Karnal Lathi Charge: बसताड़ा प्रकरण मामले में आयोग के सामने पेश हुए चढ़ूनी, 10 को भी दर्ज होंगे बयान
करनाल पीडब्यूडी रेस्ट हाउस में बनाई गई विशेष कोर्ट में करीब साढ़े 11 बजे से एक घंटा तक न्यायधीश एसएन अग्रवाल के समक्ष हालात को ब्यां किया तो वीडियो व अन्य सुबूत भी पेश किए। अब वे दोबारा बयान दर्ज कराने के लिए 10 अक्टूबर को पेश होंगे।
करनाल, जागरण संवाददाता। बसताड़ा टोल प्लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज प्रकरण को लेकर न्यायिक जांच आयोग के समक्ष मंगलवार को ब्यान दर्ज कराने के लिए भाकियू नेता गुरनाम सिंह पेश हुए। पीडब्यूडी रेस्ट हाउस में बनाई गई विशेष कोर्ट में करीब साढ़े 11 बजे से एक घंटा तक न्यायधीश एसएन अग्रवाल के समक्ष उन्होंने पूरे पूरे हालात को ब्यां किया तो वीडियो व अन्य सुबूत भी पेश किए। अब वे दोबारा बयान दर्ज कराने के लिए 10 अक्टूबर को फिर आयोग के समक्ष पेश होंगे। चढ़ूनी के साथ इस दौरान जगदीप ओलख, मंदीप चौगामा, बहादुर सिंह मेहला व अमृतपाल बुगा सहित कईं अन्य आंदोलनकारी भी थे।
हालांकि आयोग के समक्ष वे अकेले ही पेश हुए। बता दें कि आयोग ने गत सोमवार से सुनवाई शुरू की थी जिसके बाद बुधवार से लगातार तीन दिन तक आंदोलनकारियों के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान 20 से अधिक आंदोलनकारियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं जबकि हर दिन छह से सात आंदोलनकारियों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था। अनुपस्थित रहे गुरजंट सिंह 29 अक्टूबर को ही अपने बयान दर्ज करवा चुके हैं जबकि बाकि रहे आंदोलनकारियों को भी जल्द ही बयान दर्ज कराने के लिए फिर से नोटिस जारी किए जाएंगे।
चार माह का समय दिए जाने का औचित्य नहीं
चढूनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि आज उनके कुछ बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं, जिन्हें पूरा कराने के लिए न्यायाधीश ने 10 अक्टूबर को फिर बुलाया है। चढूनी ने आयोग को जांच के लिए चार माह का समय दिए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों ने एक माह में जांच कराए जाने की मांग की थी तो सरकार ने भी भरोसा दिया था, लेकिन अब तीन माह और भी बढ़ाए जा रहे हैं, जो उनकी समझ से परे हैं। फिर भी आयोग के समक्ष पूरे हालात बयां किए जा रहे हैं और निष्कर्ष भी सही आना चाहिए।
सरकार ने जबरदस्ती की तो पीएम के घर के बाहर बैठेंगे
चढूनी ने कहा कि बार्डर पर दो पहिया वाहनों के लिए रास्ता दे दिए गया है। यहां से चार पहिया वाहन गुजारने से हादसे की संभावना हैं। एक ट्रक ने दो महिलाओं को कुचल भी दिया है। ऐसे में वहां से हटना स्वीकार नहीं है और सरकार ने जबरदस्ती की तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर के बाहर बैठेंगे और वहीं पर दिवाली मनाएंगे। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को आंदोलन को एक साल हो जाएगा। अब आगे की रणनीति पर 9 नवंबर को संयुक्त मोर्चा की होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
अधिकारियों को जल्द नोटिस जारी होंगे
प्रकरण को लेकर जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव, एसपी गंगा राम पूनिया सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के ब्यान भी आयोग द्वारा लिए जाएंगे। हालांकि इसके लिए अभी तिथि तय नहीं की है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही उन्हें भी नोटिस जारी कर बुलाया जाएगा। उधर प्रशासन की ओर से आयोग को 35 आंदोलनकारियों की सूची सौंपी गई थी, जिनमें से 10 से अधिक के अभी बयान कराए जाने बाकी है।