Karnal Lathi charge: करनाल में दर्ज होंगे डीसी व एसपी के बयान, गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी शामिल
आयोग की विशेष कोर्ट में पहली बार सोमवार को पांच लोगों के बयान दर्ज किए गए थे जबकि बुधवार को फिर प्रशासन द्वारा सौंपी गई सूची में सात लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया। इस दौरान पांच लोगों ने बयान दिए।
करनाल, जागरण संवाददाता। बसताड़ा लाठीचार्ज प्रकरण को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग के समक्ष करनाल में ही जिला उपायुक्त निशांत यादव, पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज कराए जाएंगे जबकि जांच के दौरान जरूरत हुई तो पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह के बयान भी लिए जा सकते हैं।
आयुष सिन्हा के बयान भी होने है दर्ज
ये संकेत आयोग के चेयरमैन न्यायाधीश एसएन अग्रवाल ने दिए। वे आयोग द्वारा शुरू की गई जांच प्रक्रिया के दूसरे दिन बुधवार को आंदोलनकारियों के बयान दर्ज करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। प्रकरण के दौरान वीडियो वायरल होने पर विवादों से घिरे तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को लेकर उनका कहना था कि उनके बयान भी दर्ज किए जाने हैं। करनाल व पंचकुला, जहां भी उचित होगा वहीं बयान दर्ज कर लिए जाएंगे। गुरनाम सिंह चढूनी को बयान दर्ज कराने के लिए दो नवंबर को बुलाया गया है जबकि जांच के दौरान जरूरत पड़ी तो संबंधित किसान संगठनों से जुड़े अन्य नेताओं के भी बयान दर्ज किए जा सकते हैं। जांच पूरी तरह सही निष्कर्ष तक पहुंचे, इसके लिए जरूरत पड़ी तो अन्य व आम लोगों के बयान भी लिए जा सकते हैं। वहीं जो लोग तय तिथि पर बयान दर्ज कराने में समर्थ नहीं हो पाए हैं, उन्हें बाद में मौका दिया जाएगा।
टोल प्लाजा व एसडीएम से संबंधित स्थल का ले चुके जायजा
न्यायाधीश एसएन अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट में गवाही दर्ज करने से पहले वह करनाल में 11 व 18 अक्टूबर को आए थे। प्रकरण को लेकर बसताड़ा टोल प्लाजा व तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के वायरल वीडियो वाले स्थल का भी जायजा लिया जा चुका है। हर कड़ी को जोड़कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। देखा गया है कि एसडीएम के दिए बयान व लाठीचार्ज के साथ कोई संबंध है या नहीं। अगले दो दिन यानि वीरवार व शुक्रवार को भी छह-छह लोगों को गवाही के लिए बुलाया गया है।
दूसरे दिन इनके दर्ज किए बयान
आयोग की विशेष कोर्ट में पहली बार सोमवार को पांच लोगों के बयान दर्ज किए गए थे जबकि बुधवार को फिर प्रशासन द्वारा सौंपी गई सूची में सात लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया। इस दौरान पांच लोगों ने बयान दिए, जिनमें कुलदीप उर्फ हैप्पी ओलख वासी बादशाहपुर, महेंद्र पूनिया, महेश पूनिया व सत्यवान पूनिया वासी गांव बड़ौता, सुनील पूनिया वासी गांव हसनपुर शामिल रहे। जबकि रतन मान व गुरजंट सिंह बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। इन सभी के नाम भी प्रशासन की ओर से आयोग को दी गई सूची में शामिल थे। बताया जा रहा है कि सूची में करीब 35 आंदोलनकारियों को शामिल किया गया है। उधर बयान दर्ज कराने पहुंचे आंदोलनकारियों ने बताया कि उन्होंने घटनाक्रम से जुड़े पूरे हालात से आयोग को अवगत करवाया है। उम्मीद है कि आयोग सही जांच करेगा।