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बसताड़ा लाठीचार्ज प्रकरण: कानून वापसी का आयोग की जांच पर असर नहीं, दोबारा बुलाए जा सकते हैं चढ़ूनी

बसताड़ा लाठीचार्ज प्रकरण मामले में दिसंबर के अंत तक पूरी होगी बयान दर्ज करने की प्रक्रिया। रिपोर्ट तैयार करने में लगेगा एक और माह। दो माह की मंजूरी के बाद अब और समय की मांग को लेकर आयोग ने की तैयारी। न्यायिक जांच आयोग के चेयरमैन एसएन अग्रवाल से बातचीत।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 08:52 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 08:52 AM (IST)
बसताड़ा लाठीचार्ज प्रकरण: कानून वापसी का आयोग की जांच पर असर नहीं, दोबारा बुलाए जा सकते हैं चढ़ूनी
आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन अग्रवाल।

करनाल, [सेवा सिंह]। बसताड़ा टोल प्लाजा पर बीते 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज प्रकरण को लेकर जांच कर रहे एक सदस्यीय न्यायिक आयोग द्वारा बयान दर्ज करने की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट फाइनल करने में एक माह का अतिरिक्त समय लगेगा। ऐसे में आयोग का पूरा कार्य निपटने में चार माह का समय लग सकता है। हालांकि, अभी प्रदेश सरकार ने आयोग का कार्यकाल दो माह बढ़ाया है, लेकिन एक माह और देने की मांग को लेकर आयोग ने तैयारी कर ली है। जल्द सरकार को पत्र भेजा जाएगा।

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यह कहना है आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन अग्रवाल का। वह सोमवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस स्थित विशेष कोर्ट में दैनिक जागरण से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले ही सरकार से तीन माह का अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग की थी, लेकिन दो माह का ही समय दिया गया। यह पर्याप्त नहीं है। अभी तक आयोग प्रशासन की ओर से मिली सूची में प्रदर्शन में शामिल रहे अधिकतर लोगों व कई किसान नेताओं के बयान दर्ज कर चुका है। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से गठित एसआइटी इंचार्ज एवं घरौंडा डीएसपी जय सिंह के अलावा एसडीएम पूजा भारती के भी बयान दर्ज किए जा चुके हैं।

कानून वापसी का असर नहीं, जांच रहेगी जारी

एसएन अग्रवाल का कहना है कि भले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कानून वापस लेने का एलान कर दिया है, लेकिन इसका आयोग की कार्रवाई पर कोई असर नहीं होगा। जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी।

घायल हुए 29 प्रदर्शनकारियों व 25 पुलिसकर्मियों की मिली सूची

उन्होंने बताया कि एसआइटी की ओर से उनके पास लाठीचार्ज में घायल हुए 29 लोगों के अलावा 25 पुलिस कर्मियों की भी सूची पहुंची थी। अधिकतर आंदोलनकारियों के बयान लिए जा चुके हैं, जबकि पुलिसकर्मियों के बयान अभी बाकी हैं। घायलों का इलाज करने वाले चिकित्सकों में चार के बयान भी दर्ज किए जाने हैं। इनके बयान करनाल कोर्ट में ही दर्ज किए जाएंगे।

अगले सप्ताह से पंचकूला में चलेगी कार्रवाई

करनाल रेस्ट हाउस में स्थापित कोर्ट में इसी सप्ताह ही कार्रवाई चलेगी, जिस दौरान बाकी रहे आंदोलनकारियों, घायलों व चिकित्सकों के बयान दर्ज किए जाएंगे। वहीं अगले सोमवार से पंचकुला में कार्रवाई जारी रखी जाएगी। न्यायाधीश एसएन अग्रवाल का कहना है कि आइजी ममता सिंह, डीसी निशांत कुमार यादव, एसपी गंगाराम पूनिया, वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में आए तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के अलावा अन्य संबंधित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों, घायल पुलिसकर्मियों के बयान वहीं दर्ज किए जाएंगे।

पंजाब के किसान नेताओं को बुलाया

सोमवार को घरौंडा की एसडीएम पूजा भारती व इंटरनेट मीडिया से जुड़े एक पत्रकार के बयान दर्ज किए गए तो पंजाब के किसान नेता कुलवंत सिंह, हरमीत सिंह को भी बुलाया गया। हरमीत ने बाद में किसी दिन पेश होने को आयोग के पास संदेश भेजा। वहीं प्रकरण के दौरान घायल सगे भाई महेंद्र सिंह व रणबीर को वीरवार को बुलाया गया है। हालांकि उनके पहले बयान हो चुके हैं, लेकिन अब उनके द्वारा दिए बयान व वीडियो क्लिप को मैच किया जाएगा। पूरे सप्ताह पांच-छह लोगों को बुलाए जाने का शेडयूल बनाया गया है। जरूरत पड़ी तो भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी व अन्य किसान नेताओं को दोबारा भी बुलाया जाएगा जबकि राकेश टिकैत के बयान लिए जाने की कोई योजना नहीं है।


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