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सरस्वती महोत्सव शुरू, लोगों को लुभा रहा हरियाणा ग्रामीण परिवेश का दर्शन

अंतरराष्ट्रीय सरस्‍वती महोत्सव-2020 की शुरुआत हो चुकी है। महोत्सव को हरियाणा ग्रामीण परिवेश की तरह से सजाया गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 12:23 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 05:24 PM (IST)
सरस्वती महोत्सव शुरू, लोगों को लुभा रहा हरियाणा ग्रामीण परिवेश का दर्शन
सरस्वती महोत्सव शुरू, लोगों को लुभा रहा हरियाणा ग्रामीण परिवेश का दर्शन

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। इस बार लोगों को हरियाणा ग्रामीण परिवेश लुभा रहा है। खेत खलिहान से लेकर रहन सहन की तस्वीर इस महोत्सव में दिखाया गया है। वहीं खेल मंत्री संदीप सिंह ने हवन यज्ञ से अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2020 की शुरुआत की। सरस मेले का विधिवत उद्घाटन शाम पांच बजे हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती व सौभाग्यवर्धन करेंगे।

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सरस्वती तीर्थ स्थल को इस बार मिनी सूरजकुंड मेले का लुक दिया गया है। ऐतिहासिक बनावली के प्राचीन कुएं की झलक भी यहां देखने को मिलेगी। तीर्थ स्थल पर मेहमानों के लिए विशेष झोपड़ी तैयार की गई हैं और पर्यटकों को खाने में हरियाणा के व्यंजन चूरमा और बाजरे की खिचड़ी दी जाएगी। यहां हरियाणा के गांव के दर्शन संभव हो सकेंगे।

खेल मंत्री ने अंतसलीला स्मारिका का किया विमोचन

शंखनाद की ध्वनि के बीच खेल मंत्री ने स्वयं अपने हाथों से नगाड़ा बजाकर अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ महोत्सव का उद्घाटन किया। समाजसेवी उमाकांत शास्त्री की संपादित पिहोवा के इतिहास और महोत्सव के कार्यक्रमों को दर्शाने वाली अंतसलीला स्मारिका का विमोचन किया। इसके बाद हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी व अंतसलीला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने इसमें प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव को एक बड़ा स्वरूप देने का प्रयास किया गया है। इनको पिहोवा ही नहीं दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों ने भी खुब सराहा है। लोगों के सहयोग से आगे इसको और बेहतर बनाया जाएगा। सरकार धार्मिक  कार्यक्रमों में खुद आगे आ रही है। 

पूरा विश्व देश की प्राचीन संस्कृति से होंगे रूबरू

पदमश्री योगेंद्र बावा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव से पूरे विश्व को देश की प्राचीन संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिल रहा है। महोत्सव में प्राचीन संस्कृति नदी और उसके तटों पर प्राचीन समय के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक झरोखों को भी दिखाने का अनोखा प्रयास किया गया है। डीसी धीरेंद्र खडग़टा ने मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरस्वती महोत्सव 29 जनवरी तक चलेगा। पर्यटकों  की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किए हैं। इस वर्ष सूरजकुंड की तर्ज पर आयोजित करने का प्रयास किया गया है। ब्राह्माण पंचायत के प्रधान विक्रम चक्रपाणी ने भी अपने विचार प्रकट किए। मंच का संचालन प्रोजेक्ट अधिकारी डॉ. पवन आर्य ने किया। 

 International Saraswati Mahotsav 2020

लुभा रही सरस्वती नदी की गुफा

सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड और प्रशासन ने सरस मेले और प्रदर्शनी को नया लुक देने के लिए डिजाइनर डॉ. हनीफ को जिम्मा सौंपा। गुफा में अंत सलीला सरस्वती नदी को दिखाने का प्रयास किया गया। यह करीब 150 फुट की है। गुफा में एक तरफ से पर्यटक प्रवेश करेंगे और दूसरी तरफ से सरस्वती नदी व ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करने के उपरांत बाहर निकलेंगे। 

स्टालों पर हरियाणवीं व्यंजन

महोत्सव में हरियाणा ग्रामीण परिवेश के दर्शन होंगे। जहां स्टालों पर हरियाणवी व्यंजन रखे गए हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं चूल्हे पर रोटी और सब्जी बनाएंगी। इनका नेतृत्व फतेहाबाद की महिलाएं कर रही हैं।

स्वागत द्वार आकर्षण का केंद्र

पिहोवा स्ट्रीट में 5 से 10 दुकानें सजाई गई हैं। नगर कमेटी के सहयोग से 40 स्वागत द्वार बनाए गए हैं। सरस्वती तीर्थ तक आने वाले मुख्य मार्गों पर भव्य झालर भी लगाई गई है।

कब क्या होगा

27 जनवरी : सरस्वती धरोहर गांव की प्रदर्शनी। अंत सलिला सरस्वती दर्शन, स्कूली बच्चे सामूहिक सरस्वती वंदना करेंगे। मंत्रोच्चारण, मानव श्रृंखला, देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुति और सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे।

28 जनवरी : चिराव (मिजोरम नृत्य), स्कूली बच्चे नृत्य नाटिका, होजागिरी (त्रिपुरा), दिलावर कौशिक की प्रस्तुति, एनजेडसीसी के कलाकारों की प्रस्तुति। सरस्वती नदी धरोहर जीर्णोद्धार और जल संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। यह एनआइटी कुरुक्षेत्र के जुबली हॉल में होगी। इसका आयोजन हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र करेगा।

29 जनवरी : वीणा वादन एवं नगाड़े से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। राभा (असम नृत्य), भंगड़ा, स्कूली विद्यार्थियों की नृत्य नाटिका और देशभक्ति पर प्रस्तुति और एनजेडसीसी के कलाकारों की प्रस्तुति होगा।


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