Move to Jagran APP

कोरोना में बड़े काम का है जामुन, डायबिटीज नहीं अन्‍य रोगों में भी है बेहद गुणकारी, जानें कैसे करें इस्‍तेमाल

कोरोना काल में जामुन बेहद लाभदायक है। यह सिर्फ डायबिटीज ही नहीं अन्‍य रोगों में भी बहुत गुणकारी व फायदेमंद है। जामुन फल के साथ ही इसकी गुठली और पत्‍ते भी बहुत उपयोगी हैं और इनका इस्‍तेमाल बहुत लाभ देता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 06:42 AM (IST)
कोरोना में बड़े काम का है जामुन, डायबिटीज नहीं अन्‍य रोगों में भी है बेहद गुणकारी, जानें कैसे करें इस्‍तेमाल
जामुन फल कोरोना संक्रमण काल में बेहद लाभदायक है। (सांकेतिक फोटो)

पानीपत, [रवि धवन]। आम तौर पर पता है कि जामुन मधुमेह के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसके अन्‍य फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यह अन्‍य विटामिन सी से भरपूर जामुन बड़े काम के हैं। कोरोना संक्रमण के वक्त तो ये और लाभदायक हैं। लू लग जाने की स्थिति में ठंडी तासीर के जामुन राहत देते हैं। इसमें पेट को ठंडा रखने वाले तत्त्व होते हैं। आमतौर पर गर्मी के मौसम में छाती में जलन होती है, जामुन खाने से आराम मिलता है। जामुन ही नहीं, इसकी पत्तियां भी गुणकारी हैं। मधुमेह को नियंत्रण रखने में काम आती हैं। पाचन ठीक रखती हैं।

loksabha election banner

डाइटिशियन श्रेया मिड्ढा तो कहती हैं कि जामुन खाने के बाद इसकी गुठली से फेसपैक बना सकते हैं। गुठली को पीसकर जो चूर्ण बनता है, उसका आधा चम्मच लें तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है। अब तो अस्पतालों में बतौर डाइट जामुन भी दिया जाने लगा है।

डा.श्रेया मिडढा ने बताया कि जामुन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके बीज में फ्लेवोनोइड और फेनोलिक यौगिक भी होते हैं। एंटीआक्सीडेंट होने के कारण हानिकारक मुक्त कणों को शरीर से दूर रखते हैं। इसी वजह से हमारी इम्युनिटी बढ़ती है। कोरोना संक्रमण में इस समय इम्युनिटी बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। एंटीआक्सीडेंट होने के कारण ही रक्तचाप पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। फाइबर होने से पेट सुरक्षित रहता है, वजन घटाने में मदद करता है।

क्या आप जानते हैं

इसका वानस्पतिक नाम सिजिजियम क्यूमिनाइ है। मिर्टेसी कुल के जामुन को संस्कृत में महाफला, महाजंबू, असम में जमू, बंगाली में कालाजाम, गुजरात में जाम्बु, महाराष्ट्र में जाम्बुल कहा जाता है।

जानें प्रति 100 ग्राम जामुन में कौन से तत्‍व हैं -

  • ऊर्जा - 62 कैलरी
  • विटामिन- सी 18 एमजी
  • कैल्शियम- 15 एमजी
  • फोसफोरस- 15 एमजी
  • पौटेशियम- 55 एमजी
  • मैग्नीशियम- 5 एमजी

मुहांसे भगाएं

मुहांसे कम करने हों तो जामुन के रस का उपयोग करें। जामुन की गुठली, पत्तियों के रस को बेसन के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाएं। यह तेल को त्वचा पर आने से रोकता है। कषाय गुण से त्वचा के विकारों में फायदेमंद रहता है।

डायबिटीज में रामबाण

डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन किसी रामबाण से कम नहीं है। गर्मी के मौसम में डाइटिशियन जामुन खाने की सलाह जरूर देते हैं। जामुन से अलग-अलग तरह से औषधि बनाई जाती है। 500 मिलीग्राम जामुन के बीज को सूखाकर चूर्ण बना सकते हैं। दिन में तीन बार लेने से मधुमेह नियंत्रित होता है। ढाई सौ ग्राम जामुन को पानी में डालकर उबालें। ठंडा होने पर इसे मसलकर कपड़े से छानें। दिन में तीन बार इसे पिएं।

गुठली का इस्तेमाल इस तरह करें

जामुन की गुठलियां बड़े काम की होती हैं। इन्हें फेंके नहीं। अच्छे से धो लें। कपड़े से ढंककर धूप में सुखाएं। अब तो गर्मी तेज है। दो दिन में अच्छे से सूख जाएंगी। इन्हें मिक्सी में अच्छी से पीस लें। आधा चम्मच पाउडर को सुबह खाली पेट लें। इस पाउडर को चेहरे पर लगाना भी फायदेमंद है।

ये भी फायदे

1- कान से पस निकलने या घाव होने पर जामुन की गुठली को घोंट लें। शहद मिलाएं। दो बूंद कान में डालें, कान का दर्द दूर होगा।

2- जामुन के पत्तों की राख को दांतों और मसूड़ों पर मसलें, इससे मजबूती बढ़ती है, पाइरिया ठीक होता है।

3- मुंह में छाले हो जाएं तो पत्तों के रस से कुल्ला करें, आराम मिलेगा।

4- बीस मिलीलीटर जामुन के फल के रस का सेवन करने से गले के रोग ठीक होते हैं।

5- दस्त होने पर पत्ते का रस बनाएं, बकरी के दूध के साथ मिलाकर पीने से राहत मिलेगी।

6- बवासीर में राहत देता है, दस ग्राम पत्तों को ढाई सौ ग्राम गाय के दूध में घोंटें। एक सप्ताह तक दिन में तीन बार पिएं। बवासीर में गिरने वाला खून बंद हो जाएगा।

7- लीवर में सूजन होने पर गुठली का रस पिएं। सिरका ही दस मिली रोजाना लेने से लाभ होता है।

8- पीलिया होने, खून की कमी और रक्त विकार पर 15 मिली रस में दो चम्मच शहद मिलाएं। इसे सामान्य तौर पर पीने से राहत मिलती है।

9- पथरी है तो पका हुआ फल खाए, पथरी गल सकती है। जामुन के दस मिली रस में सेंधा नमक मिलाएं। दिन में दो से तीन बार पिएं, पथरी टूटकर बाहर निकल सकती है।

10 - जोड़ों में दर्द है तो इसकी जड़ को उबालकर पीसें। जोड़ों पर रगड़ने से दर्द में आराम मिलता है।

पर ये ध्यान रखें

इसका अधिक मात्रा में सेवन न करें। यह देर से पचता है, फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा खाने से बुखार हो सकता है। नमक मिलाकर खाएं।

(आवश्‍यक- अगर किसी बीमारी के इलाज के लिए जामुन का उपयोग करना है तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर बात करें। जिनके शरीर में सोडियम मैग्नीशियम ज्यादा है, उन लोगों को जामुन का ज्यादा नहीं खाना नहीं चाहिए। किसी बीमारी में डाक्टर से जरूर चर्चा करें।)

यह भी पढ़ें: साढ़े तीन एकड़ में फैला है यह पेड़, पंजाब के गांव में है 300 साल पुराना अनोखा बरगद का वृक्ष


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.