कैथल रोडवज डिपो को झटका, 26 दिनो में 234 लाख आमदनी हुई है कम
लॉकडाउन और कोरोना महामारी की वजह से हरियाणा रोडवेज को भारी नुकसान हुआ है। अकेले कैथल रोडवेज डिपो की 26 दिन में 234 लाख रुपये की आमदनी कम हुई है। लॉकडाउन से अब तक दो लाख रुपये रोजाना ही ला रही है रोडवेज डिपो की बसें ।
कैथल, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते तीन मई से डिपो की बसों में यात्रियों की संख्या कम है। इसका असर राेडवेज विभाग की आमदनी पर पड़ रहा है। बता दें कि कोरोना से पहले डिपो की 143 बसें ऑनरूट रहती थी, जिससे लगभग 11 लाख रुपये की आमदनी एक दिन में होती थी, अब यह आमदनी मात्र दो लाख रुपये तक रह गई है। जिससे डिपो की रोजाना आमदनी पर नौ लाख रुपये का असर पड़ रहा है। 26 दिनों में 234 लाख रुपये विभाग की आमदनी कम हुई है। लॉकडाउन के समय से दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्धार, सिरसा के लिए बसें नहीं चलाई जा रही है। इन रूटों से विभाग की अच्छी आमदनी होती थी।
20 बसों का ही हो रहा है संचालन
कैथल डिपो से मात्र 20 के करीब ही बसें चलाई जा रही है। ये बसे जींद, गुहला, पूंडरी, करनाल, कुरुक्षेत्र इत्यादि रूट पर ही चल रही है। जिनसें रोजाना केवल दो लाख रुपये की है आमदनी हो रही है। लॉकडाउन से पहले किलोमीटर व रोडवेज की 143 बसों का संचालन होता था। वहीं जरूरत के हिसाब से ही कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है।
पांच पिंक बसों को बनाया गया है एंबुलेंस
पांच पिंक बसों को एंबुलेंस बनाया गया है। सभी बसें 24 घंटे तैयार रहती है। 20 कर्मचारियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है। उच्चधिकारियों के आदेश तक इन बसों को एंबुलेंस सेवा में ही रखा जाएगा।
रोडवेज के जीएम अजय गर्ग ने बताया कि यात्रियों के हिसाब से बसों का संचालन किया जा रहा है। लॉकडाउन होने के कारण यात्रियों की संख्या नाममात्र ही रहती है। इससे आमदनी पर असर पड़ा है। दिल्ली व जयपूर जाने वाली बसें बंद होने के कारण विभाग की आमदनी पर सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। उच्चधिकारियों के आगामी आदेश आने के बाद ही बसों का संचालन किया जाएगा।