दो महीने से खुद को जिंदा साबित करने को भटक रहा कैथल का जगदीश, जानिये क्या है मामला
2018 में पत्नी की बीमारी से मौत हो गई थी। उसके मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए नगर परिषद में अप्लाई किया था। कर्मचारियों ने गलती से जगदीश का आधार कार्ड लगा दिया। इस कारण अब उसे मृत दिखाया जा रहा है।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। सरकारी विभागों के कर्मचारियों की लापरवाही अकसर आम आदमी पर भारी पड़ती है। ऐसा ही डोगरा गेट निवासी जगदीश के साथ हुआ है। वह दो महीने से इस बात को बताने का प्रयास कर रहा है कि वह जिंदा है। इस बात को कर्मचारी भी मान रहे हैं, लेकिन परिवार पहचान पत्र वाले पोर्टल के रिकॉर्ड के अनुसार वह दो साल पहले मर चुका है। जगदीश दो महीने से नगर परिषद और स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा रहा है, लेकिन गलती ठीक नहीं हो रही है। जगदीश ने बताया कि 2018 में उसकी पत्नी सुनीता की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। उसका मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए नगर परिषद में अप्लाई किया था। आवेदन के साथ सुनीता का और स्वयं का आधार कार्ड दिया था। कर्मचारियों ने गलती से सुनीता की जगह उसका आधार कार्ड लगा दिया, जिस कारण अब उसे मृत दिखाया जा रहा है। सुनीता के मृत्यु प्रमाण पत्र पर जो आधार कार्ड का नंबर लिखा है वह जगदीश का है।
दो महीने पहले मिली जानकारी
जगदीश ने बताया कि दो महीने पहले उसके पास नगर परिषद से कर्मचारी का फोन आया था। कर्मचारी ने कहा कि अपना आधार कार्ड ले आओ और अपना परिवार पहचान पत्र बनवा लो। वह आधार कार्ड लेकर कार्यालय में आया, लेकिन जैसे ही आधार कार्ड का नंबर पार्टल पर डाला तो मैसेज आया कि उसकी मृत्यु हो चुकी है। उसे कुछ समझ नहीं आया और जानकारी लेने के लिए नगर परिषद में बनी जन्म मृत्यु शाखा में गया। वहां जांच करने के बाद जानकारी मिली कि जो आधार कार्ड का नंबर उसकी पत्नी के प्रमाण पत्र पर दिया गया है, वह जगदीश का है। हालांकि कर्मचारी दो बार सही जानकारी को अपडेट कर चुके हैं, लेकिन जब तक परिवार पहचान पत्र वाला पोर्टल अपडेट नहीं होगा, वह पुरानी जानकारी को ही दिखाएगा। जगदीश ने बताया कि अगर पहचान पत्र नहीं बना तो उसको सरकारी सेवाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
दो बार कर चुके अप्लाई
स्वास्थ्य विभाग के सूचना सहायक नरेंद्र कुमार ने बताया कि आधार कार्ड का नंबर गलत अंकित होने से जगदीश को मृत दिखाया जा रहा है। मृत्यु प्रमाण पत्र में आधार कार्ड का नंबर ठीक करने के लिए दो बार अप्लाई किया जा चुका है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी लिखा जाएगा।