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Karnal Kisan Andolan News: सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और किसान नेताओं के बीच वार्ता शुरू, अब बातचीत पहुंची तीसरे दौर में

Line Karnal Kisan Andolan News दोपहर में लघु सचिवालय में डीसी निशांत कुमार और एसपी गंगाराम पूनिया ने प्रेसवार्ता की। उन्‍होंने किसानों से वार्ता की पेशकश की। वहीं आज इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है। किसान आंदोलन की वजह से तीन दिन से करनाल में इंटरनेट बंद था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 09:56 PM (IST)
Karnal Kisan Andolan News:  सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और किसान नेताओं के बीच वार्ता शुरू, अब बातचीत पहुंची तीसरे दौर में
प्रेसवार्ता करते डीसी निशांत कुमार और एसपी गंगाराम।

करनाल, जागरण संवाददाता। Line Karnal Kisan Andolan News: बसताड़ा प्रकरण को लेकर तत्कालीन एसडीएम पर कार्रवाई और अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों और प्रशासन के बीच शुक्रवार शाम एक बार फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। चंडीगढ़ से इसके लिए विशेष रूप से हरियाणा सरकार ने सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह को करनाल भेजा। वार्ता में किसान नेताओं की 12 सदस्यीय कमेटी के तहत गुरनाम सिंह चढ़ूनी, सुरेश कौथ, रतन मान, सेवा सिंह आर्य, राजेंद्र आर्य दादूपुर, रामपाल चहल, जगदीप सिंह औलख, गुरुमुख सिंह, राकेश बैंस, जसबीर भट्टी, मंजीत सिंह चौगांव, अजय सिंह राणा अपनी बात रख रहे हैं जबकि प्रशासनिक स्तर पर एसीएस देवेंद्र सिंह, जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव और एसपी गंगाराम पूनिया वार्ता में शामिल हैं। शाम करीब साढ़े पांच बजे आरंभ हुई वार्ता के शुरुआती दौर में कोई नतीजा नहीं निकला। रात करीब नौ बजे वार्ता का तीसरा दौर चल रहा है, जिसके बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। बता दें कि 11 सितंबर को किसान नेताओं ने करनाल में एक बार फिर बड़ी मीटिंग आहुत की है, जिसमें सभी प्रमुख किसान नेता जुटेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी आएंगे।

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लघु सचिवालय के बाहर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर डीसी निशांत कुमार यादव और एसपी गंगाराम पूनिया ने प्रेस वार्ता की। डीसी निशांत कुमार ने कहा कि किसानों के लिए बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं। बातचीत से ही समाधान संभव है। उन्होंने कहा, किसानों का धरना फिलहाल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। किसानों से अपील है कि अपना विरोध शांतिपूर्ण तरीके से चलाएं। प्रशासन की ओर से धरना स्थल के आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। सुरक्षाकर्मियों के लिए पीने के पानी से लेकर अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। किसानों से अपील है कि वह प्रशासन का सहयोग करें।

उपायुक्त ने कहा कि किसी भी प्रकार की कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो सहन नहीं की जाएगी। एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा है कि सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात हैं। किसानों की आड़ में किसी ने भी कानून हाथ में लेने की कोशिश की तो बख्शा नहीं जाएगा। कुछ शरारती लोग किसानों के आंदोलन की आड़ में कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी है। ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दोपहर करीब एक बजे तक आंदोलन स्‍थल पर कोई बड़ा किसान नेता नहीं पहुंचा। आंदोलन की कमान संभाल रहे किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों मैं जोश भरा। उन्होंने कहा कि शनिवार को आंदोलन को लेकर मीटिंग की जाएगी। इसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने किसानों को धरना स्थल पर डटे रहने के लिए आह्वान किया। वहीं कुछ वकील भी किसानों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ वह किसानों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।

किसानों द्वारा जिला सचिवालय के बाहर डाला गया पड़ाव चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। सुबह होते ही बड़ी संख्या में किसान जुटना शुरू हो गए। उत्‍तर प्रदेश और पंजाब से भी किसान पहुंच रहे हैं। हालांकि सुबह 12 बजे तक कोई बड़ा नेता धरनास्थल पर नहीं पहुंचा था। स्थानीय स्तर के किसान नेताओं जगदीप सिंह ओलख, राजपाल चहल आदि ने धरना दे रहे किसानों में जोश भरना शुरू किया।

