International Yoga Day 2021: एलोपैथी के जींद के तीन वरिष्ठ डाक्टर, रोज योग करके खुद को रखते हैं स्वस्थ
योग करने से तन स्वस्थ रह सकता है। कुछ ऐसा ही मानना है जींद के वरिष्ठ एलोपैथी डॉक्टरों का।जींद शहर के तीन जाने-माने डाक्टरों की तिकड़ी हर रोज सुबह इकट्ठे एक घंटा योगासन करते हैं। उनका कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी है।
जींद, [कर्मपाल गिल]। आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आपको मिलवाते हैं एलोपैथी के तीन वरिष्ठ डाक्टरों से। ये हैं महाराजा अग्रसेन अस्पताल के संचालक वरिष्ठ सर्जन डा. कंवर सेन गोयल, मीनाक्षी जैन अस्पताल के संचालक वरिष्ठ सर्जन डा. अनिल जैन और दिशा मिशन अस्पताल के संचालक बाल रोग विशेषज्ञ डा. सुरेश जैन। जींद शहर के इन तीनों जाने-माने डाक्टरों की तिकड़ी हर रोज सुबह इकट्ठे एक घंटा योगासन, प्राणायाम और ध्यान करती है। तीनों डाक्टरों का कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए हर व्यक्ति को रोज योग जरूर करना चाहिए। योग करके ही वे खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखे हुए हैं। तीनों डाक्टरों की खुद की जुबानी पढ़िए योग का महत्व...
मैं एलोपैथी का डाक्टर हूं, लेकिन योग सबको करना चाहिए
मैं छह साल से योगासन कर रहा हूं। हमारे मेंटर हैं। मेरे घर पर रोज सुबह डा. सुरेश जैन, डा. अनिल जैन, राजेश जैन, राजन जैन और रमेश सिंगला योगाभ्यास करते हैं। हम सभी पारिवारिक सदस्यों की तरह हैं। सुबह एक घंटा आसन, प्राणायाम व मेडिटेशन करते हैं। इससे हमारा शरीर पूरी तरह एक्टिव रहता है। शरीर के छोटे-बड़े सभी अंग सक्रिय रहते हैं। ध्यान से दिमाग की सकारात्मकता बढ़ती है। सुस्ती नहीं रहती। गहरी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। मेरी उम्र 62 साल हो चुकी है, आज तक कोई बड़ी बीमारी नहीं हुई। स्वास्थ्य बहुत बढ़िया रहा है। मेरा मानना है कि योग, प्राणायाम व मेडिटेशन हमारे शरीर, मन व आत्मा के लिए खुराक है। यह खुराक सबके लिए बहुत जरूरी है। इससे शरीर के काफी नकारात्मक तत्व खत्म हो जाते हैं। मैं एलोपैथिक डाक्टर हूं, लेकिन मेरा मानना है कि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए योग जरूरी है।
-डा. कंवर सेन गोयल, वरिष्ठ सर्जन, महाराजा अग्रसेन अस्पताल
20 साल से कर रहा हूं योग, कोई बड़ी बीमारी नहीं हुई
शरीर को फिट रखने के लिए सबको योग करना चाहिए। मैं 20 साल से योग कर रहा हूं। यही कारण है कि आज तक कोई गंभीर बीमारी नहीं हुई। न शुगर, बीपी जैसी बीमारी हुई। रोज सुबह एक घंटा योगासन, फिर प्राणायाम व ध्यान करता हूं। आसन से पहले कुछ यौगिक क्रियाएं भी करते हैं। योग से शरीर की सभी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। जोड़ों में लचक बढ़ती है। मानसिक स्तर पर दिमाग में अच्छे हार्मोन्स रिलीज होते हैं। विचारधारा सकारात्मक बनती है। क्रोध, राग, द्वेष कम होते हैं। मैं तो अपने अस्पताल में आने वाले बच्चों को योग की एक्सरसाइज बताता हूं। आजकल बहुत बच्चों को चश्मे लगे हुए हैं। मोबाइल व लैपटाप पर काम करते हैं। उन्हें आंखों व गर्दन की एक्सरसाइज बताते हैं। मोटापा के लिए एक्सरसाइज व डाइट बता देते हैं। योग के साथ यौगिक लाइफ स्टाइल अपनानी चाहिए। यानि कम बोलें, कम खाएं, सबसे दोस्ती करें, वर्तमान में रहें, प्रतिक्रिया से बचें।
-डा. सुरेश जैन, बाल रोग विशेषज्ञ, दिशा मिशन अस्पताल, जींद
फिट रहने को करता हूं योग, मरीजों को करता हूं प्रेरित
शरीर को फिट रखने के लिए चार साल से लगातार योग कर रहा हूं। योग से शरीर के सभी अंग अच्छे तरीके से काम करते हैं। ध्यान से शरीर में लाभदायक हार्मोन्स का स्राव ज्यादा होता है। अवसाद व डिप्रेशन से बचे रहते हैं और शरीर में संतुलन बना रता है। आजकल की लाइफस्टाइल के हिसाब से सबको रोज एक घंटा योगासन व प्राणायाम जरूर करना चाहिए। योग करने से जोड़ों की बीमारियां, फाइब्रोमायल्जिया, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द, टांगों में दर्द जैसी बीमारियों से बचे रह सकते हैं। योग दवाओं से ज्यादा बेहतर है। दवा से बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन स्थायी इलाज योग से ही संभव है। मैं अपने अस्पताल में आने वाले कब्ज के मरीजों, जोड़ दर्द वालों, डायबिटीज, अस्थमा सहित सभी मरीजों को याेग करने के लिए कहते हैं। मेरा संदेश है कि मैं खुद डाक्टर हूं। सभी दवाएं मेरे पास हैं। फिर भी मैं योग कर रहा हूं तो सभी लोगों को योग करना चाहिए।
डा. अनिल जैन, मीनाक्षी जैन अस्पताल, जींद