ऊपर जाम, नीचे पानी..हे भगवान!
बादल से एक बूंद नहीं बरसी और असंध रोड पर पुल के नीचे बाढ़ सी आ गई। दूर तक पानी ही पानी दिखाई देने लगा। कुछ लोगों ने तो फेसबुक और वाट्सएप पर तंज कस दिया हाली पार्क के लिए पानी इस तरफ से भेजा जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : बादल से एक बूंद नहीं बरसी और असंध रोड पर पुल के नीचे बाढ़ सी आ गई। दूर तक पानी ही पानी दिखाई देने लगा। कुछ लोगों ने तो फेसबुक और वाट्सएप पर तंज कस दिया, हाली पार्क के लिए पानी इस तरफ से भेजा जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। एक तरफ नीचे पानी था, दूसरी तरफ असंध रोड पुल पर जाम के हालात थे। यानी, लोग चाहकर भी नीचे से निकल नहीं सकते थे। ऊपर से जाने पर जाम का सामना करना पड़ा।
शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में है असंध रोड। बरसों से यहां पर पुल के नीचे पानी निकासी का इंतजाम नहीं हो सका। बारिश में तो पानी भरता ही है, बिना बारिश भी पानी दिखाई दे जाता है। इसकी वजह है सीवर की सफाई न होना और सीवर का बैक मार जाना। कई बार पंप सेट लगाकर पानी निकासी करा दी जाती है।
रेलवे लाइन के ठीक नीचे से जाने वाले इस रास्ते पर पानी भरा होने से कुछ पैदल लोग रेलवे लाइन क्रास करते हैं। इस वजह से हादसों का भी डर रहता है। एक-दो बार हादसे हो भी चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने समस्या के समाधान के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किए। फेसबुक पर व्यंग्य..अस्थायी बोट का इंतजाम करा दो
लुट गया पानीपत : विधायक जी, जैसे अस्थायी अस्पताल का निर्माण करा दिया, वैसे ही अस्थायी बोट का भी इंतजाम करा दो। अंडरपास पार कराने के लिए।
मनमोहन वर्मा : करवा देंगे। थोड़ा सब्र करो। अभी समय है।
सुधाकर : शुक्र है। अब हाली पार्क स्थित झील में इस पानी के पहुंचने से कश्तियां तो चलेंगी।
सुरेश कुमार : जी सरकार चाहे कोई भी हो, पानी ने भी कसम खाई है कि भरूंगा तो जरूर।
अश्विनी : विपक्ष की चाल लग रही है इसमें।
सुमेर मोर : सीवर ओवरफ्लो हुई, अंडरपास ब्लॉक। कंट्रोलिग अथारिटी सोती रहती है।
तुषार गाबा : प्रोग्रेस।
अक्ष्य मिगलानी : बारिश कब हुई, लगता है नीचे से हुई है। ये भी लास्क बेंचर्स है। निगम जी, अभी विचार कर रहे हो या कुछ करोगे।
हरीश सलूजा : इसके लिए भी जिम्मेदार जवाहरलाल नेहरू होंगे या केजरीवाल।
मोहिद्र हुड़िया : मेरा पानीपत, हिट पानीपत। जब से होश संभाला, पुल के नीचे हमेशा बना रहा नाला। नेताओं का खेल निराला। बाला, बाला, बाला..।