Paddy Procurement: खरीफ फसलों के पंजीकरण के लिए अक्टूबर से दोबारा खुलेगा पोर्टल,पीआर धान की सरकारी खरीद इस दिन से शुरू
प्रदेश सरकार ने बाजरे की फसल समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदने का फैसला लिया है। लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 600 रुपये प्रति क्विंटल रुपये प्रति क्विंटल बाजरे की फसल पर सब्सिडी किसानों को देने का फैसला किया है।
जींद, जागरण संवाददाता। खरीफ फसलों का पंजीकरण कराने के लिए प्रदेश सरकार ने दोबारा पोर्टल खोलेगी। जो किसान किन्हीं कारणों से अपनी फसलों का पंजीकरण नहीं करा पाए थे। वे एक से तीन अक्टूबर तक पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण करा सकते हैं। अनाज मंडियों में समर्थन मूल्य पर उन्हीं किसानों की फसलें खरीदी जाएंगी, जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण कराया होगा। इनमें मुख्य रूप से पीआर धान, कपास और बाजरे की फसल शामिल हैं। पीआर धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।
समर्थन मूल्य पर फसलें बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
जींद जिले में करीब 36 हजार हेक्टेयर में पीआर धान की फसल है। बहुत से किसानों ने पीआर धान का पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया हुआ है। किसान अपने नजदीकी कामन सर्विस सेंटर पर जाकर फसलों का पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं। फसलों के पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र होना जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए किसान टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क कर सकते हैं। जींद मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि जिन किसानों ने पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें पंजीकरण का मौका दिया गया है। समर्थन मूल्य पर फसलें बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है।
कपास की फसल के भाव ज्यादा
केंद्र सरकार ने कपास की फसल का समर्थन मूल्य 5825 रुपये निर्धारित किया हुआ है। फिलहाल मार्केट में नरमा कपास के भाव सात हजार से साढ़े सात हजार रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में समर्थन मूल्य पर कपास की फसल बेचने में किसान रुचि भी नहीं ले रहे हैं। जिस कारण पोर्टल भी कपास की फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे। हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि फसल चाहे मार्केट में बेचें, लेकिन रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। क्योंकि विभागीय लाभ के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
बाजरे की फसल पर सब्सिडी के लिए पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
प्रदेश सरकार ने बाजरे की फसल समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदने का फैसला लिया है। लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 600 रुपये प्रति क्विंटल रुपये प्रति क्विंटल बाजरे की फसल पर सब्सिडी किसानों को देने का फैसला किया है। ये सब्सिडी उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का पंजीकरण कराया हुआ है। इसलिए जिन किसानों ने बाजरे की फसल का पंजीकरण नहीं कराया है। वे एक से तीन अक्टूबर के दौरान पंजीकरण जरूर कराएं।