किसी पर आरोप लगाना आसान पर उसको सिद्ध करना मुश्किल
प्रोफेसर निष्ठा जसवाल ने कहा कि वर्तमान में किसी पर आरोप लगाना बहुत आसान है पर उसको सिद्ध करना बहुत मुश्किल है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ द्वारा ऑनलाइन जूम के माध्यम से पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। विषय क्या महिलाएं नियमित रूप से कानूनों का दुरुपयोग करती हैं मिथक या वास्तविकता रहा। पैनल चर्चा में मुख्य वक्ता महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. विजेंदर कुमार, हिमाचल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर प्रो. निष्ठा जसवाल, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस राजीव भल्ला व स्वर्णा कांता शर्मा, प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश रोहिणी कोर्ट दिल्ली रही। वाइस चेयरमैन निशांत बंसल व प्राचार्य सुभाष मित्तल ने अतिथियों का स्वागत किया।
प्रोफेसर निष्ठा जसवाल ने कहा कि वर्तमान में किसी पर आरोप लगाना बहुत आसान है, पर उसको सिद्ध करना बहुत मुश्किल है। कानून बनाए तो अच्छे के लिए जाते हैं, लेकिन कोई उनका गलत उपयोग भी कर लेता है। हमें अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। जिससे समाज में भी बदलाव लाया जा सके। पूर्व जस्टिस राजीव भल्ला ने कहा कि एक जज कभी आर्बिटर नहीं हो सकता। उसके सामने जो भी रिपोर्ट पेश की जाती है, वह उसके आधार पर ही न्याय करता है। महिलाओं से संबंधित केस ठीक से छानबीन करके ही कोर्ट में लाना चाहिए। जज हमेशा सबूतों के आधार पर ही फैसला करता है।
प्रो. विजेंदर कुमार ने कहा कि कानून को बनाने का एक ही मकसद है। किसी के साथ भी कुछ गलत न हो। अगर होता भी है तो उसके साथ पूर्ण न्याय होना चाहिए। स्वर्णा कांता शर्मा ने कहा कि महिलाओं के प्रति हर किसी को अपनी सोच बदलने की जरुरत है। किसी भी महिला के साथ अगर कोई गलत काम होता है तो उसकी सबसे पहले अच्छे से छानबीन करना जरुरी है। क्योंकि जज हमेशा उसकी सामने पेश की गई रिपोर्ट पर ही फैसला देगा। औरत को कानूनों का सही से प्रयोग करना चाहिए न की उसका दुरुपयोग। इस मौके पर शिल्पा सरदाना, प्रो. अनिल वत्स, संदीप सैनी मौजूद रहे।