सुशिक्षित समाज के लिए एक पहल ऐसी, जरूरतमंदों की करते हैं मदद
छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से हरियाणा के कैथल में जरूरतमंद अव्वल बच्चों को आगे बढ़ाया जा जाता है। पंजाबी वेलफेयर छात्रवृत्ति योजना के तहत आवदेन मांग कर विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। 2015 से योजना की शुरुआत हुई थी।
कैथल, जेएनएन। शिक्षा एक दीपक की ज्योति की तरह है, यदि यह लौ विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के समय में जगा ले तो अपने मुकाम को आसानी से प्राप्त कर सकता है। परंतु कई ऐसे परिवार होते हैं, जो आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते। उन्हीं विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से पंजाबी सेवा सदन भी कार्य कर रहा है। सदन के सदस्यों ने पंजाबी वेलफेयर छात्रवृत्ति योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहायता देने का बीड़ा उठाया है। जिसमें वह जरूरतमंद विद्यार्थी की जानकारी हासिल कर उन्हें छह हजार रुपये सालाना आर्थिक सहायता देने का कार्य करते हैं। इसमें पढ़ाई में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों का चयन होता ही है, इसके साथ अन्य जरूरतमंद बच्चों की फीस भरी जाती है। सदन की ओर से उन्हें गोद लेकर पढ़ाई का अन्य खर्च भी दिया जा रहा है ताकि उन्हें भविष्य बनाने में किसी प्रकार से आर्थिक परेशानी न झेलनी पड़े। वर्तमान में पंजाबी सेवा सदन द्वारा एक वेलफेयर समिति का गठन किया गया है। जिसके तहत 80 विद्यार्थियों को पढ़ाई का खर्च और पुस्तकों का खर्च दिया जाता है।
2015 में शुरू की थी योजना
पंजाबी सेवा सदन द्वारा पंजाबी वेलफेयर छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इस दौरान शुरूआत में केवल 30 विद्यार्थियों की इस योजना के तहत फीस के रूप में आर्थिक सहायता दी जा रही थी। पिछले पांच सालों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 80 हो चुकी है। समिति द्वारा कोरोना महामारी के कारण केवल पिछले वर्ष ही छात्रवृत्ति नहीं दी है। इस वर्ष से 90 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जानी है।
स्कूल में भरते हैं फीस, पुस्तकें भी देते
पंजाबी वेलफेयर योजना के आयोजित समिति के प्रधान राजकुमार मुखीजा ने बताया कि समिति द्वारा पहली से 10वीं तक के विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। इन विद्यार्थियों के चयन के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन आने के बाद समिति के सदस्य विद्यार्थी के बारे में जानकारी जुटाते हैं कि वह सच में जरूरतमंद है या नहीं। जरूरतमंद होने पर उसे इस योजना में शामिल किया जाता है। यदि योजना में शामिल विद्यार्थी अगले वर्ष कक्षा में अव्वल रहता है तो अगली कक्षा में भी इस योजना का लाभ दिया जाता है। इसमें उन्हें कुल छह हजार रूपये की राशि सालाना दी जाती है। मुखीजा ने बताया कि इस कार्य में समिति के महासचिव सुषम कपूर और जगदीश कटारिया सहयोग करते हैं। इसके अलावा पंजाबी सेवा सदन के सदस्य भी अपनी स्वेच्छा से इसमें आर्थिक सहयोग कर रहे हैं।
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