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Lok Sabha 2019: राजनीतिक उलटफेर के लिए मशहूर ये लोकसभा सीट, इस बार बन रहे जातीय समीकरण

लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले राजनीतिक दल जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में हैं। हरियाणा प्रांत के गठन के बाद से ही करनाल लोकसभा की सीट राजनीतिक उलटफेर के लिए मशहूर है।

By Edited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:29 AM (IST)
Lok Sabha 2019: राजनीतिक उलटफेर के लिए मशहूर ये लोकसभा सीट, इस बार बन रहे जातीय समीकरण
Lok Sabha 2019: राजनीतिक उलटफेर के लिए मशहूर ये लोकसभा सीट, इस बार बन रहे जातीय समीकरण

पानीपत, [अरविन्द झा]। लोकसभा चुनाव 2019 की डुगडुगी बजने से पहले राजनीतिक दल जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में हैं। हरियाणा प्रांत के गठन के बाद से ही करनाल लोकसभा की सीट राजनीतिक उलटफेर के लिए मशहूर है। पैराशूट वाले धुरंधर नेता यहां से चुनाव जीते। दूसरी बार इसी सीट पर हार का सामना करना पड़ा। जींद उपचुनाव के संकेतों से इस बार चुनाव में जातीय समीकरण हावी रहेगा।

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जीटी रोड बेल्ट में करनाल लोकसभा सीट गठन के बाद से ही सुर्खियों में रहा है। चुनाव परिणामों में बड़े उलटफेर के लिए जाना जाता है। जनसंघ से स्वामी रामेश्वर दयाल और अंतिम धरतीपुत्र डॉ. माधोराम के बाद एक से एक धुरंधर राजनीतिज्ञ यहां से अपना किस्मत आजमा चुके हैं। पूर्व सीएम भजनलाल इस सीट से एक बार सांसद बने तो दूसरी बार हार भी गए।

पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आइडी स्वामी भी इस क्षेत्र को चुना। दो बार जीते और दो बार हारे। मोदी सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी दो बार करनाल सीट से किस्मत अजमा चुकी हैं। दोनों बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। वर्ष 2014 के चुनाव में भजपा के अश्वनी चोपड़ा ने कांग्रेस से 2004 और 2009 में सांसद रहे डॉ. अरविन्द शर्मा को 3,60,147 मतों से पराजित किया था। सोनीपत से होने के बावजूद ब्राह्मण समाज में गहरी पैठ रखते हैं।

उपचुनाव की जीत का असर
जींद उपचुनाव में भाजपा को जीत मिलने के बाद से ही माना जा रहा है कि इसका असर करनाल लोकसभा सीट पर जरूर पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि जातीय वोटों का ध्रुवीकरण होगा। राजनीतिक दल टिकट बंटवारे से पहले इस बात पर जरूर मंथन करेंगे। हार-जीत का आधार भी यही बनेगा।

नामी कंपनियां करनाल की पहचान
करनाल लोकसभा में करनाल और पानीपत जिला आता है। करनाल में नामी कार की बड़ी कंपनियों से लेकर जूते और शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है। पर्यटन की दृष्टि से कलंदरशाह गुंबद, छावनी चर्च और सीता माई मंदिर मशहूर है। शहर के बीचोबीच निर्मित चर्च भी आकर्षण का केंद्र है।

पानीपत मांगे अपना सांसद
समाजसेवी विवेक कात्याल का कहना है कि पानीपत से सरकारी खजाने में करोड़ों का टैक्स दिया जाता है। पैराशूट सांसद अब इस क्षेत्र को नहीं चाहिए। समस्याओं को स्थायी निदान के लिए पानीपत को अपना सांसद चाहिए। सरकार इस पर गौर करे। सर्वसम्मति से पार्टी एक नाम तय करे। सभी मिलकर जिताने में योगदान देंगे।


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