Karnal Kisan Mahapanchayat: जानिए किसान महापंचायत में पूरे दिनभर क्या-क्या हुआ, तस्वीरों में देखें हालात
करनाल में जिला प्रशासन के लिए मंगलवार की सुबह काफी चुनौतीपूर्ण रही तो शाम को महापंचायत से जिला सचिवालय कूच के ऐलान के बाद देखते ही देखते स्थिति इतनी संवेदनशील हो गई कि तमाम आला अधिकारियों पर फौरी कार्रवाई का दबाव खासा बढ़ गया।
करनाल, जागरण संवाददाता। बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज को लेकर लगातार किसानों के निशाने पर बने करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा पर सख्त कार्रवाई सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को नई अनाज मंडी परिसर में किसान एकत्रित हुए। किसानों द्वारा आयोजित इस महापंचायत में कृ़षि कानून विरोधी आंदोलन से जुड़े किसान नेता जमकर बरसे। कई घंटे तक चले हाई वोल्टेज घटनाक्रम में केंद्र और प्रदेश सरकार पर तीखे शब्दों में प्रहार किया गया।
इसी बीच चरम पर पहुंचे तनाव व बेहद संवेदनशील हालात के बीच जब प्रशासनिक अधिकारियों से तीन दौर की वार्ता बेनतीजा रही तो महापंचायत के मंच से जिला सचिवालय कूच का ऐलान कर दिया गया। इसी के साथ हजारों की संख्या में किसानों का काफिला रास्ते के तमाम अवरोध पार करते हुए आखिरकार शाम करीब सवा छह बजे जिला सचिवालय के गेट पर पहुंच गए। तो चलिए किसान महापंचायत के दौरान दिनभर क्या-क्या हुआ ये आपको बतातें है।
बसताड़ा प्रकरण में हुए लाठीचार्ज के विरोध में और एसडीएम आयुष सिन्हा पर सख्त कार्रवाई सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को नई अनाज मंडी परिसर में किसान सुबह से ही जुटना शुरू हो गए।
पुलिस ने किसान महापंचायत को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। आला अधिकारियों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर फोर्स की तैनाती के साथ किलेबंदी की गई थी। नेशनल हाईवे से रूटों को डायवर्ट किया गया था। साथ ही चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स, सेना के जवान मुस्तैदी से तैनात थे।
हालांकि, शुरुआत में रह-रहकर बारिश होने के कारण उनकी संख्या सीमित ही रही लेकिन करीब साढ़े ग्यारह बजे जब किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी यहां पहुंचे तो किसानों की तादाद में भी खासा इजाफा होता चला गया।
अपनी मांगों को लेकर किसानों की 11 सदस्यीय कमेटी ने जिला सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की। इस 11 सदस्यीय कमेटी में खुद चढ़ूनी सहित किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल, डा. दर्शनपाल, रामपाल चहल, अजय राणा, सुखविंद्र सिंह, विकास सिसर, कामरेड इंद्रजीत सिंह और सुरेश गोत को शामिल किया गया।
किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत बेनतीजा रही। जिसके बाद कमेटी में शामिल नेता शाम करीब पांच बजे वापस महापंचायत पहुंचे और यहां एक बार फिर करीब बीस मिनट तक एक दुकान में गोपनीय वार्ता की। इसके फौरन बाद बलवीर सिंह राजेवाल ने मंच से जिला सचिवालय कूच करने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद हजारों की तादाद में किसानों का जत्था रवाना हो गया।
इस बीच पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया लेकिन किसान नहीं रुके। खास बात यह रही कि प्रशासन की ओर से राह में कहीं भी बल प्रयोग नहीं किया गया। शाम करीब सात बजे अपने नेता राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी की अगुवाई में तमाम किसान जिला सचिवालय के गेट के आगे ही बैठ गए।
नमस्ते चौक पर पुलिस फोर्स ने उन्हें रोकने का भरसक प्रयास किया लेकिन किसान नहीं रुके। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव की अगुवाई में सभी प्रमुख किसान नेता गिरफ्तारी देने को भी तैयार हो गए लेकिन लगातार बढ़ते दबाव के चलते उन्हें तत्काल छोड़ दिया गया।
सचिवालय की ओर बढ़ रही बेकाबू भीड़ ने पहले निर्मल कुटिया के आगे लगा बैरियर ध्वस्त कर दिया और उसके बाद सेक्टर-12 चौक पर लगे बैरियर को भी पार कर लिया। इसी बीच किसान पहले अलग अलग टुकड़ियों और फिर बड़े जत्थे की शक्ल में देखते ही देखते जिला सचिवालय के गेट पर पहुंच गए।
जिला सचिवालय पर पहले से ही दोनों द्वार बंद करने के साथ ही आगे बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के किसानों को समझाने की कोशिश की।
अधिकारियों के अनुरोध और अपने नेताओं के समझाने पर शाम करीब सात बजे अपने नेता राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी की अगुवाई में तमाम किसान जिला सचिवालय के गेट के आगे ही बैठ गए। इसके बाद किसान नेताओं ने आगे की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया।