रेल मंत्री पीयूष गोयल की पहल, कालका-शिमला विश्व धरोहर रेलमार्ग पर स्पीड बढ़ाने की तैयारी
कालका-शिमला विश्व धरोहर रेलमार्ग पर स्पीड़ बढ़ाने के लिए सर्वे किया जाएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल के आदेश पर अंबाला मंडल के अधिकारियों ने स्पीड बढ़ाने के लिए मंथन शुरू किया। रिसर्च डिजाइंस एंड स्टेंडर्डस आर्गेनाइजेशन इसका सर्वे करेगा।
अंबाला, [दीपक बहल]। ब्रिटिशकाल में कालका से शिमला तक पहाड़ों से 102 सुरंगों को काटकर बिछाए गए 96 किलोमीटर के सफर को साढ़े पांच घंटे से घटाकर साढ़े तीन घंटे करने के लिए अब रीअलाइनमेंट के लिए रिसर्च डिजाइंस एंड स्टेंडर्डस आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) फिर से सर्वे करेगी। हालांकि रेल मंत्री पीयूष गोयल करीब पौने तीन साल पहले कालका-शिमला रेल सेक्शन पर आए थे और इस रूट पर छुक छुक दौड़ रही टॉय ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इस सेक्शन पर 919 घुमाव आते हैं, जिनमें से सबसे तीखे मोड़ पर ट्रेन 48 डिग्री के कोण पर घूमती है।
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यह ट्रेन समुद्र तल से 2076 मीटर ऊपर स्थित शिमला तक पहुंचती है। स्पीड बढ़ाने में गोलाई और ऊंचाई ही रोड़ा बनी है, लेकिन अब फिर से रेल मंत्री ने रीअलाइनमेंट के माध्यम से स्पीड बढ़ाने की बात कही है। आरडीएसओ की टीम अब फिर से इस सेक्शन सर्वे कर अपनी रिपोर्ट देगी। रोचक पहलू यह है कि इस सेक्शन में कुछ भी मुख्य बदलाव करने के लिए रेलवे को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) से नो आब्जेक्शन सॢटफिकेट (एनओसी) लेना होगा। मौजूदा समय कालका से शिमला के बीच में ट्रेनों की स्पीड 25 किलोमीटर (किमी) प्रतिघंटा है, जबकि रेल मोटर कार की स्पीड 30 किमी प्रतिघंटा है। अब रीअलाइनमेंट के लिए रेलवे को जमीन चाहिए, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार से रेल मंत्री ने गुजारिश की है। अंबाला रेल मंडल के अधिकारी रीअलाइनमेंट, इसका नक्शा आदि पर रिपोर्ट तैयार कर रेल मंत्रालय को भेजेंगे।
117 साल पहले शुरु हुई थी ट्रेन
कालका-शिमला रेल मार्ग पर आज से करीब 117 साल पहले दो फीट छह इंच की नेरो गेज लेन पर ट्रेन चलाई गई थी। कालका-शिमला रेलमार्ग पर 861 पुल बने हुए हैं। बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है। सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन अढ़ाई मिनट का समय लेती है। यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वल्र्ड हेरिटेज में शामिल किया था।
इस तरह से दी थी रिपोर्ट
रेल मंत्री के निर्देशों पर पहले भी स्पीड बढ़ाने को लेकर कसरत की गई थी। हालांकि इस में कामयाबी नहीं मिल पाई। आरडीएसओ की टीम ने जो अपनी रिपोर्ट दी थी, उसके मुताबिक कई घुमाव ऐसे हैं, जहां पर ट्रेन 48 डिग्री घूमती है। ऐसे घुमाव पर ट्रेन की स्पीड 24 किमी प्रतिघंटा से आगे नहीं नहीं बढ़ सकती।
रेलमंत्री के आदेशों पर फिर से होगा सर्वे : जीएम सिंह
अंबाला मंडल रेल प्रबंधक जीएम सिंह ने कहा कि हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कालका-शिमला रेल सेक्शन का निरीक्षण किया है। उनका मानना है कि इस सेक्शन पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने पर हर संभव प्रयास किए जाने चाहिएं। इसके लिए आरडीएसओ की टीम सर्वे करेगी और फिर हिमाचल सरकार से जितनी जमीन चाहिए, उस बारे में पत्राचार किया जाएगा।
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