किसानों के समर्थन में कुछ वकीलों ने प्रदर्शन किया।

आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आधी रात तक किसानों के बीच रहे। वहीं आज भी उनके साथ-साथ पंजाब व आसपास के प्रदेश नेताओं द्वारा किसानों को संबोधित किए जाने की संभावना जताई जा रही है। आसपास के गांवों से भी किसान सुबह ही पहुंचना शुरू हो गए। लंगर सेवा भी शुरू कर दी गई। सुबह चाय नाश्‍ते से लेकर दोपहर के खाने के लिए भी व्यवस्था की जाने लगी। उधर कानून व्यवस्था बनाए रखने के चलते जिला सचिवालय के चारों ओर भारी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात किए हुए हैं। करनाल के एसपी गंगा राम पूनिया व पानीपत एसपी शशांक कुमार सावन ने पुलिस कर्मियों को अलर्ट रहने को लेकर दिशा-निर्देश दिए।

इंटरनेट सेवा शुरू

करनाल में इंटरनेट सेवा शुरू हो चुकी है। किसान महापंचायत के बाद विरोध के चलते तीन दिन से इंटरनेट सेवा बंद थी। शुक्रवार सुबह इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। सहायक जिला पीआरओ रघुबीर सिंह ने कहा, अभी सेवाओं को फिर से बंद करने की कोई योजना नहीं है। बता दें कि लाठीचार्ज के विरोध में किसान करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।

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लगातार तीसरे दिन इंटरनेट बंद रहने का असर अब कारोबारी गतिविधियों से लेकर आम जनजीवन पर साफ दिखाई पड़ रहा था। आर्डर न होने से होम डिलीवरी का काम तकरीबन ठप पड़ चुका था। विद्यार्थियों से लेकर सरकारी और गैर सरकारी कामकाज से जुड़े लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई थी। व्यापारी नेता बजरंग गर्ग ने दावा किया है कि जिले में अब तक साठ करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो चुका है।

करनाल के लघु सचिवालय के समक्ष धरना दे रहे किसानों के आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवाएं लगातार बंद थी। हालांकि, वीरवार की देर रात से सुबह तक कुछ कंपनियों की इंटरनेट सेवा शुरू तो हुई लेकिन नौ बजे के बाद इन्हें एक बार फिर पूरी तरह बंद कर दिया गया। इससे लोगों के आनलाइन कामकाज की चाल तकरीबन पूरी तरह ठप पड़ गई थी। आलम यह है कि आनलाइन आर्डर पर होम डिलीवरी करने वाले युवा राइडरों को कोई काम नहीं मिल रहा था। वे दुकानदार भी परेशान थे, जिनके काम का बड़ा हिस्सा आनलाइन ही चलता था।

पेट्रोल पंप पर अब कार्ड स्वैपिंग नहीं हो रही तो माल से लेकर अन्य दुकानों में भी कमोबेश यही हाल था। लोगों को आर्डर न होने से अलग अलग आइटम घर पर नहीं मिल पा रहे थे। कई लोगों के अस्थाई रोजगार पर सीधा असर दिख रहा था। माना जा रहा है कि करनाल में औसतन अकेले खाद्य व पेय पदार्थों के रोजाना करीब ढाई-तीन हजार आर्डर आनलाइन किए जाते थे। इससे करीब पांच से सात लाख रुपये का कारोबार होता था, जो अब तकरीबन पूरी तरह ठप पड़ चुका था। सैकड़ों युवा अचानक बेरोजगार हो गए थे। दुकानदारों का कहना है कि आर्डर न मिलने से लगातार नुकसान हो रहा था। सरकार को चाहिए कि इंटरनेट सेवा बहाल करे, जिससे काम आगे बढ़ सके।

चारों तरफ परेशानी और असमंजस

लगातार बंद इंटरनेट सेवा ने चारों तरफ आनलाइन काम-काज ठप करके रख दिया था। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाओं पर भी असर पड़ा। बैंकिंग प्रणाली से लेकर अन्य आनलाइन लेनदेन सम्बधित काम तकरीबन पूरी तरह बंद हो चुके थे। लोग असमंजस में थे कि आखिर कब तक उन्हें इसी तरह परेशानियां सहनी पड़ेंगी ?

आनलाइन लेनदेन पूरी तरह ठप

अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने अपने बयान में कहा कि तीन दिन से इंटरनेट बंद होने के कारण 60 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हो चुका है। हर ट्रेड का व्यापार व उद्योगों में लेन-देन इंटरनेट से होता है। इंटरनेट बंद होने से न भुगतान हो रहा है और न पेमेंट आ रही है। वाहन बिक्री भी पूरी तरह ठप हो गई है। यह समस्या अविलंब दूर होनी चाहिए।


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