडा, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के विरोध में बसताड़ा टोल से हजारों किसानों का काफिला दिल्ली कूच कर गया। एक सप्ताह तक करनाल जिला के हजारों किसान सिंघु बॉर्डर पर अपनी सेवाएं देेंगे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।

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बसताड़ा टोल पर किसानों के बीच पहुंचें भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान सरकार से बातचीत को लेकर तैयार है लेकिन सरकार बात तो करें। वहीं चढूनी ने कोरोना को लेकर सरकार पर तंज कसा और कहा कि कोरोना किसान नहीं बल्कि सरकार फैला रही है।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर प्रेसवार्ता करते हुए।

सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी

रविवार की सुबह हजारों किसान अपनी गाडिय़ों के साथ बसताड़ा टोल प्लाजा पर एकत्रित होना शुरू हो गए। प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों बसताड़ा टोल प्लाजा पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। करीब पौने 12 बजे किसानों का काफिला दिल्ली की तरफ बढ़ गया। किसी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था।

किसान नहीं, सरकार फैला रही कोरोनाः चढ़ूनी

गुरनाम सिंह चढूनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि करनाल से भारी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं ताकि दिल्ली में किसान आंदोलन में अलग-अलग जि़लों की हाजिरी बनी रहे। उन्होंने कोरोना को लेकर सरकार पर तंज कसा और कहा कि कोरोना किसानों द्वारा नहीं बल्कि सरकार द्वारा फैलाया जा रहा है। किसानों की मजबूरी है लेकिन प्रदेश मुख्यमंत्री की कौन-सी मजबूरी है कि वे उद्घाटन के दौरान भीड़ एकत्रित करें। उन्होंने सरकार पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि सरकार अपने निक्कमेपन को छिपाने के लिए किसानों पर आरोप लगा रही है। सरकार के पास ना एम्बुलेंस की सेवा है, ना बेड की और ना ही हॉस्पिटल की, अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए किसानों पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

इसलिए करनाल से निकला काफिला...

उन्होंने काफिला रवाना होने के उद्देश्य से अवगत करवाते हुए कहा कि यह काफिला करनाल से इसलिए निकला है ताकि सिंघु बॉर्डर पर हाजिऱी बनी रहे, सरकार को ऐसा ना लगे कि आंदोलन ठंडा पड़ गया है। सभी किसान वहां लगातार पहुंच रहे हैं। वहीं किसान संयुक्त मोर्चा की तरफ से सरकार को खत लिखा गया है कि किसान भी सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार है, जब सरकार तैयार हैं तो हम भी तैयार हैं पर बातचीत तो की जाए। ये खत सरकार को इसलिए लिखा गया है ताकि जनता को ये न लगे कि किसान जि़द पर हैं। हम भी बातचीत के लिए तैयार हैं।

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